अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास पारित -जिला पंचायत की बैठक में दिखी गुटबाजी

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” सात दिन के भीतर होगी जांच, तभी होगी अलगी बैठक “

Jila panchaytहेमंत पटेल ,

आई एन वी सी ,

भोपाल,
जिला पंजायत, भोपाल की शुक्रवार को हुई बैठक में अध्यक्ष मीना हिम्मत सिंह गोलय और उपाध्यक्ष कल्पना बृजेश मीना के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया। यह प्रस्ताव जिला पंचायत के छह सदस्यों ने पारित किया। अब उपायुक्त जांच कर सात दिन के भीतर रिपोर्ट देंगे।
कलेक्टर सभाकक्ष में हुई इस बैठक में जमकर गुटबाजी देखने को मिली। कमिश्नर एसबी सिंह के बाहर होने पर पंचायत सदस्यों ने कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव को इस प्रस्ताव से अवगत कराया।
सभी छह सदस्यों ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ गंभीर आरोपों को लेकर अविश्वास प्रस्ताव रखा। अविश्वास प्रस्ताव की खास बात यह रही कि इस प्रस्ताव को लाने में अहम भूमिका भाजपा सदस्यों की रही। पंचायती राज अधिनियम के अनुसार 7 दिनों के भीतर ही कमिश्नर को इस अविश्वास प्रस्ताव का निराकरण करना होगा तभी अगली बैठक हो सकती है। गौरतलब है कि प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले है। इस चुनावी वर्ष में ग्रामीण विकास की बहुत सी योजनाओं का संचालन भी होना है।नाराजगी एक बड़ा कारण
जिला पंचायत के भाजपा सदस्यों में अपने संगठन को लेकर भी भारी नाराजगी है। सदस्यों के नाराजगी का एक बड़ा कारण यह है कि जब अध्यक्ष का चुनाव हुआ था तो उस समय यह तय हुआ था कि मीना हिम्मत गोयल व भगवती मेहर का कार्यकाल ढाई-ढाई साल का होगा। इस समझौते के समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,हाऊसिंग बोर्ड अध्यक्ष रामपाल सिंह,बीडीए अध्यक्ष सुरेन्द्रनाथ सिंह व भाजपा जिला ग्रामीण अध्यक्ष भक्तपाल सिंह भी उपस्थित थे। सदस्यों का कहना है कि तीन साल बीत जाने के बाद भी मीना गोयल अपने पद पर कायम है जबकि उन्हें उक्त समझौते के अनुसार पद भगवती मेहर को सौंप देना चाहिए था। सदस्यों ने आरोप लगाया कि संगठन भी अध्यक्ष से इस समझौते का पालन कराने में विफल रहा है फेेेेेेलस्वरुप वे अविश्वास प्रस्ताव लाने को बाध्य हुए हैं।

निराधार है आरोप
पंचायत सदस्यों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के और उसमें लगाए गए आरोपों के संबंध में जब अध्यक्ष मीना हि मत गोयल से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हे लालबत्ती गाड़ी शासन की तरफ से प्रदान की गई है और वे इस वाहन के लिए पात्र है। जहां तक प्रतिमाह बैठक आयोजित न करने की बात है तो यह आरोप पूर्णतया निराधार है। पद को लेकर हुए समझौते पर अध्यक्ष मीना गोयल ने कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है। मैं पूरे पांच साल के लिए चुनकर आई हूं।

ये अध्यक्ष के खिलाफ
1.बैठक प्रतिमाह नहीं आयोजित की जाती है जिससे ग्रामीण विकास अवरुद्ध हो रहा है।
2.जिला पंचायत का वास्तविक बजट वित्तीय वर्ष में प्रस्तुत नहीं किया जाता है जिससे आय-व्यय का ब्यौरा संदिग्ध।
3.अध्यक्ष को लालबत्ती की नहीं, बल्कि पीली बत्ती की पात्रता। उनके वाहन का उपयोग उनके पति द्वारा किया जाना।
4. अध्यक्ष के लेटर पैड का इस्तेमाल अधिकारियों-कर्मचारियों की झूठी शिकायतें करने में
5.डीजल व्यय आवश्यकता से अधिक करना।
उपाध्यक्ष के खिलाफ
1.जिला पंचायत शिक्षा स्थाई समिति की बैठक प्रतिमाह नहीं होना।
2.ग्रामीण विकास में कोई रुचि नहीं लेना।
3.वाहन पर पीली बत्ती लगाकर घूमना। वाहन का उपयोग उनके पति द्वारा किया जाना।
4.अधिकारियों-कर्मचारियों को धमकाना।

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