इक्कीसवीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का तीसरा दिन – मौज मस्ती के बीच ज्ञान विज्ञान

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म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषदआई एन वी सी ,
भोपाल ,
 म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की मेजबानी में आयोजित  पांच-दिवसीय इक्कीसवीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में तीसरा दिन पूरी तरह गतिविधियों से सराबोर रहा। बाल विज्ञानियों में विषेष उत्साह दिखाई दिया। विज्ञान भवन के प्रांगण में चल रहे इस उत्सव के दौरान विभिन्न मंडपों और स्टॉलों पर आज ‘दीपावली मेले’ जैसा माहौल था।
     प्रदर्षनी स्थल पर ‘एक्टविटी कार्नर’ में बच्चों की भीड़ जुटी। यहां बच्चों को स्वयं गतिविधियां करके विज्ञान को सीखने का एक अच्छा और सुनहरा अवसर मिला। वास्तव में यह विज्ञान से जुड़ने का रोमांचकारी अनुभव भी था। नागपुर के निम्न लागत प्रयोगों से जुड़ी संस्था और कोलकाता के साइंस कम्युनिकेटसर फोरम के स्टॉलों पर भीड़ थी। दोनों ही स्टॉलों पर प्रयोगों को करने और विज्ञान को सीखने की होड़ लगी हुई थी। एकलव्य के स्टॉल पर कागज से खिलौने बनाने की वैज्ञानिक विधा ‘ओरेगैमी’ में बच्चों ने विषेष रुचि दिखाई। वैज्ञानिक दृष्टिकोण, जयपुर के स्टॉल पर पूरी तरह विज्ञान समाचारों पर केंद्रित पाक्षिक समाचारपत्र ‘वैज्ञानिक दृष्टिकोण,’  को बच्चों ने पसंद किया। वास्तव में, गतिविधि आधरित स्टॉलों पर विद्यार्थियों ने विषेष रुचि दिखाई। पोस्टर प्रस्तुतीकरण मंडप में बाल विज्ञानियों की भारी भीड़ रही। यहा फोकल थीम यानी मुख्य कथानक  ‘ऊर्जा:संभावनायें,उपयोग और संरक्षण’ पर बच्चों की सृजनषील प्रतिभा देखने को मिली। बच्चों ने विषेषज्ञों के सामने तालिका और ग्राफ के जरिये अपने पोस्टर और चार्ट प्रस्तुत किये।
    अध्यापकों की कार्यषाला में प्रातः सत्र में मुम्बई की विषेषज्ञ डॉ. मीना षर्मा ने विद्युत ऊर्जा के भौतिकी पक्षों पर विस्तारपूर्वक प्रकाष डाला। बाद में विचारोत्तेजक प्रष्नोतरी सत्र भी हुआ।  आज वीडियो क्रांफ्रेंस में बाल विज्ञानियों को ‘फन साइंस’ पर विभिन्न सवाल पूछने का मौका मिला। कोलकाता के विख्यात वैज्ञानिक श्री मैहर इंजीनियर और डॉ. जी. एस. रौतेल ने जिज्ञासाओं का समाधान किया। मोबाइल तारामंडल में एक साथ लगभग 30 बच्चों ने खगोलीय कार्यक्रमों का आनंद लिया। दिन भर यह सिलसिला जारी रहा। लंच में बच्चों ने परम्परागत व्यंजनों का आनंद उठाते हुए विज्ञान की बातों को लेकर वैचारिक आदान-प्रदान भी  किया। आज भी उत्सव में सहभागिता कर रहे बालविज्ञानियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रभावी प्रस्तुति से भाव-विभोर कर दिया।

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