
इस अवसर पर सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्री ने कहा कि डाक विभाग भारत के सबसे पुराने विभागों में से है और इसका व्यापक नेटवर्क तमाम नये अवसर भी खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि देश में जितने भी संगठन वित्तीय सेवाएं मुहैया कराते हैं, उनमें डाक विभाग की ही सबसे ज्यादा पहँुच ग्रामीण क्षेत्रों और पिछड़े एवं दूर-दराज के इलाकों में है। ऐसे में देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में डाक विभाग की अहम भूमिका है।सरकार की प्राथमिकताओं में वित्तीय समावेश की अहमियत को रेखांकित करते हुए उन्हांेने कहा कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी डाक विभाग इसमें प्रमुख भूमिका निभाता है और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक पहुँच की बदौलत ही सरकारी योजनाओं के एक बड़े हिस्से को डाकघरों के जरिए ही सुलभ कराया जा रहा है।
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि डाक विभाग में नई टेक्नालॉजी का समावेश करने हेतु आईटी मॉडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। इसके तहत आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों के सभी शाखा डाकघरों में भी काम ऑनलाइन होना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय डाक विभाग का नेटवर्क विश्व में सबसे बड़ा नेटवर्क है और मुझे लगता है कि संचार क्रान्ति के बाद डाकघरों की यह नेटवर्किंग दूसरी बड़ी क्रान्ति होगी। श्री प्रसाद ने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले समय में डाक विभाग के सम्मुख जो चुनौतियाँ आ रही हैं उन्हें देखते हुए डाक विभाग में अब ई-कामर्स और अन्य नये व्यवसायों की ओर ध्यान देना होगा।
कार्यक्रम के आरम्भ में उ.प्र. डाक परिमंडल की चीफ पोस्टमास्टर जनरल डॉ संिरता सिंह ने संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद जी का स्वागत करते हुए डाक सेवाओं के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की अहमियत को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बचत बैंक और बचत पत्रों से प्राप्त राजस्व के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश भारत का सर्वाधिक राजस्व अर्जित करने वाला परिमण्डल है। आभार ज्ञापन इलाहाबाद क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कर्नल एस.एफ. रिजवी द्वारा और संचालन निदेशक डाक सेवाएं, इलाहाबाद परिक्षेत्र श्री कृष्ण कुमार यादव द्वारा किया गया।