अगली पीडी के उज्जवल भविष्य के लिए पर्यावरण संरक्षण जरूरी: राठौड

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आई एन वी सी न्यूज़
जयपुर,
पंचायत राज मंत्री राजेन्द्रसिंह राठौड ने रविवार को ग्राम पंचायत नगर मुयालय पर ग्राम विकास नवयुवक मंड़ल लापोड़िया के तत्वावधान में आयोजित धरती जतन पदयात्रा के समापन अवसर पर अपने सबोधन में कहा कि यदि हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को सुखद व उज्जवल भविष्य देना हैं तो पर्यावरण संरक्षण जरूरी हैं। पर्यावरण संरक्षण से ही हमें व हमारी आने वाली पीढी को स्वच्छ वातावरण प्राप्त हो सकेगा।

आज भौतिकतावादी इस योग में पर्यावरण का अंधाधुन्ध संहार किया जा रहा हैं। जल, गौचर व पेड़-पौधों का संरक्षण करने से ही हम स्वस्थ रहेगें, और हमारा भविष्य भी सुरक्षित होगा। संस्था के सचिव लक्ष्मणसिंह ने 1 नवबर से प्रारभ हुई इस पर्यावरण संरक्षण अभियान रैलियों के समापन अवसर पर इसके इतिहास के बारें में जानकारी देते हुए बताया कि प्रारभ में संस्था के बैनर तले संस्था से जुड़े कुछ लोगों ने इस पुनित कार्य को प्रारभ किया था। धीरे-धीरे लोग इससे जुड़ते गए व कांरवा बढ़ता गया तथा आज संस्था के मुयालय पर बड़ी संया में उपस्थित लोगों द्वारा प्रकृति संरक्षण के साथ ही जल व चरागाह बचाने की मुहिम में लोगों का सहयोग प्राप्त हो रहा हैं।

पंचायत राज मंत्री ने बताया कि मेरे लबें सार्वजनिक जीवन में यह पहला अवसर हैं जहां लोग अपनी स्वेच्छा से बिना किसी लोभ, लालच के पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहें हैं। उन्होने लोगो का आहवान किया कि प्रत्येक व्यक्तियों को चाहिए कि वे भी पौध रोपण का संकल्प ले ताकि पर्यावरण संतुलित रह सके ।

उन्होने यह भी कहा कि ज्यादा से ज्यादा पेड लगाने से वर्षा भी पर्याप्त मात्रा में होती हैं जिससे हम सब को उसका पूरा पूरा फायदा मिलता हैं। उन्होने कहा कि हम अब भी पर्यावरण संतुलन को लेकर नही चेते तो हमारी आने वाली पीढी पर्यावरण प्रदूषण के गंभीर परिणाम भोगेगी तथा हमें कभी माफ नही करेगे । इसलिए हमें चाहिए कि प्रत्येक नागरिक को अपने आसपास या जहां खाली जगह हो एक पेड अवश्य लगाये ही नही उसकी पुत्रवत सुरक्षा भी करे ।

समारोह में क्षेत्रीय विधायक कन्हैयालाल चौधरी ने भी जनसमूह को जल, चरागाह व पर्यावरण का संरक्षण करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही जल स्वावलम्बन योजना भी पर्यावरण संरक्षण का ही संदेश देती हैं। जल है तो कल हैं। योंकि बैज्ञानिकों ने कई आविष्कार किए हैं, परन्तु जल का निर्माण नही कर सके। जल का संरक्षण व सदुपयोग ही जल का निर्माण हैं। इसके लिए पर्यावरण संरक्षण ही एक मात्र रास्ता हैं।

कार्यक्रम का शुभारभ ग्राम नगर के  तालाब पर पदयात्रा में समिलित चारों टीमों व उपस्थित जन प्रतिनिधियों द्वारा सरोवर की पूजा-अर्चना की गई। संस्था परिसर में मेवाड़ रत्न से अलंकृ त श्यामसुन्दर पालीवाल, ढ़ूढ़ाड़ रत्न से समानित कैलाशचंद जाट व ग्राम पंचायत नगर के सरपंच रामजीलाल टेलर ने अपने अनुभव साझा करते हुए इस कार्यक्रम के महव व उपयोग पर प्रकाश ड़ाला। इस अवसर पर मालपुरा पंचायत समिति प्रधान सरोज चौधरी, टोड़ारायसिंह प्रधान शीला मीणा, जिला परिसद सदस्य रूपजी आकोदिया, पूर्व जिला परिषद सदस्य छोगालाल गुर्जर, भामाशाह नवलसिंह झीराना, सरपंच दिग्विजयसिंह पारली, घनश्याम गुर्जर पचेवर, आशा मेघवंशी आवड़ा, एसडीएम शंकरलाल सैनी, खण्ड़ विकास अधिकारी भूराराम बलाई सहित गणमान्य उपस्थित रहें।

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