आई एन वी सी न्यूज़
लखनऊ,

पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों से मिल कर हुआ है। “परि” जो हमारे चारों ओर है “आवरण” जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की समष्टिगत इकाई है जो किसी जीवधारी अथवा पारितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप, जीवन और जीविता को तय करते हैं।

लेकिन पर्यावरण को स्वच्छ रखना आज बड़ी चुनौती बनकर देश और समाज के सामने आ रही है। क्योंकि आज पर्यवारण इतना दूषित हो गया है की खुली हवा में सांस लेना दूभर हो गया है। पर्यावरण दूषित होने के कारण बहुत सारी बीमारियां जन्म ले रही है। जो सीधे हमारे स्वास्थ पर प्रभाव डाल रहें है। पर्यावरण को दूषित होने से बचाने में समाज की क्या सहभागिता हो सकती है, इसी बात को तय करने के लिए शनिवार शाम को यूनाइट फाउण्डेशन के कार्यलय में एक बड़ी परिचर्चा की गया। जिसका विषय “पर्यावरण की चुनौतियां और सामाजिक भागीदारी” रख गया था।

प्रसिद्ध वैद्य राजेश कपूर ने कहा कि पर्यवरण पानी, हवा, ऑक्सीजन, से मिलकर बना है। लेकिन आज हमें न तो स्वच्छ हवा, न पानी न ऑक्सीजन और न भोजन ही मिल रहा है। इसका बस मात्र एक ही कारण है दूषित पर्यावरण। देश के वैज्ञानिकों पर पश्नचिन्ह लगाते हुए उन्होंने कहा कि देश को बर्बाद करने में न तो राजनेताओं का हाथ है और न प्रशासनिक अफसर जिम्मेदार है इसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ वैज्ञानिक है। क्योंकि वैज्ञानिक वह कार्य नहीं कर रहे है जो उन्हें करना चाहिए बल्कि वे अवार्ड  लेने और फोटो खिचाने में लगे हैं।  वैद्य राजेश कपूर ने कहा आज सड़को के किनारे जो पौधे लगाया जा रहे है उस पर पक्षी भी नहीं बैठते है।

उन्होंने एरिका पॉम पौधे को सबसे शक्तिशाली बताते हुए इसे ही लगाने की सबसे अपील की। उन्होंने कहा कि दुनियां की सारी दवा कंपनिया मिलकर आपको बीमार करने की पूरी कोशिश कर रही है अपना व्यवसाय चलाने के लिए। इस लिए पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए जनता को खुद आगे आना होगा। इसके साथ ही उन्होंने अपने साथ लाये हुए कुछ पौधों को  प्रयोग करके भी दिखाया, जो हमारे पर्यावरण को दूषित कर रहा है।

यूनाइट फाउण्डेशन प्रत्येक माह के दूसरे और चौथे शनिवार को विभिन्न सामाजिक विषयों पर बैठक, चिंतन और संवाद आयोजित करता है। इसी क्रम में इस शनिवार 9 नवम्बर, 2019, शाम 4 से 6 बजे जानकीपुरम स्थित कार्यालय में यूनाइट मंथन का आयोजन किया गया। इस सप्ताह का मंथन “पर्यावरण की चुनौतियां और सामाजिक भागीदारी” विषय हुआ।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्ध वैद्य राजेश कपूर, सोलन, हिमाचल प्रदेश ने प्राकृतिक चिकित्सा और स्वास्थ्य रक्षा पर लोगों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया। कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के रूप में यशपाल सिंह, पूर्व निदेशक, पर्यावरण विभाग उ.प्र. और श्री एच.एस. फाउण्डेशन के संस्थापक/सचिव, आर.एन. श्रीवास्तव, पूर्व पर्यावरण अधिकारी, पर्यावरण विभाग उ.प्र., समाधान फाउण्डेशन से अरुणेन्द्र श्रीवास्तव, प्रेमनारायन मेहरोत्र,  देवेन्द्र मेहरोत्रा यूनाइट फाउण्डेशन के उपाध्यक्ष राधेश्याम दीक्षित, सनातन ज्ञान पीठ के संस्थापक योगेश मिश्र, आईटीआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. उमाशंकर श्रीवास्तव और समाज क्षेत्र में काम कर रहे समाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी और भी मौजूद रहे।

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