अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ़्तार और घटता रोजगार

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– अब्दुल रशीद –

भाजपा की सरकार ने युवाओं से वादा किया था कि उनकी सरकार हर साल 2करोड़ नौकरी के अवसर उपलब्ध कराएगी। मोदी सरकार को तीन साल से ज्यादा हो गए हैं। इस दौरान नई नौकरियों के मौकों तो दूर नौकरी देने के मामले में 60% से ज्यादा की कमी आ गई। यह बात हम नहीं खुद सरकार के आंकड़े कह रहे हैं। खुद सरकार इस बात को लेकर कितना गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि कैबिनेट फेरबदल में लेबर और स्किल डेवलपमेंट मिनिस्टर तक को बदलना पड़ा।

जानकारों का मानना है कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से इकोनॉमी की रफ्तार सुस्त हुई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक- इकोनॉमिक ग्रोथ रेट 6% से कम हो गया है। अर्थशास्त्री भी कहने लगे हैं कि इकोनॉमिक ग्रोथ दर में गिरावट का कोई तकनीकी कारण नहीं है बल्कि वास्तविकता ये है कि अब देश की अर्थव्यवस्था ढलान की ओर बढ़ रही है।

क्यों लगातार घट रही है नौकरियां

लेबर बेस्ड सेक्‍टर जैसे मैन्‍यूफैक्‍चरिंग और दूसरे सेक्‍टर में ग्रोथ नहीं हो रही है। पिछले 3 साल में मैन्‍यूफैक्‍चरिंग सेक्‍टर की ग्रोथ 10 से घट कर 1% रह गई है। ऐसे में नई नौकरियां पैदा होना असंभव सा ही लगता है।

पीएम स्किल डेवलपमेंट स्‍कीम भी रहा फिसड्डी

बीते 3 साल में 30 लाख से अधिक नौजवानों को इस स्‍कीम के तहत ट्रेनिंग मिली लेकिन अभी तक तीन लाख लोगों को भी जॉब नहीं मिल पाई है।

ज्ञात हो की 2014 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बनी एनडीए सरकार के एजेंडे में स्किल डेवलपमेंट और उसके जरिए जॉब के नए मौके पैदा करना प्रमुख था। इसी के तहत पहली बार स्किल डेवलपमेंट मिनिस्ट्री भी बनाई गई थी। राजीव प्रताप रूडी को इसका इंडिपेंडेंट चार्ज दिया गया था। ऐसा कहा जा रहा है कि युवाओं के लिए रोजगार सृजन करने में असफल होने के कारण राजीव प्रताप रूडी को बाहर का रास्ता दिखाकर धर्मेंद्र प्रधान को स्किल डेवलपमेंट मिनिस्ट्री का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है।

2019 में बेरोजगारी मुद्दा बने इससे इनकार नहीं किया जा सकता

राहुल गांधी ने अपने अमेरिका दौरा के दौरान दिए गए भाषण में कहा था- भारत के सामन आज सबसे बड़ा सवाल यह है कि वह अपने लोगों को जॉब कैसे देगा। राहुल ने माना था कि कांग्रेस भी नौकरियां देने में नाकामयाब रही थी इसलिए हार गई। मोदी सरकार भी नाकाम है। रोजाना जॉब मार्केट में करीब 30 हजार नए बेरोजगार युवा आ रहे हैं। उनमें से केवल 450 को नौकरी मिल रही है।

मोदी सरकार युवाओं को हर साल रोजगार देने का वादा कर सत्ता में आई थी। लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी सरकार अपने वायदों को आंशिक रूप से भी पूरा करते हुए नहीं दिख रही। ऐसे में राहुल गांधी के भाषण में रोजगार की बात कहना 2019 में कांग्रेस के चुनावी मुद्दा बनाने का ही संकेत है।रोजगार की उम्मीद लगाए बैठे युवाओं का धैर्य सरकार के तीन साल बीत जाने के बाद, अब डगमगा रहा है।  विपक्ष के तेवर,युवाओं का टूटता उम्मीद और नौकरी देने में अब तक विफल रही मोदी सरकार के लिए 2019 में बेरोजगारी मुद्दा नहीं बनेगा इससे इनकार नहीं किया जा सकता।

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परिचय – :

अब्दुल रशीद

लेखक  व्  स्वतंत्र पत्रकार

सम्पर्क -:
मोबाईल नंबर – 9926608025 , ईमेल – : rashidrmhc@gmail.com

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Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely his own and do not necessarily reflect the views of INVC NEWS.

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