इंडियन मीडिया सेंटर गवर्निंग की बैठक, टीआरपी सिस्टम में हो पारदर्शिता

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जयश्री राठौड़
आई.एन.वी.सी,,
शिमला,,
इंडियन मीडिया सेंटर के गवर्निंग बोर्ड की आज यहां आयोजित बैठक में प्रेस की स्वतंत्रता और मीडिया में स्व-नियंत्रण को लेकर सर्वसम्मति से तीन प्रस्ताव पारित किए गए। पहले प्रस्ताव के माध्यम से मौजूदा घातक टेलीविज़न रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) को और अधिक पारदर्शी, मज़बूत और प्रतिनिधियों एवं दर्शकों के व्यापक मूल्यांकन पर आधारित प्रणाली से बदलने जाने की मांग की गई। गवर्निंग बोर्ड ने जनहित में सरकार से टीएएम के प्रोत्साहकों सहित सभी हिस्साधारकों के परामर्श करने की मांग की ताकि पहले चरण में सैम्पल साईज को 30 हजार मीटर और आगामी पांच वर्षों मंे एक लाख मीटर तक बढ़ाया जा सके। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भद्दे आक्रमण से सम्बन्धित एक अन्य प्रस्ताव में राजद्रोह अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया, ताकि इसके दुरूपयोग को रोका जा सके। साथ ही, पत्रकारों को भी यह दिमाग में रखना चाहिए कि उनकी किसी टिप्पणी से राष्ट्रीय भावनाओं को ठेस न पहुंचे। बोर्ड ने प्रसिद्ध व्यंग चित्रकार श्री असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी और उनके साथ हुए व्यवहार पर भी खेद प्रकट किया। इंडियन मीडिया सेंटर ने अपने तीसरे प्रस्ताव में भारत सरकार से आग्रह किया कि वह मीडिया संस्थानों, नागरिक समितियों व राजनीतिक दलों सहित सभी हिस्साधारकों के साथ व्यापक परामर्श में सहयोग करे ताकि संसद के अधिनियम के माध्यम से भारतीय मीडिया परिषद् के गठन पर राष्ट्रीय स्तर पर सर्वसम्मति बन सके। प्रस्तावित परिषद का न्यूज़पेपर ऑफ इंडिया के रजिस्ट्रार और डीएवीपी दोनों पर नियंत्रण हो ताकि इसके मापदण्डों, नियमावली, दिशा-निर्देशों की अवहेलना करने वाले प्रकाशनों व चैनलों के लाइसेंस, शीर्षक अथवा विज्ञापन के रूप में मिलने वाले सहयोग को रद्द किया जा सके। इस प्रकार परिषद् के पास एक ट्रिब्यूनल की शक्तियां हों, जिसके निर्णयों को केवल भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष ही चुनौती दी जा सके। इससे पहले, गवर्निंग बॉडी की बैठक के आरम्भ में इंडियन मीडिया सेंटर के अध्यक्ष श्री चंदन मित्रा ने आज मीडिया और देश के समक्ष खड़े प्रमुख मुद्दों पर चिंता व्यक्त की। स्वतंत्रता आन्दोलन में मीडिया द्वारा निभाई गई भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की कि बड़े औद्योगिक एवं व्यापारिक घराने अपने हित साधने के लिए इस व्यवसाय से जुड़ रहे हैं, जिससे उन लोगों के सामने प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है, जो एक मिशन के रूप में इससे जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता के वास्तविक मूल्यों को लेकर व्यापक जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है, जो इस व्यवसाय का मूल धर्म है। श्री चंदन मित्रा ने मीडिया में आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए कार्य करने और उन ऐसे समाचारों एवं विचारों से बचने पर भी बल दिया जो समाज और राष्ट्र के व्यापक हित में नहीं हों। उन्होंने नीति निर्धारकों का भी आह्वान किया कि देश हित में ऐसे मुद्दों पर चर्चा के लिए आगे आएं। इंडियन मीडिया सेंटर के निदेशक श्याम खोसला ने कहा कि संेटर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि वरिष्ठ पत्रकार, कार्यवाहक पत्रकार और अन्य बृद्धिजीवी राष्ट्र व समाज के हित में समर्पित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता से जुड़े व्यवसायी भारी संख्या में इस अभियान में शामिल हो रहे हैं, जो प्रसन्नता की बात है। इंडियन मीडिया संेटर की स्थापना जहां प्रेस की स्वतंत्रता बनाए रखने के उद्देश्य से की गई है, वहीं इस पत्रकारिता से जुड़े लोगों को इस व्यवसाय के नैतिक मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करना भी है ताकि सही मायनों में यह व्यवसाय लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बना रहे। इंडियन मीडिया सेंटर के हिमाचल प्रदेश चैप्टर के अध्यक्ष पी.सी. लोहमी ने बैठक में शामिल प्रतिनिधियों का स्वागत किया और सेंटर के उद्देश्यों पर प्रकाश
डाला।

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