उन क्षेत्रों पर गौर करना चाहिए जो पारदर्शिता और संसदीय उत्तरदायित्व के पोषक : वित्त मंत्री

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ज़ाकिर हुसैन
आई.एन.वी.सी.,,
दिल्ली,,

वित्त मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि किसी भी सरकार के लिए एक सुदृढ़, व्यापक तथा पारदर्शी लेखा व्यवस्था अत्यन्त आवश्यक है। सरकार में उपार्जन आधारित वित्तीय सूचना विषय पर राज्य के वित्त मंत्रियों के एक दिवसीय सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सरकार में उपार्जन आधारित वित्तीय सूचना, जन क्षेत्र में लेखा और वित्तीय प्रतिवेदन में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही सिद्धांत रुप में उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली लागू करने संबंधी बारहवें वित्त आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। इसी के अनुसार भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के कार्यालय के तहत सरकार के लेखा प्रमाणन सलाह बोर्ड-जीएएसएबी ने इसे अमल में लाने के लिए एक परिचालन रूपरेखा और विस्तृत दिशानिर्देश तैयार किया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि हमें उन क्षेत्रों पर गौर करना चाहिए जो पारदर्शिता और संसदीय उत्तरदायित्व के पोषक हैं और सरकार में निर्णय लेने वालों के प्रयोग के लिए हितकर हैं। उन्होंने कहा कि आज सरकार को किसी सेवा के लिए वित्तीय व्यावहार्यता और परिसंपत्ति के रखरखाव और उसे बदलने की भविष्य की योजना में धन देने के लिए विस्तृत वित्तीय सूचना की आवश्यकता है।

वित्त मंत्री ने कहा कि उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली की प्रासंगिकता को जन वित्तीय प्रबंधन के समस्त परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं को प्रभावी बनाने, नीति निर्माण करने और जन संसाधनों की बजटीय प्रक्रिया में मौजूदा लेखा कार्यप्रणाली के स्थान पर उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली को लागू कर इसे आंका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ परीक्षण परियोजनाओं से मिली जानकारी और अन्य देशों के अनुभव के आधार पर यह स्प्ष्ट है कि उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली को लागू करना इतना आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमें पहले गुणदोष संबंधी और शुरुआती कदमों की स्पष्ट पहचान करनी होगी। ऐसा करने में हमें सरकार के तीसरे स्तर के शासन यानि स्थानीय निकाय की आवश्यकताओं और क्षमता को ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकारों से पर्याप्त सहायता की आवश्यकता पड़ेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए हमें प्रशासकीय और लेखा संगठनों की क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उपार्जन आधारित लेखा प्रणाली लागू करने में सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से एक मज़बूत सूचना प्रणाली गठित करने की आवश्यकता है। इसके लिए केन्द और राज्य सरकारों के विभिन्न कम्प्यूटर विभागों को सुमेलित करना होगा जिससे कि दोनों में तालमेल रहे

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