अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूनाइटेड नेशंस के कार्यक्रमों से युवाओं को जोडा जाना चाहिए

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आई एन वी सी न्यूज़    

नई  दिल्ली ,

यूनाइटेड नेशंस की यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशन यूएसए व् यूके की अंतर्राष्ट्रीय मीटिंग में बोलते हुए अंतरराष्ट्रीय सूचना तकनीकी परामर्शक डॉ डीपी शर्मा ने कहा कि जब तक युवाओं को यूनाइटेड नेशंस की एक्टिविटीज के साथ में नहीं जोड़ा जाएगा तब तक उसके लाभ जमीनी स्तर पर पूरी तरह से नहीं पहुंच पाएंगे, आज इसी बात की चर्चा के लिए हम सभी यूएनए के बैनर तले इकठ्ठा हुए हैं l 

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों के एक्सपर्ट के साथ राय मशविरा कर एक ऐसा ” यूएनए कार्यक्रम ट्रांसफर मॉडल” बनाने की आवश्यकता है जो यूनाइटेड नेशंस की एक्टिविटी को युवाओं तक पहुंचा सके और उनको अधिक से अधिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए चैनल एवं प्लेटफार्म प्रदान कर सके।

इस मीटिंग की अध्यक्षता एवं मॉडरेशन यूएनए यूएसए के डायरेक्टर आरजे जोहानसन ने की/ इस मीटिंग में डॉ डीपी शर्मा के अलावा यूएनए के डेनियल टिथेरिंगटोन, टिर्षा रोजर्स, ऑटोमन थॉमस,  बुशरा साहिन, इसाबेल टाइडल भाग लेने के साथ साथ होस्टिंग यूनाइटेड नेशंस यूएसए से मिस्टर अन्ना ने की l

 
इस मीटिंग में डॉ डीपी शर्मा को प्रोफेसर होने नाते विशेष रूप से यूथ अफेयर्स पर उनके मॉडल आइडियाज एवम युवा दिव्यांगजन के लिए उनके प्रयासों के बारे में बातचीत के लिए आमंत्रित था
इस मीटिंग का उद्देश्य यूनाइटेड नेशंस के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल के साथ साथ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर युवाओं की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी सुनिश्चित करने सम्बन्धी मुद्दों की चर्चा करना था l

ज्ञात रहे कि सन 2015 में यूनाइटेड नेशंस के मेंबर कंट्रीज ने एकमत से 2030 तक 17 विशेष प्राथमिकता वाले क्षेत्र को सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के रूप में स्वीकार किया था जिसमें स्वास्थ्य, समृद्धि एवं भविष्य की जेनरेशंस के लिए प्रोडक्टिविटी  जीवन स्तर को कैसे सुधारा जाए, तय किये गए थे।

इस मीटिंग में प्रमुख रूप से यूएसए एवं यूके के साथ अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और चर्चा की कि कैसे  यूनाइटेड नेशंस के सभी प्रोग्राम /कार्यक्रमों को जमीनी स्तर पर युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए पहुंचाया जाए l

इसमें डॉ डीपी शर्मा ने कहा कि आज आवश्यकता है कि हम स्कूल, कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों को यूनाइटेड नेशंस के कार्यक्रमों से जोड़ें जिसमें ट्रेनिंग प्रोग्राम यानी इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग या फील्ड ट्रेनिंग के दौरान यूनाइटेड नेशंस द्वारा जुड़ी हुई एनजीओ एवं अन्य संस्थाएं युवाओं को फंडिंग के साथ-साथ तकनीकी एवं व्यावसायिक सहायता कर सकती हैं और वे यूनाइटेड नेशंस बैनर तले अच्छा काम करने वाले युवाओं को अपने सर्टिफिकेट प्रदान करते हैं तो उनमें मोटिवेशन विकसित होगा l

इस प्रकार युवा पीढ़ी हकीकत के धरातल पर यूनाइटेड नेशंस द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रमों एवं बेइंतहा बजट को सही तरीके से जमीनी स्तर तक पहुंचाने में मदद कर सकती है l

ऐसा देखा गया है कि यूनाइटेड नेशंस के अधिकतर प्रोग्राम पूरी तरीके से जमीन तक पहुंचने में अभी भी कहीं ना कहीं कमजोर पड़ जाते हैं इसमें यूनाइटेड नेशंस के प्रयासों की कोई कमी नहीं बल्कि हर व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित करना आज की आवश्यकता है। इस मौके पर कुछ यूनाइटेड नेशंस से जुड़े युवाओं को भी आमंत्रित  गया था जिसपर डॉ शर्मा ने कहा कि उनके द्वारा प्रस्तावित इंटरनेशनल डिसएबल्स यूनिवर्सिटी में वे दुनियाँ के युवा डिसएबल्स की कैसे मदद कर सकते हैं / इच्छुक युवा इस मिशन से जुड़ सकते हैं। 

 
 

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