अनाधिकारित बनी कालोनियों को नियमित करने के लिए हरी झंडी

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  • आई एन वी सी,

पंजाब,
अनाधिकारित कोलोनियों में रहने वालों को बडी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उदेश्य के रूप में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुये पंजाब मंत्री मंडल द्वारा पंजाब ला(स्पैशल प्रवैनशनज़ )एक्ट2013 अधीन अनाधिकारित कालेानियों/ईमारतों को नियमित करने संबधी नीति को हरी झंडी दे दी है। इस संबधी निर्णय पंजाब के मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल की अध्यक्षता अधीन आज सुबह पंजाब भवन में हुई मंत्री मंडल की बैठक दौरान लिया गया। इस बात की जानकारी देते हुये आज यहां मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि इससे राज्य भर में लगभग 5000 कोलोनियों और दो लाख प्लाटों /ईमारतों के मालिकों को बडी राहत मिलेगी। इस नीति में सभी अनाधिकारित कालोनियों/ईमारतों को योजना बद्ध ढांचे में लाने और विकास को नियमित करने पर जोर दिया गया है। इससे राज्य भर में मास्टर प्लानज को बिना रूकावट लागू करने में सुविधा मिलेगी और समूचे शहरी विकास को बेहतर ढंग से यकीनी बनाया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त इस नीति का एक अन्य उदेश्य इन क्षेत्रों के निवासीयों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाना है और कही कही हो रहे विकास के रूझान को रोक कर गलियों और सडकों में सुधार लाना है। प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब रिजनल एंड टाउन प्लानिग एंड डिवैलपमैंट एक्ट -1995 , पंजाब अपारटमैंट एंड प्रापर्टी रैगूलेशन एक्ट-1995,पंजाब म्यूनिसिपल कारपोरेशन एक्ट-1976,फैक्टरी एक्ट-1948,पंजाब टाउन इम्प्रुवमैंट एक्ट-1922 और पंजाब म्यूनिसिपल एक्ट -1911 के तहत होने वाली उंलघनाओं के हल के लिए इस नीति में व्यवस्था की गई है। प्रवक्ता ने बताया कि यह नीति एक वर्ष के लिए एक अप्रैल 2013 से 31 मार्च 2014 तक समूचे राज्य में अमल योगय होगी । एक अप्रेैल से पहले वाली अस्वीकृत कालोनियां या ईमारतें इस नीति के अधीन आएगी सरकार द्वारा कालोनियां बनाने वालों और प्लांटों वालों को एक बार ही इस का लाभ उठाने का मोैका दिया जाएगा। समूची प्रक्रिया 31 मार्च 20ृ14 तक पूरी की जाएगी। आवेदनों की जांच के बाद कालोनाईजरों/प्लाट मालिकों को नियमित का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा पंरतु राज्य /केन्द्र सरकार /पब्लिक अडंरटेकिंग/पंचायती जमीन /वकफबोर्ड /पंजाब लैड प्रीजरवेशन एक्ट(पीएलपीए)अधीन जमीन व अन्य से संबधित जमीन पर निर्माण की गई कोई भी कालोनी इस नीति अधीन नही आएगी। इस नीति अधीन प्लाट मालिकों को म्यूनिसिपल सीमा के ईलाके से बाहर के लिए संबधित अथारटी के मुख्य प्रशासक के पास जबकि म्यूनिसिपल सीमा के अंदर वाले क्षेत्रों के लिए कमीशनर/क्षेत्रीय डिप्टी डायरैक्टरस्थानीय सरकार के पास यह नीति नोटीफाई होने के दो महीने के अंदर अंदर एक आवेदन दाखिल करना होगा। इस नीति अधीन कालोनाईजर द्वारा की गई उंलघना के बदले आवश्यक फीस जमा करवानी होगी। प्रवक्ता ने बताया कि 2007 से पहले और बाद में नियमित की गई कालोनियों के लिए फीस की दर जगह-जगह के हिसाब पर निर्धारित होगी। यह फीस लगभग 2.5 लाख रूपये से दस लाख रूपये प्रति एकड के हिसाब से होगी इसी प्रकार व्यक्तिगत प्लाटों/ईमारतों के मालिकों को इनकी नियमितता संबधी फीस जमा करवानी पडेगी जो जगह जगह के हिसाब से लगभग 50 रूपये से 500 रूपये प्रति वर्ग गज होगी। प्रवक्ता ने बताया कि यदि कोई कालोनाईजर 60 दिनों के अंदर आवेदन नही करता तो उसको विरूद्ध एफ आई आर दर्ज करके कानूनी कार्यवाही श्ुारू की जाएगी। इसी प्रकार यह कालोनिया या व्यक्तिगत प्लाट/ईमारतों के मालिक इस स्कीम अधीन अप्लाई नही करते है तो उनके प्लाटों की रजिस्ट्रेशन रोक दी जाएगी औरबिजली,पानी सीवरेज आदि के कुनैकशन बंद कर दिये जाएगेंं। मंत्री मँडल ने पंजाब म्यूनिसिपल एक्ट-1911 और पंजाब म्यूनिसिपल कारपोरेशन एक्ट 1976 में केबिनेट सब कमेटी की सिफारिशों अनुसार संशोधन करने के लिए भी हरी झंडी दे दी है जोििक शहरी स्थानीय संस्थाओं से राजस्व प्राप्त करने के अतिरिक्त संपति टैक्स लागू करने से संबधित है। लोगो को बडी राहत देते हुये मंत्री मँडल ने जोन अनुसार यूनिट की कीमत के आधार पर संपति लगाने का निर्णय किया है। इससे पहले व्यापारिक,किराए पर दी संपति के लिए किराए की कीमत का 15 प्रतिशत टैक्स था जिसको घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है इसीप्रकार किराए पर दी रिहायशी संपति पर टैक्स की दर 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत वार्षिक कर दी है। इसी प्रकार ही स्वै कब्जे वाली व्यापारिक संपति और टैक्स की दर 15 प्रतिशत से घटाकर वार्षिक कीमत का तीन प्रतिशत कर दी है स्वै कब्जे वाले 50 वर्ग गज के घरो ंपर 50 रूपये यकमुश्त,50 से 100 वर्ग गज वाले घरों पर वार्षिक यकमुश्त 150 रूपये ,स्वै कब्जे वाले 100 से 500 वर्ग गज वाले घरो ंपर वार्षिक का 0.5 प्रतिशत संपति टैक्स लगाया गया है जबकि 500 वर्गगज से उपर वाले मकानो पर वार्षिक कीमत का एक प्रतिशत टैक्स देना पडेगा खाली पडे प्लाटों और बिना प्रयोग हेतू लाई जारही ईमारतों और प्लाटों पर संपति टैक्स वार्षिक कीमत का 0.20 प्रतिशत होगा। सभी धािर्मक संस्थाओं ,गउशालाओं , आवारा पशुओं की संभाल केन्द्रों , चैरीटेबल संस्थाओं, स्वतंत्रता सैनानियों और गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों पर संपति टैक्स की पूरी तरह छूट होगी। विधावाओं और अंगहीन व्यक्तियों को संपति टैक्स पर 5000 रूपये की छूट दी जाएगी विधवा/अंगहीन व्यक्ति जिसने 6 हजार रूपये तक का संपति टैक्स देना बनता है को पांच हजार रूपये की छूट देने के बाद एक हजार रूपये देना पडेगा। राज्य में शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए जो शिक्षा संस्थाए चैरीटेबल संस्थाओ ंअधीन नही लाई गई को संपति टेैक्स पर 50 प्रतिशत छूट होगी। प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में उच्च स्तर पर विकास के लिए मंत्री मंडल को लैंड पूलिंग पालसी को भी स्वीकृति दे दी है जिससे जमीन के मालिक विकास की प्रक्रिया में हिस्सेदार बन सकेगें। एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुये मंत्रीमँडल ने पंजाब कम्पलसरी रजिस्ट्रेशन मैरिज रूलज 2013 को भी हरी झंडी दे दी है। जिससे पंजाब के निवासियों के लिए विवाह की रजिस्टे्रशन करवानी जरूरी होगी। मंत्री मंडल ने पठानकोट और बरनाला में आवश्यक स्टाफ सहित नई सैशन डिवीजनें पेैदा करने की भी स्वीकृति दे दी है जिससे इन जिलो के लोगो को तेजी से न्याय प्राप्त हो सकेगा मंत्री मंडल ने पंजाब मनिस्ट्रीयल यात्री भत्ता नियम 1953 और मुख्य संसदीय सचिव /संसदीय सचिव यात्रा भत्ता नियम 206 में संशोधन करने की स्वीकृति दे दी है जिससे सरकारी कार्य के लिए निजी गाडी हेतू प्र किलोमीटर 12 रूपये से प्रति किलोमीटर 15 रूपये हो गये है। मंत्री मंडल ने पंजाब मकैनिकलज व्हीकल(पुल और सडकें टोलज)एक्ट 1998 को भी स्वीकृति दे दी है जिससे टूल की एकत्रता में तर्क संगता बनाई गई है। उच्च शिक्षा का स्तर उच्चा उठाने के लिए और इसको विश्व स्तर पर मुकाबले वाली बनाने के लिए मंत्री मँडल ने पंजाब प्राइवेट यूनिवर्सिटीज पालिसी 2010 में भी संशोधन को स्वीकृति दे दी है। पंजाब गुड कंडक्ट प्रीजनरज(आरजी रिहाई) रूलज 1963 के दुरप्रयोग से बचने के लिए मंत्री मंडल ने नियम 3के उपनियम(3)में भी संशोधन करने का निर्णय किया है। जिससे गांरटी बांड को बीस हजार से बढाकर कम से कम 50 हजार और अधिक से अधिक दो लाख रूपये करने का स्वीकृति दे दी हेै।

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