
लखनऊ. राजधानी लखनऊ (Lucknow) के पॉश इलाके में शनिवार को रेलवे अफसर राजेश दत्त बाजपेई की पत्नी और बेटे की की हत्या मामले में कई खुलासे हो रहे हैं. पुलिस (Police) की तफ्तीश के मुताबिक मां और भाई की हत्या करने वाली नाबालिग छात्रा हेल्युसिनेशन (Hallucination) से पीड़ित थी. इस बीमारी के चलते उसे घर में भूत दिखाई देते थे और ऐसे में उसने खुद को कमरे में कैद कर लिया था. वह उसे छोड़ना नहीं चाहती थी. जबकि पूरा परिवार 15 दिन के अंदर दिल्ली शिफ्ट होने वाला था. दिल्ली शिफ्ट होने से उसे उसका कमरा छूटने का डर था. इसी वजह से उसने मां और भाई पर हमला किया और अपनी शूटिंग पिस्टल से गोली मारकर उनकी हत्या कर दी.पुलिस को नाबालिग के कमरे में जो सामान मिले वो काफी चौंकाने वाले थे. वह बच्ची डायरी लिखती थी. डायरी में जॉन कीट्स, विलियम वर्ड्सवर्थ की कविताएं और कोटेशन मिले जो ज्यादातर मृत्यु या मृत्यु के रहस्य से संबंधित थे. पुलिस जांच के मुताबिक कमरे के हालात डिप्रेशन के टर्म हेल्युसिनेशन की ओर इशारा कर रहे थे. बच्ची के पिता राजेश दत्त बाजपेयी नई दिल्ली में तैनात थे और 15 दिन के अंदर ही इन लोगों को भी नई दिल्ली शिफ्ट होना था. घर का ज्यादातर सामान नई दिल्ली जा चुका था. कुछ किताबें, शोपीस और जरूरी सामान ही घर में रखा था. पुलिस के मुताबिक बच्ची वह कमरा छोड़ना नहीं चाहती थी जिस कमरे को उसने अपनी दुनिया बना रखी थी.
क्या वह किसी के काबू में थी?
पुलिस के मुताबिक ये पूरी घटना कुछ ऐसे लोगों से बातचीत के बाद हुई जो सिर्फ उस बच्ची को ही दिखाई देते थे, किसी और को नहीं. शायद बच्ची अपनी इसी दुनिया से दूर होने के डर से भयभीत थी. नहीं तो एक ऐसी बच्ची जो नेशनल लेवल के शूटिंग कंपटीशन में मैडल जीत चुकी हो, जिसे पियानो समेत पांच-पांच वाद्ययंत्र बजाने आते हों, जो फ्रेंच,जर्मन जैसी भाषाओं में पारंगत हो ऐसी घटना को अंजाम दे सकती है. ये अविश्वसनीय, अकल्पनीय लेकिन सत्य घटना है.
मां-भाई से की थी भूत दिखने की बात
पुलिस के मुताबिक बच्ची ने बताया कि उसने मां और भाई से घर में भूत दिखने की बात कही थी. लेकिन किसी ने उसकी बात पर विश्वाश ही नहीं किया. पुलिस को उसके कमरे से कई रहस्यमयी चीजें मिली. जैसे एक मुस्कुराता हुआ इमोजी, जिससे आंख से आंसू निकल रहा था. उसकी मेज पर एक इंसानी खोपड़ी रखी थी. जिसे ध्यान से देखने पर शीशे में एक औरत नजर आ रही थी.
क्या होता है हेल्युसिनेशन?
मनोचिकित्सक के मुताबी हेल्युसिनेशन से पीड़ित इन्सान को वो चीज दिखती है जो वास्तव में कहीं है ही नहीं. इस केस में भी ऐसा ही लग रहा है. किसी डर से उसने अपने कमरे को ही दुनिया बना ली थी और खुद से बातें करती थी. वह वहां सुरक्षित महसूस करती थी. पीएलसी।PLC.