अम्बेडकरनगर: गुटबाजी के भंवर जाल में उलझी भाजपा

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Photo of Rita Vishwakarma{रीता विश्वकर्मा**}
मुरझाये कमल की शिरा और धमनियों में रवानी भरने में जुटी भाजपा एवं पार्टी के 272 प्लस के मिशन को उम्मीदवारों के खिलाफ अपनों की हो रही बगावत ने कमल खिलने से पहले ही मुरझाने के संकेत देने शुरू कर दिये हैं। नख से लेकर सिर तक गुटबाजी के भंवर जाल में उलझी भाजपा का अर्न्तकलह प्रत्याशियों के नामों के एलान के साथ सड़कांे पर सामने आ रहा है। पार्टी का अनुशासन तरनतार करने एवं मर्यादा की सीमाएं लाघने से लोग गुरेज नहीं कर रहे हैं। जिसके कारण कीचड़ में खिलने वाला कमल यहां कलह में डूबता नजर आ रहा है। अविभाजित फैजाबाद का हिस्सा रहे अम्बेडकरनगर संसदीय सीट से भाजपा ने डॉ0 हरिओम पाण्डेय को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। लेकिन हरिओम पाण्डेय को टिकट के दावेदारों में सुमार रहे लोग पचा नहीं पा रहे हैं। एक धड़ा तो मुखर होकर सड़क पर उतरकर हरिओम की मुखालफत कर रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अम्बेडकरनगर संसदीय क्षेत्र से फायर ब्रांड नेता राज्यसभा सदस्य विनय कटियार को मैदान में उतारा था। विनय कटियार को चुनाव में कामयाबी तो नहीं मिल पायी लेकिन उन्होनें कार्यकर्ताओं को एकजुट कर चुनावी समां भी बॉध दिया था। इस बार भी कार्यकर्ता विनय कटियार को प्रत्याशी बनाये जाने की मांग कर रहे थे लेकिन स्वयं कटियार फैजाबाद से चुनावी समर में उतरना चाह रहे थे। फैजाबाद से पार्टी ने पूर्व मंत्री लल्लू सिंह को तीसरी बार मैदान में उतार दिया। लिहाजा कटियार की फैजाबाद से उम्मीदवारी पर विराम लग गया फिर उनके अम्बेडकरनगर से उतरने के कयास लगने लगे। लेकिन पार्टी ने जब अम्बेडकरनगर सीट पर प्रत्याशी का एलान किया तो कार्यकर्ता हतप्रभ रह गये। पार्टी ने हरिओम पाण्डेय को उम्मीदवार घोषित कर दिया। जिनका मुखर विरोध भी शुरू हो गया। पिछले दो वर्षों से जिले की राजनीति में खासा सक्रिय श्री राम जन्मभूमि न्यास समिति के वरिष्ठ सदस्य एवं पूर्व सांसद राम बिलास वेदान्ती, पूर्व मंत्री अनिल तिवारी, भाजपा जिलाध्यक्ष राम प्रकाश यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ0 राजितराम त्रिपाठी, रमाशंकर सिंह, भारती सिंह, अमरनाथ सिंह, इन्द्रमणि शुक्ल, शिवनायक वर्मा, भीम निषाद, हिन्दु युवा वाहिनी जिलाध्यक्ष सूर्यमणि यादव सहित कई अन्य प्रमुख नेताओं एवं भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य राम सूरत मौर्य आदि की दावेदारी को दरकिनार कर दिया गया जिसके कारण असंतोष मुखर होना भी लाजिमी है। टिकट नहीं मिलने से नाराज राम बिलास वेदान्ती तो इस कदर आग बबूला हो उठे हैं कि वह भाजपा को अलविदा कहने का भी मन बना चुके हैं। सूत्रों की माने तो पूर्व सांसद राम बिलास वेदान्ती सपा में शामिल होकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के विरूद्ध लखनऊ से चुनावी समर में उतर सकते हैं। ज्यादातर कार्यकर्ताओं का मानना है कि पार्टी को अम्बेडकरनगर से किसी बड़े कद के नेता को मैदान में उतारना चाहिए। जिले के आलापुर सु0 विधानसभा क्षेत्र को अपने आप में समेटने वाली संत कबीर नगर संसदीय सीट पर तो दावेदारों की लम्बी फेहरिश्त के कारण भाजपा नेतृत्व अभी तक प्रत्याशी के नाम का एलान नहीं कर पाया है वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा0 रमापति राम त्रिपाठी के पुत्र शरद त्रिपाठी को मैदान में उतारा था। लेकिन शरद त्रिपाठी को कामयाबी नहीं मिल पायी। शरद त्रिपाठी को दूसरे स्थान पर रहकर ही संतोष करना पडा था। लिहाजा इस बार भी शरद त्रिपाठी का दावा काफी मजबूत है लेकिन पूर्व सांसद इन्द्रजीत मिश्र, अष्टभुजा शुक्ला एंव पूर्व मंत्री शिव प्रताप शुक्ला जैसे कद्दावर नेताओं की दावेदारी ने पार्टी नेतृत्व को उलझन में डाल दिया है। अभी तक पार्टी कोई निर्णय नहीं कर पायी है। सूत्रों की माने तो पार्टी नेतृत्व यहंा पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, मुख्तार अब्बास नकवी या फिर पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 वीर बहादुर सिंह के पुत्र जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं। उनमें से किन्हीं एक को मैदान में उतारा जा सकता है। कार्यकर्ता शरद त्रिपाठी या फिर पूर्व मंत्री शिव प्रताप शुक्ल को प्रत्याशी बनाने की मांग कर रहे हैं। यदि किसी बड़े नेता को मैदान में नहीं उतारा गया तो शरद त्रिपाठी का उतरना तय माना जा रहा है लेकिन एलान बिलम्ब ने कार्यकर्ताओं को बेचैन कर दिया है। ऐसे में मिशन 272 प्लस के पूरा होने में खलल पैदा हो सकता है।

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रीता विश्वकर्मा, 
मो. नं. 8765552676
*Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely her own and do not necessarily reflect the views of INVC

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