आत्म निर्भर बन रहीं महिलाएं

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आई एन वी सी न्यूज
जशपुरनगर,

दुलदुला विकासखंड के ग्राम पंचायत पतराटोली में उपवन महिला एवं बाल विकास समिति के द्वारा गोबर से लकड़ी निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ कुनकुरी विकासखंड के जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चन्द्रप्रभा भगत ने किया। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य ममता कश्यप, कलेक्टर श्री महादेव कावरे, वनमण्डलाधिकारी श्री कृष्ण जाधव, जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री के.एस.मण्डावी, एसडीएम कुनकुरी श्री रवि राही, जनपद सीईओ ज्योति बबली कुजूर, सरपंच, पंच और स्व-सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित थी।

जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चन्द्रप्रभा भगत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उन्नती स्व-सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा मशीन के माध्यम से गोबर से लकड़ी बनाने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है। इससे पर्यावरण शुद्ध होगा और जंगलों में अनावश्यक लकड़ी का कटाव भी रूकेगा। साथ ही जल-संरक्षण एवं संर्वधन को बढ़ावा भी मिलेगा। उन्होंने ग्राम वासियों को छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं का लाभ उठाने का आहवान किया है। जिला पंचायत सदस्य ममता कश्यप ने कहा कि जिले में नवाचार के तहत् मशीन के माध्यम से गोबर से लकड़ी बनाई जा रही है। अब लोग गोबर से बने लकड़ी का उपयोग आसानी से कर सकेंगे। इससे जशपुर जिले के ग्रामीणों को रोजगार भी मिल रहा है।

कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने अपने उद्बोधन में कहा कि ग्रामपंचायतों को दी गई गौण खनिज राशि का उपयोग किया जा सकता है। ग्राम पंचायत पतराटोली में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को गौण खनिज मद से 1 लाख 35 हजार की लागत से गोबर से लकड़ी बनाने का मशीन उपलब्ध कराई गई है। इसका लाभ उठाकर समूह की महिलाएं आजीविका से जोड़कर आत्मनिर्भर बन रही है। स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोबर से लकड़ी बनाने के लिए लकड़ी का बुर्रादा, कोयले का चूर्ण और भूसे का उपयोग कर ही है ताकि अच्छी गुणवत्ता वाली लकड़ी तैयार किया जा सके। उन्होंने बताया कि गौठान के माध्यम से ग्रामीण जनोंसे गोबर खरीदी किया जा रहा है। प्रथम किश्त के रूप में ग्रामीणजनों को 1 लाख 69 हजार रुपए का भुगतान किया जा चुका है और द्वितीय किश्त के रूप में 4 लाख 60 हजार का भुगतान गोबर विक्रेताओं को किया गया है। वनमण्डलाधिकारी श्री कृष्ण जाधव ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि गोबर से लकड़ी बनाने वाली मशीन माॅडल रूप में किया जा रहा है। स्व-सहायता समूह की महिलाआंे को तकनीकी प्रशिक्षण देकर माॅडल को सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिले में स्व-सहायता समूह की महिलाएं महुआ से सेनिटाईजर बना रही है, जहां गोबर से बने लकड़ी का उपयोग कर सकेंगी ताकि महिलाओं को आर्थिक लाभ हो। उन्होंने कहा कि गोबर से लकड़ी ज्यादा देर तक जलती है और इसका उपयोग ठंड के दिनों में अलावा जलाने के लिए भी किया जा सकता है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री के.एस.मण्डावी ने कहा कि स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोबर से बने लकड़ी को बाजार में भी विक्रय कर सकेंगी। साथ ही होटल, ढाबा में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

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