उत्तराखंड पर्यटन को मिलगा नया आयाम – हो सकता है पर्वतारोहण का शुल्क माफ, मुख्य सचिव ने दिए संकेत

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 मुख्य सचिव सुभाष कुमार, गंगा नदी, मंदाकिनी, अलकनंदा, महाकाली, टोंस, सरयू , रामगंगा नदी,राफ्टिंग ,उत्तराखंड मुख्य सचिव सुभाष कुमारआई एन वी सी ,

देहरादून,
पर्यटन के अवस्थापना विकास एवं निवेश कार्यक्रम (आईडीआईपीटी) की तीसरी राज्य स्तरीय कार्यकारिणी समिति की बैठक में तीन नये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की मंजूरी दी गई। मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में कतिपयों संशोधनों और सुझावों के साथ डीपीआर पर स्वीकृति दी गई। इसके तहत राज्य में साहसिक पर्यटन केन्द्र, पिथौरागढ़ किले का जीर्णाेद्धार और विशेष तरह के साइनेज शामिल हैं।
बैैठक में तय किया गया कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए गंगा नदी के अलावा मंदाकिनी, अलकनंदा, महाकाली, टोंस, सरयू और रामगंगा नदी घाटियों में भी राफ्टिंग, बीच कैम्पिंग आदि साहसिक गतिविधियां चलाई जायेंगी। 11.86 करोड़ रूपये की इस प्रस्तावित परियोजना से राफ्टिंग, वयाकिंग, राॅक क्लाइम्बिंग, रोप गतिविधियां, एंगलिंग, ट्रैकिंग आदि साहसिक गतिविधियां निजी क्षेत्र के सहयोग से चलाई जायेंगी। इसके अलावा 4.51 करोड़ रूपये की लागत से पिथौरागढ़ फोर्ट का नवीनीकरण किया जायेगा। डीपीआर में विश्व स्तरीय साइनेज लगाने का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया। इसके तहत प्रदेश में 16 करोड़ रूपये की लागत से 15 वेलकम साइनबोर्ड लगाये जायेंगे। प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी सम्बंधी 25 बोर्ड लगाये जायेंगे। 3.61 करोड़ रूपये की लागत से 216 स्पेशल साइनेज लगाने का प्रस्ताव है। पहले चरण में 50 साइनेज लगाये जायेंगे। इसमें आस-पास क्षेत्र की सम्पूर्ण जानकारी होगी। इसके अलावा बैठक में पर्वतारोहण का शुल्क माफ करने पर भी चर्चा हुई। इससे राज्य की पर्यटन गतिविधियां बढ़ेगी। वन विभाग ने इस पर सैद्धांतिक सहमति दी। एक सप्ताह बाद शासनादेश जारी करने का आवश्वासन दिया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव वन एस रामास्वामी, सचिव शहरी विकास डीएस गब्र्याल, सचिव पर्यटन अमाकांत पवांर, अपर सचिव सचिन कुर्वे, अपन सचिव वन मनोज चंद्रन सहित अन्य वरष्ठि अधिकारी उपस्थित थे।

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