अब सुषमा का ध्येय बना पीडि़तों की मदद करना

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– संजय रोकड़े –

sushma-with-ujmaइन दिनों सुषमा स्वराज एक सच्चे-अच्छे और समर्पित विदेश मंत्री की भूमिका निभा रही है। देश- दुनिया में बसे भारतीयों व नारी जगत की मदद करके उनने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। अब वे विदेश मंत्री के साथ ही विशेष तौर पर विदेशों में बसे भारतीयों की मददगार के रूप में जानी जाती हैं। इस काम के लिए उनकी तारीफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी भी कर चुके है। सुषमा भले ही बीमार रहे लेकिन जब भी उनको किसी की सेवा या मदद का मौका मिलता है वह हाथ से गवांना नही चाहती है। फिर चाहे पाकिस्तान में बसी महिलाओं की ही मदद क्यों न करना पड़े वह पीछे नही हटती है। हाल ही में उनने पाकिस्तान से आने वाली बहू-बेटियों के पक्ष में सकारात्मक बयान देकर सबका दिल जीतने का काम किया है। पाक भले ही हमारे साथ नापाक इरादे लेकर कर देश में दहशत फैलाने का काम करता हो लेकिन सुषमा ने वहां की बहू के प्रति उदार भाव रख कर इंसानियत को जिंदा रखा है। पाक नारी के बारे में वे यह कहने में कोई हिचक नही रखती है कि भारत में हमेशा पाक से आने वाली बहू-बेटियों का सम्मान है। वे बोली कि भारत की बेटियों और पाकिस्तान या किसी भी देश की बहुओं का भारत में हमेशा स्वागत है। हाल ही में सुषमा ने पाक की एक पीडि़त बहू उज्मा की मदद कर मानवता का बेहद संवेदनशील परिचय दिया है। अभी-अभी उज्मा ने सुषमा स्वराज से दिल्ली में मुलाकात कर अपनी पीढ़ा से अवगत किया था। इस दौरान उज्मा ने सुषमा से कहा कि पाकिस्तान जाना आसान है, लेकिन जिंदा लौटना मुश्किल है। पाकिस्तान मौत का कुआं है। लड़कियां सोचती हैं कि वहां मुस्लिम कल्चर है तो पाकिस्तान अच्छा होगा। मैं कहती हूं कि वहां औरत तो क्या आदमी भी सेफ नहीं हैं। वो नर्क है। मैं वहां से निकल कर आ गई, लेकिन वहां, बुनेर में कई विदेशी लड़कियां कैद हैं। वहां के ज्यादातर लोग मलेशिया में रहते हैं। वहीं से लड़कियां लाकर पाकिस्तान में कैद कर लेते हैं। मैं अब किसी लड़की को पाकिस्तान जाने की सलाह नहीं दूंगी। फिर चाहे वो मुस्लिम ही क्यों ना हो। इसके साथ ही उज्मा ने कहा कि मैं अनाथ हूं। एडॉप्टेड डॉटर हूं। इस मामले में सुषमा ने उज्मा की विदेश मंत्री से बढ़कर एक संवेदनशील महिला के रूप में न केवल उसको ढ़ाढस बंधवाया बल्कि यह भी कहा कि भारत की बेटी का घर में स्वागत है। इसके बाद तत्काल सुषमा ने एक प्रेस कांफें्रस कर बहू-बेटियों के साथ होनी वाली परेशानियों को सामने रखते हुए पाक में नारी के साथ होने वाली हैवानियत को भी संसार के समक्ष रखा। प्रेस वार्ता के समय उज्मा और उसकी मदद करने वाले भारतीय हाईकमीशन के अफसर जेपी सिंह भी मौजूद थे। इस प्रेसवार्ता में उज्मा ने पत्रकारों से साफ कहा कि पाकिस्तान मौत का कुआं है। मेरे साथ जबरदस्ती निकाह किया गया और इसके बाद मुझे वहां बंदी बना लिया। आज पता चला कि मेरे बारे में भी कोई सोचने वाले लोग हैं। सुषमा मैडम ने मुझे लगातार फोन कर भरोसा दिलाया और बार-बार कहा कि बेटी घबराओ मत, हम तुम्हारे लिए लड़ रहे हैं। मैं वहां दो-चार दिन और रुक जाती तो मार दी जाती या बेच दी जाती। मैं कई दिन तक इंडियन हाईकमीशन में रही। सुषमा मैम ने अफसरों से कहा कि कुछ भी हो जाए, बेटी को ताहिर को मत सौंपना। वो विदेश मंत्री हैं। उज्मा ने इसके आगे कहा कि सुषमा मैम मेरी हर एक तारीख और बात को याद रहती थी। कोर्ट में सुनवाई से पहले कहा कि बेटी डरना मत तुम देश की बेटी हो, मेरी बेटी हो। बहरहाल सुषमा द्वारा विदेशों  में फंस लेागों की मदद करने का यह पहला मौका नही है। जब से वे विदेश मंत्री बनी है तब से लेकर अब तक वह अनेक मुसीबत के मारों की मदद कर चुकी है। उज्मा भी उनमें से एक है। इस मामले में खास बात ये है कि उज्मा विदेश मंत्री सुषमा की विशेष कोशिशों के चलते ही भारत लौट पाई है। बता दे कि सुषमा अभी तक ट्विटर पर लगाई गई गुहार के चलते ही कई लोगों की मदद कर चुकी हैं। ट्विटर पर गुहार लगाने वाले लोगों की फहरिश्त में ये वो चंद खुश  लोग है जिनकी सुषमा मदद कर चुकी हैं। ओसामा अली ट्यूमर की बीमारी से ग्रसित एक बीमार इंसान है और वह पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के निवासी है। इनने जुलाई माह में ही सुषमा से ट्विटर पर भारत में अपना ईलाज कराने की इच्छा जाहिर करते हुए निवेदन किया कि इलाज के लिए भारत आने का मेडिकल वीजा दिया जाए। सुषमा ने बीमारी को मद्देनजर रखते हुए ओसामा अली की परेशानी को न केवल समझा बल्कि उसे तुरत- फुरत वीजा जारी करवा दिया। अब वह दिल्ली आकर ट्यूमर का इलाज करवा सकता है। इसी तरह जून में सुषमा ने पाक के 4 महीने के बच्चे रोहान को मेडिकल वीजा दिया था। इस बच्चे की नोएडा के जेपी हॉस्पिटल में हार्ट सर्जरी हुई थी। रोहान के माता-पिता ने इसके लिए सुषमा का शुक्रिया भी अदा किया था।

सुषमा के द्वारा सहयोग किए जाने की इस प्रवृत्ति को देखते हुए ही अब हर कोई बिना किसी डऱ के उनसे मदद की गुहार लगाने लगा है। एक शख्स ने सुषमा को ट्वीट कर बताया कि वह मुंबई में रहता है और उसने पिछले साल पाकिस्तानी लड़की से शादी की थी। वीजा दिलाने में उसकी मदद की जाए। इस तरह के एक नही बल्कि अनेक ऐसे केश है जिनमें सुषमा ने सबकी बढ़-चढ़ कर  मदद की है। सुषमा ने मूक बधिर लड़की गीता की जो मदद की थी उसे भारत का जनमानस तो क्या संसार का भी कोई इंसान भूलाए नही भूल पाएगा। गीता की मदद करके सुषमा देश-दुनिया के लोगों की चहेती बन गई थी। सब लोगों की वाहवाही भी लुटी थी। सन 2015 में गीता को कड़ी मशक्कत के बाद सुषमा विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप से पाकिस्तान से गीता को भारत लाईं थी। अब सुषमा इस गीता के हाथ पीले करना चाहती है। मतलब साफ है उसकी शादी कर वैैवाहिक जीवन की खुशियां देना चाहती है।

अब सुषमा चाहती है कि मूक-बधिर गीता की शादी हो जाए। बीते समय जब वे भोपाल आई तो गीता से भी मिली थीं। उससे बातचीत कर शादी के बारे में राय भी जानी। मुलाकात के दौरान सुषमा ने गीता से पूछा कि उसकी पढ़ाई कैसी चल रही है? इसके साथ ही उसे बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उसकी शादी में मदद करना चाहते हैं। बता दे कि गीता को सुषमा एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने के लिए इंदौर से विशेष तौर पर भोपाल लाया गया था। वर्तमान में गीता इंदौर के मूक बधिर संस्थान में रह रही हैं। पाकिस्तान से लाने के बाद इस संस्थान में वह अक्तूबर 2015 से रह रही है। इंदौर स्थित मूक बधिर संस्था की संचालक मोनिका पंजाबी वर्मा ने गीता की शादी के संबंध में बताया कि करीब ढाई महीने पहले जब सुषमाजी ने गीता को उसकी शादी करने की इच्छा के बारे में पूछा, तो इस पर गीता ने शादी के बंधन में बंधने की अपनी इच्छा जाहिर की थी। गीता अभी 25 से 27 साल के बीच है। अब उसके लिए उसके हिसाब से एक योग्य वर की तलाश की जा रही है। बता दे कि सुषमा ने गीता के माता-पिता को ढूंढने का भी भरसक प्रयास किया। पूर्व में कई दंपति यह दावा करते हुए सामने आए भी कि गीता उनकी बेटी है, लेकिन उसने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया। इसमें कामयाबी नहीं मिली। अब ऐसा प्रतीत होता है कि सुषमा उसके लिए एक उचित वर ढूंढवा कर उसकी शादी कर देना चाहती है ताकि वह पारिवारिक जीवन जी सके। इस तरह से आमजन की सेवा करने का यह भाव सुषमा के जीवन का दूसरे पक्ष को उजागर करता है। वह पक्ष जो उन्हें एक विदेश मंत्री से भी बड़ा ओहदा दिलाता है।

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sanjay-rokde-writer-sanjay-rokde.-story-by-sanjay-rokde-sanjay-rokde-social-thinker11111परिचय – :

संजय रोकड़े

पत्रकार ,लेखक व् सामाजिक चिन्तक

संपर्क – :
09827277518 , 103, देवेन्द्र नगर अन्नपुर्णा रोड़ इंदौर

लेखक पत्रकारिता जगत से सरोकार रखने वाली पत्रिका मीडिय़ा रिलेशन का संपादन करते है और सम-सामयिक मुद्दों पर कलम भी चलाते है।

Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely his  own and do not necessarily reflect the views of INVC NEWS.

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