पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरामुखी गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत को झटका देते हुए उसे जमानत देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट के इस रुख के बाद उसने याचिका वापस लेने की छूट मांगी जिसे मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। हनीप्रीत के वकील का कहना था कि उन्हें पक्ष रखे जाने का अवसर दिया जाना चाहिए।
हनीप्रीत ने हाईकोर्ट में दायर अपनी नियमित जमानत की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया कि 25 अगस्त 2017 को पंचकूला हिंसा की साजिश रचने का उस पर आरोप है जबकि जिस समय दंगे हुए थे वह उस समय डेरा प्रमुख के साथ थी। डेरामुखी के साथ वह पंचकूला से सीधे रोहतक की सुनारिया जेल चली गई थी।

उसे इन दंगों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। बावजूद इसके उसे दंगों की साजिश का आरोपी बना दिया गया। दंगे की साजिश मामले की शिकायत पर 27 अगस्त 2017 को आदित्य इंसा और सुरिंदर धीमान के खिलाफ ही केस दर्ज किया गया था। 7 सितंबर को डेरा प्रमुख के गनमैन कांस्टेबल विकास कुमार के बयान के बाद पहली बार याचिकाकर्ता का नाम सामने आया था कि उसने आरोपियों के साथ बैठक की थी। .याची ने कहा कि उस पर आरोप लगाया गया कि उसने साजिश रची। PLC.
 

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