
आई एन वी सी न्यूज़
रायपुर,
निर्वाचन अवधि के दौरान मैरिज हॉल/ कम्यूनिटी हॉल / उपहार सामग्री / भोजन वितरण आदि के इस्तेमाल को लेकर निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेंगे जिला निर्वाचन पदाधिकारी भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा निर्वाचन अवधि के दौरान मैरिज हॉल/ कम्यूनिटी हॉल / उपहार सामग्री / भोजन वितरण आदि के इस्तेमाल को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं। डॉ मनीष रंजन, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि इस संदर्भ में जिला निर्वाचन पदाधिकारी मैरिज हॉल अथवा कम्यूनिटी हॉल के बुकिंग के प्रयोजन के साक्ष्य के रुप में यथा शादी का कार्ड आदि आवश्यक रुप से प्राप्त करेंगे ताकि निर्वाचन के उदेश्य से होनेवाले छद्म व्यय को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि जिला निर्वाचन पदाधिकारी मैरिज हॉल / कम्यूनिटी हॉल की होनेवाली बुकिंग का दैनिक रिपोर्ट प्राप्त करेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए कोई नकली समारोह का आयोजन नहीं किया जा सके। साथ ही किसी तरह की संदेहास्पद बुकिंग/ आयोजन की रिपोर्ट आयकर विभाग को देंगे, ताकि उनके द्वारा इसकी जांच आयकर दृष्टिकोण से की जा सके।
धार्मिक संस्थाओं के भोजन / लंगर पर रहेगी नजर
डॉ रंजन ने कहा निर्वाचन से पूर्व अगर धार्मिक संस्थानों में या धार्मिक समुदायों द्वारा सामुदायिक भोजों अथवा भोजन का वितरण मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया गाय है तो यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 123 और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता के अध्याय-9 क के प्रावधनों के संदर्भ में निर्वाचन अपराध है। इन मामले में वे अपने स्तर पर या जिला निर्वाचन पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि बड़े पैमाने पर भोजन वितरण पर कोई संदेह होने पर उसे रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
लुभाने के ख्याल से समारोह तो अभ्यर्थी के व्यय खाते में जोड़ा जाएगा
डॉ रंजन ने कहा कि यदि कोई अभ्यर्थी निर्वाचकों को लुभाने के लिए उसके द्वारा अथा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा आयोजित सामुदायिक भोज में शामिल होता है तो सामाजिक समारोह में होने वाले व्यय को अभ्यर्थी के चुनाव व्यय के खाते में जोड़ा जाएगा। हालांकि, धार्मिक समुदायाओं द्वारा अपने संस्थानों के अंदर प्रथागत तौर पर आयोजित लंगर, भोज आदि या कोई समारोह यथा शादी, मृत्यु आदि के लिए सामान्य भोज किसी व्यक्ति के द्वारा आयोजित किया जाता है तो सामुदायिक भोज / लंगर/ दावत आदि पर किया गया खर्च व्यय अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में नहीं जोड़ा जाएगा, बशर्ते वह इसमें सामान्य आगंतुक के तौर पर शामिल होता है और आयोजन में कोई वित्तीय योगदा नहीं करता है। निर्वाचन क्षेत्र में मतदान प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत यह समाप्त हो जाएगा।