अखिलेश यादव जी की गरीब छात्रों को टैबलेट और लैपटॉप देने की योजना हुई भ्रष्टाचार का शिकार |

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Nakal ka fundaबलवंत सिंह ,

आई एन वी सी ,
 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव से पहले यह घोषणा की थी कि यदि समाजवादी पार्टी कि  सरकार उत्तरप्रदेश में बनती है तो निश्चित रूप से वे हाई स्कूल और हायर सेकंडरी पास होने वाले विद्यार्थियों को वे लैपटॉप ,  बलेट पीसी मुफ्त में देंगे और बीते सप्ताह उन्होंने यह योजना का शुभारम्भ भी कर दिया लेकिन उनकी यह योजना नक़ल माफियाओं के लिए वरदान साबित हुई है उत्तर प्रदेश में किस तरह परीक्षा देने वालों छात्रों से रुपये लेकर उन्हें परीक्षा में नक़ल करने की पूरी छूट दी जाती है हम आपको बताते है  भारत वर्ष के प्राचीन मनीषियों ने यह कहा है कि साः विद्या या विमुक्तये: अर्थात विद्या वह है जो मनुष्य को अज्ञान पाश से मुक्त करती है लेकिन उत्तर प्रदेश की वर्तमान शिक्षा प्रणाली को देखने के बाद यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नही होगी कि उत्तर प्रदेश कि शिक्षा प्रणाली से सिर्फ और सिर्फ दिशाहीनता ही बढ़ रही है और कुछ नही  उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के आदर्श इंटर कालेज का है जहाँ चल रही बोर्ड की परीक्षा में छात्रों से रुपये लेकर उन्हें नक़ल करने की आज़ादी दी गयी … कथित आदर्श इंटर कालेज ततियागंज में बोर्ड का सेंटर आया था जिसका सेंटर नंबर इस सेंटर में जितने भी परीक्षार्थी परीक्षा देने आये थे उनमे से चंद ही कुछ ऐसे छात्र थे जो अपनी परीक्षा की तैयारी कर के आये थे लेकिन ज्यादातर छात्रों ने परीक्षा की तैयारी नही की थी क्योंकि उन्हें दिया गया था रुपये के बदले नक़ल का प्रलोभन …उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में ततियागंज स्थित इस खंडहरनुमा इस कमरे चल रही थी बोर्ड की परीक्षा … परीक्षा में जो अनुशासन होना चाहिए उसके ठीक विपरीत का माहौल तैयार कर छात्रों से एक हजार से पंद्रह सौ रुपये वसूले गये …गौर करने वाली बात है कि स्कूल प्रबंधक खुद छात्रों को  अलग कमरे में ले जाकर उनसे नक़ल करवाने में व्यस्त थे शिक्षा माफियाओं के
गोरखधंदे में लिप्त एक शिक्षक है जिसका नाम है छाया मिश्रा  कथित शिक्षक छाया मिश्रा ने परीक्षा देने आये छात्रों से रुपये लिये और उनका नाम अपनी लिस्ट में दर्ज किया … उसके बाद रुपये देने वाले छात्रों को नक़ल की पर्ची पकड़ा कर नक़ल करने की पूरी छूट दी … जबकि जिन छात्रों ने रुपये नही दिए उनसे वह सही तरीके से पेश नही आया बल्कि उन्हें किसी न किसी बात पर डांट- फटकार लगा कर मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया  …जिसकी वजह से गरीब और मेधावी छात्रों को बड़े पैमाने पर हताशा और निराशा जनक स्थिति का सामना करना पड़ा … शिक्षा के सारे नियम व कानून को ताख पर रख विद्या मंदिर को भ्रष्ट कर देने वाले इस शिक्षक ने ना सिर्फ अपनी जिम्मेदारी से विश्वासघात किया बल्कि शिक्षा पर कुठाराघात भी किया  उत्तर प्रदेश में शिक्षा की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है रुपये लेने के बाद कथित इग्जामिनर शिक्षक नक़ल करने के लिये सभी छात्रों को पर्ची और किताब मुहैया करवायी जब हमारे पत्रकारों ने इसे संज्ञान में लेकर स्कूल पहुंचे तो छाया ने उन्हें धमकी देते हुये वंहा से धक्का दे दिया और इसी से शिक्षक माफियाओं के चेहरे पर से शराफत का नकाब उतरता दीखता है इसमें कुछ पत्रकारों का भी नाम सामने आया दो चैनलों के पत्रकारों ने हमारे पत्रकारों को धमकी दी की अगर इस इलाके के किसी भी स्कूल में गए तो अच्चा नहीं होगा इससे कंही न कंही सिद्ध होता है की पत्रकारों के संरक्षण में स्कूल  बोर्ड की परीक्षाओं में नियमित रूप ने नक़ल के खेल को अंजाम दे रहे है किसी वारदात की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की होती है कि इतने गंभीर मसले पर किस तरह की कार्यवाही की जाएगी यह तो जाँच का विषय है ये महिला कौन है और कालेज में क्या कर रही थी इस पर सभी मौन है डी. आई. ओ. एस. कोमल यादव ने भी ये कहकर पल्ला झाड़ लिया की चौबेपुर हमारे अंडर नहीं हैं जबकि चौबेपुर तातिया गंज कानपुर में ही लगता है | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भले ही उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का दावा करते हों लेकिन क्या वे इस समूची शिक्षा के भ्रष्टाचारियों को सजा दिलवा पाएंगे यह अपने आपमें एक अहम सवाल है

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