अत्याचार सहने वाला बड़ा गुनहगार

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आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली,
स्वामी ओम जी ने बताया कि जिस प्रकार से सी आई ए की पाली आतंकवादी ईसाई मिश्निरी एन जी ओ ने स्वामी चिन्मयानन्द जैसी महान शख्सियत को हनी ट्रैप का शिकार बनाया और न केवल सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों सहित देशद्रोही बिकाउ मीडिया ने एक हिन्दू सन्त को बिना किसी साक्ष्य – सबूत के बदनाम किया बल्कि सी आई ए की फंडिंग पर पल रहे प्रवीण भाई तोगड़िया के खूंखार नक्सली ईसाई आतंकवादियों के साथी गिरोह अन्तरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद, राष्ट्रीय बजरंग दल ,राष्ट्रीय छात्र परिषद ने स्वामी ओम जी और उनके अनन्य सहयोगी श्री मुकेश जैन को शाहजहांपुर में जान से मारने की साजिश रची। जिसे स्वामी ओम जी ने अपनी दिव्य दृष्टि से जानकर तुरन्त शाहजहांपुर को छोड़ने का फैसला लेकर विफल कर दिया। किन्तु उसके बाद भी प्रवीन तोगड़िया के गिरोहों ने स्वामी ओम जी और मुकेश जैन की हत्या करने वालों को 50 लाख के ईनाम की घोषणा सी आई ए की फंडिंग पाकर कर दी। स्वामी ओम जी और हिन्दू सन्त स्वामी चिन्मायनन्द पर हो रहे अत्याचारों का समर्थन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त नरेन्द्र गिरी द्वारा करने पर ही स्वामी ओम जी ने फैसला लिया कि इन अत्याचारियों को चेतावनी दी जाये। यह भूकंप इन दुष्टों को चेतावनी देने के लिये ही लाया गया।

स्वामी ओम जी ने सरकार और देश की जनता से अनुरोध किया कि वो सी आई ए की फंडिंग पर पल रहे देशद्रोही  मीडिया , देशद्रोही न्यायाधीशों और प्रवीण भाई तोगड़िया और महन्त नरेन्द गिरी जैसे आस्तीन के सांपों के खिलाफ एक जुट होकर इनका दमन करें अन्यथा गेहूं के साथ धुन भी पिसेगी। याद रखना भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि अत्याचार को सहने वाला अत्याचार करने वाले से बड़ा गुनहगार हैं।

स्वामी ओम जी द्वारा दी गयी चेतावनी पर दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ने कहा कि 1 अगस्त  2018 को भी स्वामी ओम जी ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री दीपक मिश्रा को उनकी कोर्ट में ही चेतावनी दी थी कि वो सबरीमाला मन्दिर में रजस्वला व्य की महिलाओं को भेजकर भगवान अय्यप्पा की तपस्या में खलल न डाले अन्यथा महा जल प्रलय आयेगा। किन्तु अहंकारी मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने स्वामी ओम जी की चेतावनी को हल्के में लिया, फलस्वरूप भगवान अय्यप्पा का कहर महा जलप्रलय के रूप में पूरे केरल पर फूटा।

दारा सेना ने अन्यायी जजों के अन्याय का शिकार बने सन्त आसाराम बापू, बाबा राम रहिम, सन्त रामपाल, श्री नारायण प्रेम साईं , फलाहारी बाबा, आशू महाराज, ओडीशा के सारथी महाराज सहित सभी सन्तों को तत्काल रिहा करने की अपील की। क्यों कि धारा 164क के तहत हुए मैडिकल परीक्षण में किसी भी हिन्दू सन्त पर बलात्कार की पुष्टी नहीं हुई है। स्वामी ओम जी ने सर्वोच्च न्यायालय के जजों और वकीलों से अनुरोध किया कि वें स्वतः सज्ञान लेकर इन सभी हिन्दू सन्तों को तत्काल रिहा कर दे और स्वामी ओम जी की हत्या करने की सुपारी देने वाले प्रवीण भाई तोगडिया के गिरोह को तत्काल गिरफ्तार करें।अन्यथा सर्वोच्च न्यायालय पर महा वज्रपात होगा।



 

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