{ ज़ाकिर हुसैन } नरेद्र मोदी को हलके में आकने व् मिस कल्क्युलेशन और मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति ने एक बार फिर दोनों मौसेरे भाइयों का भरत मिलाप करवा ही दिया ! इसमें कोई दो राय नहीं इस भरत मिलाप में सबसे बड़ा योगदान नरेद्र मोदी के साथ साथ भाजपा और आरएसएस संगठन का ही हैं ! 21 साल बाद पूर्व कुशासन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और पूर्व बिहार के शुशासन मुख्मंत्री नितीश कुमार का भरत मिलाप हो ही गया ! इस भरत मिलाप का पूरा क्रेडिट नरेद्र मोदी को ही जाता हैं ! लालू और नितीश लगभग 20 साल तक एक दुसरे को कोसते हुए अपनी राजनितिक रोटिया सकते रहे ! लालू ने अडवानी का रथ रोकर लगभग 15 से 20 साल तक मलाई खाई तो नितीश ने भी लालू और कांग्रेस का विरोध करके 15 साल तक सत्ता का पट्टा अपने नाम लिखवा कर रबडी मलाई जम कर खाई !
मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करने वाले सभी गैर भाजपाई नेताओं को हाशिये पर लाने के लियें संघ परिवार ने भी धीरे से बहुत ही आराम से आरएसएस प्रचारक इन्द्रेश कुमार की अगुवाई में राष्टीय मुस्लिम मंच की शुरुआत की ! ये संगठन ठीक वैसे ही काम करता हैं जैसे आरएसएस का पूरा संगठन करता हैं ! फर्क सिर्फ इतना हैं इसमें प्रचारक मुसलमान होता हैं जो संघ की विचारधारा के साथ साथ सभी पार्टियो के द्वारा किए गए मुसलमानों के शोषण को घर घर तक पहुचाता हैं ! इस संगठन का जलवा इस आम चुनाव में देखने को मिला और सभी सकयुलर दलों की मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति को राष्टीय मुस्लिम मंच ने हाशिये पर लाकर सत्ता की चोखट से दूर कर दिया !
1994 में लालू के सभी विरोधियो ने मिलकर ( नितीश कुमार एंड ने ) अपनी राजनितिक ज़मीन बचाने के लियें बिहार में लालू का साथ छोड़ कर अलग से पार्टी का गठन किया पर जब सफलता नहीं मिली तो तो भाजपा के साथ गठबंधन किया और पहली बार आम चुनाव में जीत कर ,केंद्र में सत्ता सुख भोगने के लियें दिल्ली चले आऐ ! दिल्ली में N D A की सरकार में नितीश एंड पार्टी सत्ता सुख में विलीन थे तभी गोधरा काण्ड हुआ था पर तब नितीश कुमार एंड पार्टी ने सिवाए ज़बानी जमा खर्च के अलावा कुछ नहीं किया पर जब आरएसएस संगठन ने नरेद्र मोदी की भाजपा प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित किया तो अचानक से नितीश कुमार एक बार फिर सेक्युलर हो गये और अपने चापलूस सल्हाकारो की सलहा मन कर भाजपा से अपना वर्षो पुराना गठबंधन को नमस्कार कर दिया जिसका खाम्याज़ा नितीश कुमार को आम चुनाव में भुगता तो पडा ही साथ साथ अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने का स्वांग भी रचना पडा !
आज देश के विपक्ष की राजनितिक ज़मीन खतरे में हैं और इसी ज़मीन को बचाये रखने के लियें पूरे देश का विपक्ष आज अपनी विचाराधारा को भी अब उल्टी दिशा में मोड़ने को भी तैयार हैं ताकि सत्ता से उनका पत्ता हमेशा के लियें काटने से बच जाए ! नितीश कुमार ने 20 साल तक लालू के खिलाफ सा कोई बुरा राजीतिक ब्यान नहीं था जो नहीं दिया हो , तो वहीँ लालू ने भी कभी कोई कसर नहीं छोडी थी ! पर अब जब दोनों खुद की राजनितिक ज़मीन हाशिये पर आ गई हैं तो सब कुछ भुला कर एक बार भरत मिलाप करके भाजपा को साथ साथ कोसने की तैयारी शुरू कर दी हैं ! नितीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तौड़ कर अपने गले एक ऐसी विचारधारा की फांस फसा ली जो अब उनके लियें न निगले बन रही और न ही उगले बन रही हैं , तो वहीँ लालू प्रसाद भी इसी तरहा की राजनितिक विचारधारा वर्षो से अपने साथ लियें घूम रहे हैं जिसका फल लालू को दोनों रूप में प्राप्त हुआ !
इस भरत मिलाप पर जनता का अभी रुख साफ़ होने वाला हैं ,इस उप चुनाव में लालू और नितीश 21 साल पुरानी भाजपा विरोधी विचारधारा के एक नए अवतार में फिर से साथ साथ हैं ! कांग्रेस की हालत पहले ही बाद से बदतर हैं ,कांग्रेस भी लालू और नितीश के साथ मिलकर बिहार में अपना दो चार पर्तिशत वोट बढता देख रही हैं कांग्रस के पास न तो कोई केंद्र में ही न ही कोई बिहार में ऐसा नेता बचा हैं जो कांग्रेस में एक बार फिर प्राण फूक सके ! कांग्रेस का केन्द्रीय कार्यालय चापलूसों और मगरूरो से भरा पडा हैं ! कांग्रेस संगठन को अपने शीर्ष नेताओं की चापलूसी करने के अलावा कोई काम नहीं हैं तो वहीँ भाजपा संगठन ने मुल्ला मुलायम सिंह की टोपी भी सरे बाज़ार उतार कर रख दी हैं ! भाजपा संगठन ने पूरे प्रदेश में जिस तरहा से अखिलेश मुलायम विरोधी माहोल तैयार किया गया हैं उसके बाद लोकसभा के बाद अब उप चुनावों में भी समाजवादी पार्टी की हार लगभग एक दम तय कर दी हैं !
दलितों के नाम पर हो रहीं राजनीति और उसके बाद माया की चुप्पी ने भाजपा का रास्ता ओर आसान कर दिया हैं ! मायावती की मजबूर हैं खुद को किसी भी हालत में सी बी आई से बचाय रखना यानी जिसकी भी केंद्र में सरकार होगी मायावती उसको न सिर्फ फालतू में बिना मांगे समर्थन देंगी बल्कि हर हाल में हर सदन में केंद्र सरकार की हाँ में हाँ भी मिलायेंगी !
कांग्रेस का चापलूस .बदहाल ,थुल थुल संगठन और मायावती के भरष्टाचार के बाद हर दलित मुद्दों पर चुप्पी ने दलित्त वोट बैंक पर भाजपा कब्ज़ा करवाने में सबसे बड़ा योदान दिया हैं ! कांग्रेस के साथ साथ लगभग सभी पार्टियों ने मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने में भाजपा पूरा पूरा सहयोग किया ! जहाँ एक और सन 2002 के बाद से आरएसएस ने संघ प्रचारक इन्द्रेश की देखरेख में राष्टीय मुस्लिम मंच जैसा संगठन खड़ा किया तो वहीँ बाकी सभी पार्टियाँ चंद सफ़ेद कालर मुस्लिम नेताओं चापलूसी में ही मगन रहे जिसका खाम्यज़ा इस आम चुनाव में सभी गैर भाजपाई पार्टियो ने भुगता !
पिचले 12 सालो में संघ प्रचारक इन्द्रेश कुमार राष्टीय मुस्लिम मंच संघ सम्रर्थक मुस्लिमो का एक विशाल संगठन खड़ा कर दिया हैं जो पूरे देश में अब पूरी तरहा और आरएसएस की ही तर्ज़ सक्रिय हैं ! राष्टीय मुस्लिम मंच उत्तर प्रदेश और बिहार में एक बहुत बड़े मुस्लिम वोट बैंक पर अपना कब्ज़ा जमाये हुए है जो नितीश और लालू के इस भरत मिलाप को फिर बनवास पर भेज सकता ! कांग्रेस के साथ साथ लालू ,नितीश,मुलायम ,मायावती ने भी आरएसएस प्रचारक इन्द्रेश कुमार के इस संगठन को पूरी तरहा नज़र अंदाज़ किया था जिसका पश्तावा अब कभी भी इन सभी को हो सकता हैं !
मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करने वाले सभी राजनितिक दलों की राजनितिक ज़मीन पर अब पूरी तहा ख़तरा मंडरा रहा हैं ! जिस पर सभी पार्टियो ने अपनी आखे या तो मूँद रखी हैं या फिर अब बहुत देर कर दी है ये तो आने वाला वक़त ही बताएगा ! क्योकि भारत में लगभग सभी राज्यों और केंद्र बिना मुस्लिम वोट बैंक के कोई भी दल या पार्टी सत्ता सुख को नहीं भोग सकती हैं इसका जीता जागता उधारन इतिहास की गर्द से लेकर इस आम चुनाव में मिली भाजपा शादर जीत में दर्ज हैं !
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ज़ाकिर हुसैन
समूह सम्पादक आई एन वी सीअंतराष्ट्रीय समाचार एवम विचार निगम
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समपादक इंटरनेशनल न्यूज़ एंड वियुज डॉट कॉम
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भाई ये मंच किस किस सहर में हैं ? इसके समर्थन में मुस्लिम क्यों आएंगे ? स्पस्ट करते तो अच्छा लगता !