आर्य समाज ने आजादी के आन्दोलन में भूमिका निभाकर लोगों में राष्ट्रभावना पैदा की : भूपेन्द्र सिंह हुड्डा

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आई.एन.वी.सी,,
हरयाणा,,
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि स्वामी दयानंद सामाजिक चेतना के अग्रदूत थे। समाज में उन्होंने जागृति पैदा की और मानव मात्र के कल्याण के लिए कार्य किये। उन्होंने समाज में फैले अंधविश्वास, ऊंच-नीच और छुआछूत जैसी बुराईयों को  मिटाने का प्रयास किया। वे एक क्रांतिकारी समाज सुधारक थे। श्री हुड्डा ने ये उद्गार आज नई दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय  आर्य महासम्मेलन में व्यक्त किये। चार दिन के इस सम्मेलन का आज दूसरा दिन था। सम्मेलन में देश-विदेश से आये हजारों प्रतिनिधि मौजूद थे। इस अवसर पर दिल्ली विधान सभा के अध्यक्ष डा.योगानंद शास्त्री, राज्य सभा सांसद डा. राम प्रकाश, आचार्य बलदेव,महाशय धर्मपाल, श्री प्रकाश आर्य, श्री विनय आर्य,डा. धर्मवीर और अन्य विद्वान भी मौजूद थे। श्री हुड्डा ने कहा कि आर्य समाज ने देश की आजादी  के आन्दोलन में उल्लेखनीय भूमिका निभायी और लोगों में राष्ट्र सेवा की भावना पैदा की। स्वामी श्रद्घानंद,महात्मा हंसराज,लाला लाजपत राय,राम प्रसाद बिस्मिल,मदन लाल ढींगरा, शहीदे-ए-आजम भगत सिंह जैसे अनेक देश भक्त थे, जिनके जीवन पर आर्य समाज की गहरी छाप थी। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष स्वर्गीय डा.पट्टाभि सीतारमैया के अनुसार स्वतंत्रता आन्दोलन में 80 प्रतिशत आर्य समाजी थे। श्री हुड्डा ने कहा कि मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मेरा जन्म आर्य समाजी परिवार में हुआ। मेरे दादा चौधरी मातू राम जी का स्वामी दयानंद के आदर्शों और सिद्घांतों में गहरा विश्वास था। उन्होंने 1912 में एंगलो-संस्कृत स्कूल की स्थापना की। मेरे पिता चौधरी रणबीर सिंह गुरूकुल में पढ़े।
श्री हुड्डा ने कहा कि 2005 में जब उनकी सरकार बनी, तो उन्होंने 5 मार्च को दयानंद जंयती पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने कहा कि पिछले साढे सात वर्षों में हमने हरियाणा में  स्वामी दयानंद जी आदर्शों पर चलते हुये समाज के सभी वर्गों के कल्याण की योजनायें बनाई हैं। महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए खानपुर कलां में महिला विश्वविद्यालय और एक महिला मेडिकल कालेज भी खोला गया है। श्री हुड्डा ने कहा कि वैदिक संस्कृति तीन माताओं-जननी,धरती माता और गौमाता की सेवा करने की प्रेरणा देती है। हरियाणा में बड़ी संख्या में गौशालायें हैं और सरकार शीघ्र ही गौरक्षा आयोग का गढ़न करेगी। श्री हुड्डा ने कहा कि आज भी समाज में कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुराइयां पनप रही हैं। साम्प्रदायिकता और आंतकवाद जैसी समस्यायें हैं। आर्य समाज को इन सामाजिक बुराइयों के विरूद्घ वैचारिक क्रांति पैदा करनी होगी और अंधविश्वास मुक्त तथा शोषण मुक्त समाज का निर्माण करना होगा। यह कार्य केवल कानून से नहीं हो सकता। श्री हुड्डा ने  अंतरराष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन का आयोजन करने के लिए सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा और दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा को बधाई दी और विश्वास व्यक्त किया कि महासम्मेलन में जो गहन विचार-मंथन होगा, उससे मानवता के कल्याण को नई दिशा मिलेगी। डा. योगानंद शास्त्री ने हरियाणा में आर्य समाज के प्रचार-प्रसार में श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के दादा चौधरी मातूराम और उनके परिवार की भूमिका की सराहना की। डा.शास्त्री ने गौ-सेवा के महत्व पर भी जोर डाला और कहा कि गाय का दूध, दही, घी, गौ-मूत्र आदि के प्रयोग से अनेक रोगों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है। खेतों में गाय के गोबर की खाद के उपयोग से हृदयाघात और कैंसर जैसे  रोग भी नहीं होते। डा. राम प्रकाश ने कहा कि मैंने श्री हुड्डा के परिवार को आर्य समाज की दृष्टि से देखा है। उनकी सोच इस बात का परिचायक है कि वे आर्य समाज के संस्कारों में पल कर बड़े हुये हैं। डा. राम प्रकाश ने कहा कि हमें अपने घर को दयानंद का घर बनाना चाहिये और उनके ग्रंथों का स्वाध्याय करना चाहिये तथा बच्चों को अच्छे संस्कार देने चाहियें। इस अवसर पर चौधरी मातूराम के जीवन की यज्ञोपवीत धारण करने के बाद उनके बहिष्कार की घटना को छोेटे बच्चों ने एक लघु नाटिका के रूप में प्रस्तुत किया, जिसे देख कर सभी भावुक हो गये। इस समारोह में श्री हुड्डा को एक स्मारिका और शाल भी भेंट की गई।

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