आजादी की लड़ार्इ में साहित्यकारों एवं पत्रकारों का महत्वपूर्ण योगदान : मुलायम सिंह यादव

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mulayam simgh yadavअंजू अग्निहोत्री,
आई एन वी सी,
लखनऊ,
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज हिन्दी दिवस के अवसर पर साहित्य के क्षेत्र में प्रदेश का सर्वोच्च पुरस्कार भारत भारती सहित 66 सम्मानों से विभिन्न साहित्यकारों को सम्मानित किया। समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्यकार ही सही मायने में समाज को दिशा तथा संकट के समय में रास्ता दिखाते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने व्यंग्य विधा में उत्कृष्ट लेखन के लिए पं0 श्री नारायण चतुर्वेदी के नाम पर दो लाख रुपये धनराशि के पुरस्कार तथा विधि के क्षेत्र में उत्कृष्ट लेखन के लिए दो लाख रुपये का विधि भूषण सम्मान शुरू करने तथा हिन्दी विदेश प्रसार सम्मान की धनराशि 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 01 लाख रुपये करने तथा पुरस्कृत व्यकित को विदेश से आने-जाने का खर्च सरकार की ओर से देने की घोषणा की। उन्होंने प्रकाशित पुस्तकों पर दिए जाने वाले नामित पुरस्कार की धनराशि 40 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने की भी घोषणा की। आज यहां उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के यशपाल सभागार में आयोजित इस सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने सुप्रसिद्ध गीतकार डा0 गोपाल दास नीरज को भारत भारती सम्मान-2012 से अलंकृत किया। डा0 नीरज को यह पुरस्कार दीर्घकालीन उत्कृष्ट साहित्य सृजन तथा अनवरत हिन्दी सेवा के लिए प्रदान किया गया। सम्मान के रूप में डा0 नीरज को अंगवस्त्र, गंगा जी की प्रतिमा, ताम्रपत्र तथा 05 लाख 2 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की गर्इ। सम्मान प्राप्त करने के पश्चात डा0 नीरज ने कहा कि एक समय में गीत और गीतकारों को साहित्य में नहीं माना गया, जबकि बिना गेयता के कविता का जीवित रहना कठिन है, क्योंकि गेयता ही सृषिट का पहला धर्म है। सृषिट की सभी चीजों में लय है, जो कि गेयता का ही लक्षण है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए समारोह के मुख्य अतिथि सांसद एवं पूर्व रक्षा मंत्री श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि साहित्यकारों ने देश की बड़ी सेवा की है बिना हथियार उठाए देश को आजादी मिली है, तो उसमें साहित्यकारों और पत्रकारों का बड़ा योगदान है। साहित्यकारों ने हिन्दी का प्रचार-प्रसार तो किया ही है, साथ ही जागृति भी पैदा की है। श्री यादव ने कहा कि हम अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हैं। हम चाहते हैं कि सरकारी कामकाज विदेशी भाषा में न हो, बलिक भारतीय भाषाओं में हो जिससे गरीब और अनपढ़ को भी यह पता चल सके कि क्या काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि आज हिन्दी दिवस पर, हिन्दी के सम्मान और हिन्दी के लिए काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया जा रहा है। इससे पूर्व उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह ने संस्थान के पुरस्कारों को बहाल करने, उनकी राशि दोगुनी करने तथा हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए पुरुषोत्तम दास टण्डन पुरस्कार प्रारम्भ करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 के बाद पहली बार हिन्दी दिवस के दिन संस्थान में कार्यक्रम हो रहा है। कार्यक्रम को केरल हिन्दी प्रचार सभा तिरुवनन्तपुरम के सचिव प्रो0 एम0 माधवन कुटटी नायर तथा हिन्दी संस्थान के निदेशक डा0 सुधाकर अदीब ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री मुलायम सिंह यादव एवं भारत-भारती सम्मान से सम्मानित डा0 गोपाल दास नीरज द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलन तथा माँ वीणापाणि की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रो0 चौथीराम यादव को लोहिया साहित्य सम्मान-2012, प्रो0 सोम ठाकुर को हिन्दी गौरव सम्मान-2012, डा0 बलदेव वंशी को पं0 दीनदयाल उपाध्याय सम्मान-2012, श्रीमती चित्रा मुदगल को अवंतीबार्इ सम्मान-2012 से सम्मानित करते हुए प्रत्येक को 04 लाख रुपये की धनराशि, अंगवस्त्र, ताम्रपत्र तथा गंगा जी की प्रतिमा प्रदान की। महात्मा गांधी साहित्य सम्मान से सम्मानित श्रीमती मन्नू भण्डारी अस्वस्थ होने के कारण सम्मान प्राप्त करने के लिए नहीं आ सकीं। श्री चन्द्र सेन विराट, डा0 विनोद चन्द्र पाण्डेय विनोद, डा0 राम शंकर त्रिपाठी, डा0 पुष्पपाल सिंह, श्री नसीम साकेती, डा0 जितेन्द्र नाथ मिश्र, डा0 बुद्धिनाथ मिश्र, श्री वीरेन्द्र यादव, श्री शैलेन्द्र सागर, डा0 शिव ओम अम्बर  को दीर्घकालीन विशिष्ट साहित्य रचना एवं हिन्दी सेवा के लिए साहित्य भूषणसम्मान-2012 से सम्मानित करते हुए 02 लाख रुपए की धनराशि, अंगवस्त्र तथा ताम्रपत्र प्रदान किया। लोक साहित्य की विशिष्ट दीर्घकालीन हिन्दी सेवा के लिए लोक भूषण सम्मान-2012 डा0 अवध किशोर जडि़या, ललित कला के उत्थान, प्रचार-प्रसार के लिए कला भूषण सम्मान-2012 डा0 सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ, शिक्षण शोध एवं अनुसन्धान के प्रति समर्पित मानविकी विषयों में उत्कृष्ट लेखन के लिए विधा भूषण सम्मान-2012 प्रो0 अशोक चक्रधर, हिन्दी भाषा में दीर्घकालीन विशिष्ट विज्ञान लेखनशोधअन्वेषण कार्यों के लिए विज्ञान भूषण सम्मान-2012 प्रो0 कृष्णा मुखर्जी, हिन्दी भाषा में पत्रकारिता के क्षेत्र में दीर्घकालीन विशिष्ट योगदान के लिए पत्रकारिता भूषण सम्मान-2012 श्री त्रिलोक दीप, उत्कृष्ट बाल साहित्य साधना के लिए बाल साहित्य भारती सम्मान-2012 श्री प्रकाश मनु तथा सामाजिक सिद्धान्तों के प्रोत्साहन में साहितियक योगदान करने के लिए मधुलिमये स्मृति  म्मान-2012 श्री अशोक निगम को प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रत्येक को 02 लाख रुपए की धनराशि, अंगवस्त्र तथा ताम्रपत्र प्रदान किये। विदेशों में दीर्घकालीन हिन्दी सेवा के लिए प्रवासी भारतीय हिन्दी भूषण सम्मान-2012 से सम्मानित श्री तेजेन्द्र शर्मा की अनुपसिथति में उनकी पुत्री सुश्री दीपित शर्मा ने प्राप्त किया। देश के अहिन्दी भाषी क्षेत्र में हिन्दी के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रथम राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन सम्मान केरल हिन्दी प्रचार सभा तिरुवनन्तपुरम को प्रदान किया गया, जिसे संस्था के सचिव श्री एम0 माधवन कुटटीनायर ने प्राप्त किया। पुरस्कार स्वरूप सभा को 02 लाख रुपए की धनराशि, अंगवस्त्र तथा ताम्रपत्र प्रदान किया गया। हिन्दी विदेश प्रसार सम्मान-2012 डा0 विमलेश कांति वर्मा तथा विश्वविधालयस्तरीय सम्मान-2012 प्रो0 आरिफ नजीर तथा प्रो0 सोमेश कुमार शुक्ला को प्रदान किया गया। हिन्दी की सेवा एवं प्रचार-प्रसार के लिए अन्य भाषा-भाषी साहित्यकारों डा0 विष्णु राजाराम देवगिरी (कन्नड़), डा0 कीर्ति केसर (पंजाबी), डा0 विधा केशव चिटको (मराठी), डा0 सीएच0 निशान नींतम्बा (मणिपुरी), श्री महेन्द्र शर्मा (उडि़या), डा0 हरीश द्विवेदी  (गुजराती), डा0 सु0 नागलक्ष्मी (तमिल), श्रीमती रजनी पाथरे राजदान (कश्मीरी), श्रीमती पारननिद निर्मला (तेलुगु) तथा डा0 वी0वी0 विश्वम (मलयालम) को सौहार्द सम्मान-2012 प्रदान किया गया। इनमें से प्रत्येक को अंगवस्त्र, ताम्रपत्र तथा 02 लाख 2 हजार रुपए की धनराशि सम्मान के रूप में मुख्यमंत्री ने प्रदान की। डा0 प्रभात कुमार भटटाचार्य (बंगाली) सम्मान प्राप्त करने के लिए उपसिथत नहीं हो सके। विभिन्न विधाओं में लिखी गर्इ वर्ष 2012 में प्रकाशित पुस्तकों पर नामित पुरस्कार के रूप में 40 हजार रुपए की धनराशि, अंगवस्त्र तथा प्रशसित पत्र मुख्यमंत्री ने 26 विभिन्न रचनाकारों को प्रदान किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री डा0 अशोक वाजपेयी, प्रमुख सचिव भाषा डा0 ललित वर्मा सहित अन्य अधिकारी, साहित्यकारगण आदि उपसिथत थे।

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