इबोला वायरस के प्रबंधन को स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री दियें कडे निर्देश – लापरवाही पड़ सकती हैं अब भारी

0
23
J P Nadda,Union Minister of Health and Family Welfare, J P Naddaआई एन वी सी,
दिल्ली,
केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने पश्चिम अफ्रीका में इबोला वायरस की बीमारी फैलने से उत्‍पन्‍न स्थिति की नयी दिल्‍ली में अंतर मंत्रालय बैठक में समीक्षा की। विदेश और जहाजरानी मंत्रालय और नागर विमानन महानिदेशालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान विभाग, पशुपालन विभाग, राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन ब्‍यूरो, सशस्‍त्र बल चिकित्‍सा सेवाएं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान, केंद्र सरकार के अस्‍पतालों, एनसीडीसी, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन और सीडीसी वैश्विक रोग पहचान क्षेत्रीय केंद्र और स्‍वास्‍थ्‍य परिवार कल्‍याण मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने निर्देश दिए कि हवाई अड्डों पर स्‍थापित संदिग्‍ध मरीजों को अलग-थलग रखे जाने की सुविधाओं के लिए सभी मानक दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि हवाई अड्डों पर इस व्‍यवस्‍था में खामियों का पता लगाने के लिए तीन सदस्‍यीय दलों का गठन किया जाएगा। इसमें स्‍वास्‍थ्‍य और नागर विमानन मंत्रालय तथा उत्‍प्रवास से संबंधित अधिकारी शामिल होंगे। ये दल एक सप्‍ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने इबोला वायरस की बीमारी पर काबू पाने के लिए सभी संबंधित पक्षों में सतर्कता, सघन प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के महत्‍व पर फिर जोर दिया और उन्‍होंने यह भी निर्देश दिया कि यात्रियों की जांच और तलाशी में जुटे सभी पक्षों को जागरूक बनाया जाए।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि हवाई अड्डों के अलावा बंदरगाहों पर भी की जा रही निगरानी को मजबूत बनाना होगा। उन्‍होंने बंदरगाहों पर निगरानी सुविधा से संबंधित कामकाज की विस्‍तृत रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने को भी कहा।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने इच्‍छा जाहिर की कि उनका मंत्रालय अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य विनियमों के अंतर्गत आवश्‍यक क्षमताएं पूरा करने के लिए कार्य योजना बनाने में तेजी लाए। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने प्रयोगशाला सुविधाओं का महत्‍व बताते हुए कहा कि इस महीने के अंत तक 10 शीर्ष प्रयोगशालाओं को मजबूत बनाने की जरूरत है। एक अन्‍य शीर्ष क्षमता यानी अस्‍पताल की संवेदनशीलता के बारे में उन्‍होंने संबंधित पक्षों से इबोला वायरस रोग जैसी नई उभरती बीमारियों के अल्‍पकालिक और दीर्घकालिक चिकित्‍सा प्रबंधन की रणनीति विकसित करने को कहा। श्री नड्डा ने स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अधिकारियों से विशेषज्ञ दलों का गठन करने को कहा जो राज्‍यों में जाकर निर्धारित अस्‍पतालों में तैयारी पर रिपोर्ट देंगे। उन्‍होंने कहा कि राज्‍यों क्षमता निर्माण के लिए मिलकर काम किए जाने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि चिकित्‍सकों और अर्धचिकित्‍सकों के प्रशिक्षण को निरंतर जारी रखा जाना चाहिए।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि आवश्‍यकता पड़ने पर रक्षा मंत्रालय के पास उपलब्‍ध बड़ी संख्‍या में चिकित्‍साकर्मियों का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। उन्‍होंने यह प्रस्‍ताव भी किया कि इबोला के लिए क्षमता निर्माण की प्रक्रिया रक्षा मंत्रालय के तहत चिकित्‍सकों और नर्सों के लिए भी शुरू की जानी चाहिए ताकि उन्‍हें इबोला जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए सक्षम बनाया जा सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here