के. वी. रमण
चेन्नई. तमिल विद्रोही गुट लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) प्रमुख वी. प्रभाकरण के भी रणभूमि छोड़ कर भागने की खबर है। श्रीलंकाई सेना को आत्म समर्पण कर चुके लिट्टे के प्रवक्ता ने बताया कि प्रभाकरण ने इसके लिए पनडुब्बी का इस्तेमाल कर सकता है।
श्रीलंका सेना के 58 डिविजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग शवेन्द्र डीसिल्वा के मुताबिक़ प्रभाकरण, उसका बेटा चाल्र्स एंथोनी, लिट्टे के गुप्तचर ब्यूरो के प्रमुख पोटू अम्मान और लिट्टे का वरिष्ठ अधिकारी सूजी एक पनडुब्बी की सहायता से श्रीलंका से भाग सकते हैं।
बिग्रेडियर डीसिल्वा के मुताबिक़ यह सूचना लिट्टे के पूर्व प्रवक्ता दया मास्टर ने दी है. दया ने पिछले दिनों सेना के सामने समर्पण कर दिया था। दीसिल्वा ने दया के हवाले से बताया कि सिर्फ़ अम्मान और सूजी प्रभारकण की मदद कर रहे थे. इनके अलावा सभी नेताओं ने प्रभाकरण को पहले ही छोड़ दिया था। क़ाबिले-गौर है कि दया मास्टर और लिट्टे की राजनीतिक शाखा के पूर्व प्रमुख एसपी तमिलचेल्वन ने नो फायर जोन के पुतुमतालन में गत 22 अप्रैल को सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। उत्तरी मुलैत्तिवू के आसपास लिट्टे द्वारा अब भी इस्तेमाल की आशंका वाले क्षेत्रों में नौसैनिक नाकाबंदी की गई है। डीसिल्वा ने कहा, ‘अप्रैल के पहले हफ्ते में लिट्टे के 613 उग्रवादी मारे गए थे।’