उत्तर प्रदेश में महिलाये उत्पीड़न की शिकायतें अब होंगी ऑनलाइन दर्ज -मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस विभाग में लागू हुई नई व्यवस्था

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1090 वीमेन पावर लाइन की सफलता के बाद महिलाओ  की सहायता हेतु प्रदेश सरकार का बड़ा निर्णय

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लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देश पर महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधांे की शिकायत ऑनलाइन दर्ज किये जाने की व्यवस्था लागू कर दी गयी है। महिला उत्पीड़न की शिकायतो के प्रति पुलिस को और अधिक संवेदनशील एवं उत्तरदायी बनाने हेतु जनसामान्य को इन अपराधों की ऑन लाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा उत्तर प्रदेश में पहली बार उपलब्ध करायी गयी है।
यह शुरुआत अपने आप में पूरे देश में अनूठी है तथा इसके शुरु होने से अब महिलाओं को थाने जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराने की आवश्यकता नही रह गयी है। पीड़ित महिलायें स्वयं घर बैठे ऑनलाइन या उसकी ओर से कोई दूसरा व्यक्ति ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकता है।
प्रमुख सचिव गृह श्री अनिल कुमार गुप्ता ने उक्त जानकारी देते हुए आज यहां बताया कि इस कड़ी मे अब तक 85 शिकायतें ऑनलाइन दर्ज की जा चुकी हैं।
श्री अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि उक्त वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करते ही आवेदक के मोबाइल नम्बर पर एक पासवर्ड आता है, जिसके माध्यम से वह समय-समय पर लॉग-इन करके शिकायत पर हुई कार्यवाही की प्रगति को देख सकता है। शिकायतकर्ता यदि अपना नाम, पता यदि गोपनीय रखना चाहें तो उसकी भी अनुमति दी गयी है। सबूत के तौर पर उत्पीड़न से संबंधित फोटोग्राफ अथवा वीडियो भी अपलोड़ किये जाने की सुविधा इसमें दी गयी है।
प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि पुलिस कप्तानो को ऑनलाइन मिली शिकायतो का पूरा विवरण निकलवाकर जॉच पड़ताल कराये जाने और शिकायत सही पाये जाने पर मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये है। शिकायत वेबसाइट पर अपलोड होते ही संबंधित जनपद प्रभारी, रेंज प्रभारी व जोन प्रभारी को उनके मोबाइल पर एलर्ट जाता है।
प्रत्येक जनपद मंे एक राजपत्रित अधिकारी को पुलिस वेबसाइड़ पर अपलोडेड सूचनायंे प्राप्त करने का उत्तरादायित्व सौपने के निर्देश दिये गये है। इस कार्य हेतु यथासम्भव महिला राजपत्रित अधिकारी को नियुक्ति को प्राथमिकता देने के लिए कहा

गया हैं। नामित अधिकारी निरन्तर वेबसाइट पर अपने जनपद से संबंधित शिकायतो को चेक करायेगें एवं शीघ्र कार्यवाही कराने के उपरान्त कार्यवाही रिपोर्ट पुलिस वेबसाइट पर अपलोड करायेगें।
यह भी निर्देश दिये गये हैं कि एक्शन टेकेन रिपोर्ट अपलोड करने से पूर्व यह ध्यान रखा जाय कि शिकायतकर्ता अथवा एक्यूजड किसी की जानकारी वेबसाइट पर प्रदर्शित न हो। जनपदीय प्रभारी पुलिस अधीक्षको को विशिष्ट रुचि लेते हुये इस सारी कार्यवाही की साप्ताहिक समीक्षा करने की जिम्मेदारी सौपी गयी है। इसके अलावा रेंज डीआईजी व जोन आईजी को ऐसे शिकायतों पर कार्यवाही की समीक्षा कर अर्द्धमासिक/ मासिक रिपोर्ट प्राप्त कर उचित निर्देश देगें, ताकि महिलाओं को भयमुक्त वातावरण मिलने में सहायता मिल सके।
वेबसाइट पर शिकायतकर्ता के नाम व पते आदि से संबंधित गोपनीय विवरण को छोड़कर शेष अन्य जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहती है जिस पर कोई भी व्यक्ति हुई कार्यवाही की जानकारी कर सकता है और उस पर लाइक या अनलाइक की टिप्पणी भी कर सकता है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि पुलिस ने जो कार्यवाही की है उससे शिकायतकर्ता संतुष्ट होकर पुलिस की कार्यवाही में लाइक व अनलाइक में लिंक कर रहे है।
प्रमुख सचिव गृह ने इस वेबसाइट के निर्माण में सराहनीय योगदान हेतु तकनीकी सेवाओं के पुलिस महानिरीक्षक श्री संदीप सलुंके को बधाई देते हुए कहा है कि इससे पुलिस कार्यवाही की गुणवत्ता का भी आकलन हो रहा है। इससे पूरी व्यवस्था मंे पारिदर्शिता रहती है और गलत कार्यवाही पर जनता फीड़बैक भी उच्चाधिकारियों को समुचित कार्यवाही हेतु सहायक होता है। शिकायत के बाद हुई कार्यवाही की प्रगति समीक्षा रंेज व जोनस्तर पर रेंज डीआईजी व जोनल आई.जी. द्वारा की जा रही है। व्यवस्था के ऑन लाइन होने के कारण शिकायत पर हुई कार्यवाही की जानकारी मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व अन्य वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी देख कर पुलिस कार्यवाही की समीक्षा भी कर सकते है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 15 नवम्बर 2012 को ‘‘वीमेन पावर लाइन 1090’’ की शुरुआत मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा अपने आवास पर आयोजित एक समारोह में की गयी थी। इसके माध्यम से छात्राओं, कामकाजी लड़कियों और महिलाओं को आये दिन आने वाले अश्लील एसएमएस, एमएमएस और फेक काल्स से हो रहे मानसिक उत्पीड़न से राहत दिलाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा ऐतिहासिक कदम उठाया था। इसके अन्तर्गत 15 मई 2014 तक 2 लाख 13 हजार से अधिक शिकायती मामले दर्ज कि गये जिनमें से 1 लाख 98 हजार से अधिक शिकायतों का पूर्णतयाः समाधान किया जा चुका है। पावर लाइन के माध्यम से विभिन्न जिलों में महिलाओं को परेशान किये जाने से संबंधित 543 अभियोग भी पंजीकृत कराये गये है।

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