मार्गशीर्ष मास में ये चमत्कारी स्तोत्र पढ़ने से मिलता श्री कृष्ण का प्यार
बल्कि ऐसा कहा जाता है कि इस चमत्कारी व शक्तिशाली पाठ को दिन में व्यक्ति को 2 से 3 दिन बार पढ़ना चाहिए। मगर गजेंद्र मोक्ष का पाठ है क्या इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं, कुछ तो ऐसे भी लोग होंगे कि जिन्होंने कभी इसका नाम भी नहीं सुना होगा। तो अगर आप भी नहीं जानते हैं क्या है गजेंद्र मोक्ष का पाठ तो पढ़े आगे संपूर्ण पाठ-
नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ।
गज और ग्राह लड़त जल भीतर, लड़त-लड़त गज हार्यो।
जौ भर सूंड ही जल ऊपर तब हरिनाम पुकार्यो।।
शबरी के बेर सुदामा के तन्दुल रुचि-रुचि-भोग लगायो।
दुर्योधन की मेवा त्यागी साग विदुर घर खायो।।
पैठ पाताल काली नाग नाथ्यो, फन पर नृत्य करायो।
गिरि गोवर्द्धन कर पर धार्यो नन्द का लाल कहायो।।
असुर बकासुर मार्यो दावानल पान करायो।
खम्भ फाड़ हिरनाकुश मार्यो नरसिंह नाम धरायो।।
अजामिल गज गणिका तारी द्रोपदी चीर बढ़ायो।
पय पान करत पूतना मारी कुब्जा रूप बनायो।।
कौर व पाण्डव युद्ध रचायो कौरव मार हटायो।
दुर्योधन का मन घटायो मोहि भरोसा आयो ।।
सब सखियां मिल बन्धन बान्धियो रेशम गांठ बंधायो।
छूटे नाहिं राधा का संग, कैसे गोवर्धन उठायो ।।
योगी जाको ध्यान धरत हैं ध्यान से भजि आयो।
सूर श्याम तुम्हरे मिलन को यशुदा धेनु चरायो।। PLC.