आम उपभोक्ता और उनके हित

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consumer ritesआई एन वी सी,
जयपुर,
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री श्री हेम सिंह भडाना ने कहा कि राज्य के शहरी एवं ग्रामीण क्षेंत्रो में निवास करने वाले आम उपभोक्ताओं में उनके हितों की सुरक्षा के प्रति चेतना जागृत करने एवं पीडित उपभोक्ताओं को समय पर न्याय दिलवाने के लिए राज्य सरकार आगे आकर कार्य करेगी।
मंगलवार को इन्दिरा गांधी पंचायतीराज प्रशिक्षण संस्थान मे राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर आयोजित  समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि  शोषित उपभोक्ताओं समय पर न्याय मिले तथा आम उपभोक्ताओं ठगने से बचाने के लिए उपभोक्ता मामले विभाग को और सक्रिय बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक उपभोक्तावाद ने जहां उपभोक्ता को बाजार का राजा बनाया है वहीं उसका बड़े स्तर पर शोषण भी प्रारम्भ हुआ है। उपभोक्ताओं का संरक्षण करने के लिये भारत में सिविल प्रक्रिया संहिता सहित अनेक उपभोक्ता विषयक कानून बनाये गये, किन्तु उपभोक्ता हितों के उत्तम संरक्षण के लिये उपभोक्ता संरक्षण बिल लोकसभा में 5 दिसम्बर, 1986 को प्रस्तावित किया गया। दोनों सदनों से पारित किये गये उपभोक्ता संरक्षरण बिल को राष्ट्रपति की सहमति 24 दिसम्बर 1986 को प्राप्त हुई। इसी क्रम में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस प्रति वर्ष मनाया जाता है, ताकि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति सचेत व जागरूक किया जा सकें।
खाद्य ,नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश मे आम उपभोक्ता को  सूचना का अधिकार, चयन का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, सुनवाई का अधिकार और क्षतिपूर्ति का अधिकार दिये गये है। राज्य सरकार प्रदेश में छात्रों के माध्यम से उपभोक्ता आंदोलन को गति प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रायोजित योजना के अन्तर्गत राज्य में 1000 क्लब स्थापित किये गये है। इन क्लबों के अन्तर्गत कक्षा 9 से 12 तक के 50 विद्यार्थियों का समूह विद्यालयों में उपभोक्ता संरक्षण विषयक गतिविधियों का आयोजन किये जा रहे है  एवं उपभोक्ता विषयक प्रचार-प्रसार भी किये जाते है। राज्य में कुल 1000 उपभोक्ता क्लब कार्यरत हंै। इन क्लबों की गतिविधियों में कार्यशाला, संगोष्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, निबंध, भाषण, वाद विवाद, स्लोगन एवं चित्रकला से संबंधित कार्यक्रमों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाता है।
उन्होंने कहा शिक्षा के माध्यम से उपभोक्ता के हितों के प्रचार-प्रसार हेतु इन क्लबों को सक्रिय किया जाकर 10 हजार रुपये प्रति क्लब के हिसाब से 1000 क्लबों के लिए कुल एक करोड रुपये दिलवाने के प्रयास किये जायेगें ताकि प्रदेश के युवा वर्ग को भी उपभोक्ता के अधिकारों के प्रति सचेत किया जा सकें। उन्होंने कहा कि माध्यमिक एवं उच्च माघ्यमिक विद्यालयों की तर्ज पर कॉलेज शिक्षा के अन्तर्गत भी  राज्य भर में कम से कम 500 क्लब स्थापित किये जायेगे। इन क्लबों में उच्च शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों और एन.सी.सी. एन.एस.एस. के विद्यार्थियों को इससे जोड़े जाने पर उपभोक्ता आन्दोलन और अधिक गति पकडेगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में नियमित शिक्षा व्यवस्था  के  अतिरिक्त  बीएड  कॉलेज,  तकनीकी  शिक्षा, स्वास्थ्य  शिक्षा,  आदि से संबंधित संस्थानों को भी जोडऩे के प्रयास किये जायेगें।  इन उपभोक्ता क्लबो में न्यूनतम सदस्य संख्या 100 तक हो सकती है तथा राजकीय संस्थानों के अतिरिक्त इसमें निजी शिक्षण संस्थानों को भी सम्मिलित किया जा सकता है। इनकी गतिविधियों, कार्यप्रणाली, समन्वय एव मॉनिटरिंग , वित्तीय प्रबंधन एवं अंकेक्षण हेतु उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा कार्य योजना बनायी जायेगी।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री ने कहा कि राज्य में उपभोक्ता संरक्षण गतिविधियों के व्यापक प्रचार-प्रसार, उपभोक्ता शिक्षा के विस्तार, उनके अधिकारों के संरक्षण एवं संवद्र्घन की दृष्टि से सभी जिलों में उपभोक्ता सूचना-सेवा केन्द्र खोले जायेगें। इन केन्द्रों में उपभोक्ता संरक्षण विषयक पुस्तकें, साहित्य, पत्र पत्रिकाएं, न्यूज लेटर्स एवं वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप सूचना एवं तकनीक से सुसज्जित एक पुस्तकालय की स्थापना  भी किये जाने पर विचार किया जा रहा है। इन सेवा केन्द्रों मेंं पुस्तकालयाध्यक्ष के अतिरिक्त एक उपभोक्ता मित्र, विधिक सलाहकार सहित एक प्रबंधक व सहायक कर्मी होंगे। जिला स्तर पर आयोजित की जाने वाली समस्त उपभोक्ता विषयक गतिविधियाँ इन्ही केन्द्रों के माध्यम से संचालित की जायेंगी। संबंधित उपभोक्ता न्यायालयों में परिवाद दायर करने से पूर्व विधिक परामर्श नि:शुल्क दिया जायेगा। सेवा केन्द्र गांव-गांव, ढ़ाणी-ढ़ाणी उपभोक्ता विषयक गतिवधियों का भी संचालन एवं प्रचार-प्रसार करेगा एवंं स्थानीय भाषा में उपभोक्ता साहित्य का प्रकाशन, मुद्रण एवं वितरण भी करेगा। प्रारंभिक रूप से यह सेवा केन्द्र किसी राजकीय भवन में संचालित किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय उपभोक्ता हैल्प लाइन की तर्ज पर सभी जिलों में जिला स्तरीय उपभोक्ता हैल्प लाइन की स्थापना किया जाना विचाराधीन है। हैल्प लाइन को जनोपयोगी बनाने हेतु जिले में प्रचलित लोक भाषा में इसका संचालन किया जायेगा ताकि सामान्य ग्रामीण एवं निर्धन वर्ग की पहुॅच आसान हो से।
राष्टीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर आयोजित  समारोह को संबोधित करते हुये खाद्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अशोक शेखर ने कहा कि राष्ट की उन्नति के साथ साथ उपभोक्ताओं की उन्नति भी जरूरी है। इसके लिए आम उपभोक्ताओं में उनके हितों के प्रति चेतना लाने के लिए सामूहिक प्रयास करने होगें। आमजन मे चेतना लाने के लिए सरकारी तन्त्र के साथ साथ गैर सरकारी संगठनो व आमजन का सहयोग भी जरूरी हैं।
इस अवसर पर स्वंय सेवी संस्था कैन्स के चैयरमेन डा0 अनन्त शर्मा ने कहा कि उपभोक्ता के हितों की सुरक्षा के लिए सभी उपभोक्ताओं में उनके हितों के प्रति चेतना लाने के लिए सामूहिक प्रयास करने होगें। राज्य मे वर्तमान मे 150 उपभोक्ता संगठन कार्यरत है।
समारोह में उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक श्री श्याम सिंह राजपुरोहित ने विभाग द्वारा संचालित गतिविधियो की बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम का संचालन जनसम्पर्क अधिकारी सुश्री नर्बदा इन्दौरिया ने किया। इस अवसर पर खाद्य विभाग के अधिकारी एवं विभिन्न विद्यालयों में संचालित छात्र क्लबों के लगाभग 250 छात्र-छात्राएं  उपस्थित थे।
इससे पूर्व खाद्य ,नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री  ने इन्दिरा गांधी पंचायतीराज प्रशिक्षण संस्थान मे आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा प्रदर्शनी में लगाये गये स्टालो के बारे में भी जानकारी ली।

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