आई एन वी सी,
जयपुर,
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बुधवार को नई दिल्ली के रेल भवन में केन्द्रीय रेलमंत्री श्री मल्लिकार्जुन खडग़े से भेंट कर प्रदेश की महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं विशेष कर अजमेर से सवाई माधोपुर वाया नसीराबाद-टोंक-चौथ का बरवाड़ा रेल लाइन के साथ ही पुष्कर-मेड़ता, जैसलमेर-सानू और डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल लाइन का कार्य प्राथमिकता के आधार पर हाथ में लेने का आग्रह किया। इसके अलावा भीलवाड़ा में लगने वाली मेमू कोच फेक्ट्री के निर्माण का कार्य भी अतिशीघ्र शुरू करवाने का अनुरोध किया। श्री गहलोत ने केन्द्रीय रेलमंत्री को बताया कि राजस्थान सरकार आदिवासी क्षेत्र की महत्वाकांक्षी डूंगरपुर- बांसवाड़ा- रतलाम रेल लाइन और जैसलमेर से सानू रेल रियोजनाओं के लिए लागत की आधी राशि के रूप में 1174 करोड़ रू. से भी अधिक धनराशि खर्च करने पर अपनी सहमति व्यक्त कर चुकी है। साथ ही इन रेल परियोजनाओं के लिए जमीन अवाप्ति पर होने वाले खर्च को भी स्वयं वहन कर रही है। इसी तर्ज पर 709 करोड़ रू. की अनुमानित लागत वाली अजमेर-नसीदाबाद-टोंक-चौथ का बरवाड़ा और सवाई माधोपुर रेल लाईन के लिए भी परियोजना की कुल लागत की 50 प्रतिशत धनराशि खर्च करने और इसके लिए रेलवे के नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करवाने के लिए भी राज्य सरकार ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है। अत: इस के कार्य को आगे बढ़ाने को प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने रेलमंत्री द्वारा राजस्थान की रेल परियोजनाओं के प्रति गहरी रूचि प्रदर्शित करने के लिए धन्यवाद दिया और बताया कि भीलवाड़ा की मेमूकोच फेक्ट्री के लिए रेल मंत्रालय ने हाल ही में एक टीम भेजी है और बी.एच.ई.एल. के साथ विचार विमर्श किया जा रहा है जिससे इसका कार्य तेजी से आगे बढऩे की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मेमूकोच फेक्ट्री के लिए भी राजस्थान सरकार ने नि:शुल्क भूमि आवंटित के लिए अपनी सहमति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने रेलमंत्री को आग्रह किया कि भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य (देश का दस प्रतिशत भू-भाग एवं 5.5 प्रतिशत आबादी) होने के कारण राजस्थान में रेल परियोजनाओं का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाना आवश्यक है। विशेष कर राज्य के पिछड़े क्षेत्रों को रेल सेवाओं से जोडऩे और रेल लाइनों के विस्तार पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए। रेलमंत्री के साथ विस्तार से हुई चर्चा के दौरान श्री गहलोत ने अजमेर-नसीराबाद-जालिन्दरी कोटा के अलावा धोलपुर-करौली-गंगापुर सिटी, टोंक-बंूदी प्रतापगढ़-रतलाम की नई प्रस्तावित रेल लाइनों की स्वीकृत्ति के साथ ही जयपुर, जोधपुर जैसे प्रदेश के बड़े शहरों को उपनगरों से जोडऩे वाली सेवाएं और समर्पित मालवाही गलियारे का काम तेजी से हाथ में लेने की जरूरत पर भी बल दिया। मुलाकात के दौरान केंद्रीय रेलमंत्री श्री खडग़े ने राजस्थान की लम्बित एवं नई रेल परिेयाजनाओं के कार्यो को प्राथमिकता से हाथ में लेने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद प्रदान करने का भरोसा दिया और कहा कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत और प्रदेश के अन्य जनप्रतिनिधियों की रेल परियोजनाओं के प्रति गहरी रूचि को देखते हुए रेल मंत्रालय द्वारा सहयोग में कोई कमी नही रखी जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बुधवार को नई दिल्ली के रेल भवन में केन्द्रीय रेलमंत्री श्री मल्लिकार्जुन खडग़े से भेंट कर प्रदेश की महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं विशेष कर अजमेर से सवाई माधोपुर वाया नसीराबाद-टोंक-चौथ का बरवाड़ा रेल लाइन के साथ ही पुष्कर-मेड़ता, जैसलमेर-सानू और डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल लाइन का कार्य प्राथमिकता के आधार पर हाथ में लेने का आग्रह किया। इसके अलावा भीलवाड़ा में लगने वाली मेमू कोच फेक्ट्री के निर्माण का कार्य भी अतिशीघ्र शुरू करवाने का अनुरोध किया। श्री गहलोत ने केन्द्रीय रेलमंत्री को बताया कि राजस्थान सरकार आदिवासी क्षेत्र की महत्वाकांक्षी डूंगरपुर- बांसवाड़ा- रतलाम रेल लाइन और जैसलमेर से सानू रेल रियोजनाओं के लिए लागत की आधी राशि के रूप में 1174 करोड़ रू. से भी अधिक धनराशि खर्च करने पर अपनी सहमति व्यक्त कर चुकी है। साथ ही इन रेल परियोजनाओं के लिए जमीन अवाप्ति पर होने वाले खर्च को भी स्वयं वहन कर रही है। इसी तर्ज पर 709 करोड़ रू. की अनुमानित लागत वाली अजमेर-नसीदाबाद-टोंक-चौथ का बरवाड़ा और सवाई माधोपुर रेल लाईन के लिए भी परियोजना की कुल लागत की 50 प्रतिशत धनराशि खर्च करने और इसके लिए रेलवे के नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करवाने के लिए भी राज्य सरकार ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है। अत: इस के कार्य को आगे बढ़ाने को प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने रेलमंत्री द्वारा राजस्थान की रेल परियोजनाओं के प्रति गहरी रूचि प्रदर्शित करने के लिए धन्यवाद दिया और बताया कि भीलवाड़ा की मेमूकोच फेक्ट्री के लिए रेल मंत्रालय ने हाल ही में एक टीम भेजी है और बी.एच.ई.एल. के साथ विचार विमर्श किया जा रहा है जिससे इसका कार्य तेजी से आगे बढऩे की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मेमूकोच फेक्ट्री के लिए भी राजस्थान सरकार ने नि:शुल्क भूमि आवंटित के लिए अपनी सहमति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने रेलमंत्री को आग्रह किया कि भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य (देश का दस प्रतिशत भू-भाग एवं 5.5 प्रतिशत आबादी) होने के कारण राजस्थान में रेल परियोजनाओं का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाना आवश्यक है। विशेष कर राज्य के पिछड़े क्षेत्रों को रेल सेवाओं से जोडऩे और रेल लाइनों के विस्तार पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए। रेलमंत्री के साथ विस्तार से हुई चर्चा के दौरान श्री गहलोत ने अजमेर-नसीराबाद-जालिन्दरी कोटा के अलावा धोलपुर-करौली-गंगापुर सिटी, टोंक-बंूदी प्रतापगढ़-रतलाम की नई प्रस्तावित रेल लाइनों की स्वीकृत्ति के साथ ही जयपुर, जोधपुर जैसे प्रदेश के बड़े शहरों को उपनगरों से जोडऩे वाली सेवाएं और समर्पित मालवाही गलियारे का काम तेजी से हाथ में लेने की जरूरत पर भी बल दिया। मुलाकात के दौरान केंद्रीय रेलमंत्री श्री खडग़े ने राजस्थान की लम्बित एवं नई रेल परिेयाजनाओं के कार्यो को प्राथमिकता से हाथ में लेने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद प्रदान करने का भरोसा दिया और कहा कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत और प्रदेश के अन्य जनप्रतिनिधियों की रेल परियोजनाओं के प्रति गहरी रूचि को देखते हुए रेल मंत्रालय द्वारा सहयोग में कोई कमी नही रखी जाएगी।