महाबली ट्रंप की विश्वसनीयता पर लगता प्रश्नचिन्ह

0
36

– तनवीर जाफ़री –                                

विश्व के सर्वशक्तिमान देश के प्रमुख राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप वैसे तो अपने विवादित बयानों को लेकर पहले भी सुर्ख़ियां बटोरते रहे हैं। उनसे जुड़े कई क़िस्से ऐसे भी हैं जो उन्हें वैचारिक रूप से नस्लवादी साबित करते हैं। कुछ दिन पूर्व ट्रंप की आप्रवासन नीतियों पर हुई एक चर्चा के दौरान आप्रवासी पृष्ठभूमि से आने वाली विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी की चार महिला सांसदों ने ट्रंप की आप्रवासन नीतियों पर सवाल उठाए थे।इन महिला सांसदों का सवाल उठाना ट्रंप को इतना नागवार गुज़रा कि उन्होंने उन चार महिला सांसदों से यहाँ तक कह दिया कि "उन्हें अगर इतनी ही तकलीफ़ है तो वो अमरीका छोड़ वहीं चली जाएँ जहाँ से वो आई हैं"। 

इल्हान ओमर, राशिदा तालिब, अलेक्सांद्रिया ओकासियो कोर्तेज़ और आयाना प्रेस्ले नाम की ये चार महिलाएँ गत वर्ष नवंबर महीने में अमरीका में सांसद चुनी गईं थीं। इतना ही नहीं बल्कि अपनी लोकप्रियता के चलते इन सभी महिलाओं ने अपनी-अपनी जीत से एक नया इतिहास भी बनाया है। इन महिलाओं को अपमानित करने के लिए ट्रंप ने कहा कि ये महिला सांसद जिन देशों से संबंध  रखती हैं, वहां की सरकारों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं जबकि अमेरिका दुनिया में सबसे महान देश है। राष्ट्रपति ट्रंप की इस नस्लीय टिप्पणी के बाद अमरीका की प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की निंदा का प्रस्ताव पारित किया है।इस प्रस्ताव में राष्ट्रपति ट्रंप की उस टिप्पणी को नस्लवादी बताते हुए कहा गया है कि यह नए अमरीकियों के भय और नफ़रत को वैध क़रार देता है. । ट्रंप की निंदा के प्रस्ताव के पक्ष में 235 डेमोक्रेटिक सांसदों के अलावा चार रिपब्लिकन और एक निर्दलीय सांसद ने भी वोट किया। इस प्रस्ताव के पारित हो जाना इस बात का सुबूत है कि प्रतिनिधि सभा के बहुसंख्य सदस्यों ने ट्रंप के विरुद्ध आए निंदा प्रस्ताव पर अपना समर्थन जताया है।पूरे अमेरिका में राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के चार महिला सांसदों पर किए गए ट्विटर हमले की व्यापक आलोचना हो रही है और लोग उन्हें नस्लवादी कह रहे हैं.

                                   महाबली (ट्रंप) केवल नस्लवादी ही नहीं हैं बल्कि वे अमेरिका के पहले ऐसे राष्ट्रपति भी बन चुके हैं जो झूठ गढ़ने और बोलने में बड़ी महारत रखते हैं। वे न सिर्फ़ कई बार झूठ बोल चुके हैं बल्कि उन्होंने कई बार ऐसे दावे भी किये हैं जो गुमराह करने वाले हैं।  अमेरिकी समाचार पत्र अक्सर ट्रंप की झूठ की पोल खोलते रहते हैं।अमेरिका के प्रतिष्ठित अख़बार वाशिंगटन पोस्ट ने कई बार ट्रंप के झूठ को पकड़ा है। वॉशिंगटन पोस्ट के ही फ़ैक्ट चेकर्स डेटाबेस के मुताबिक़ डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद अब तक 10 हज़ार 796 बार झूठ बोल चुके हैं. अपने कार्यकाल के 869 दिन तक ट्रंप ने 10 हज़ार 796 बार झूठ बोला और गुमराह करने वाले अनेकानेक दावे किए. वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार राष्ट्रपति ट्रंप ने औसतन प्रतिदिन 12 बार झूठ बोले हैं. पिछले दिनों कश्मीर के सन्दर्भ में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए ट्रंप ने एक ऐसा महाझूठ बोला जो कि दशकों से चली आ रही भारत की कश्मीर नीति के बिल्कुल विरुद्ध था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की मौजूदगी में एक अमेरिकी पत्रकार द्वारा कश्मीर के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कहा था कि वो (ट्रंप) मध्यस्थता करना चाहेंगे ?मैंने (ट्रंप ) पूछा कहाँ ?मोदी ने कहा -कश्मीर में। हमने कहा -क्यों नहीं? कश्मीर विवाद के निपटारे में मदद करने और मध्यस्थता करने में उन्हें ख़ुशी होगी। ट्रंप ने कहा था कि यदि भारत और पाकिस्तान अनुरोध करते हैं तो वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। भारत ने ट्रंप के इस बयान को तत्काल ख़ारिज कर दिया और भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है। ट्रंप के कश्मीर संबंधी इस झूठ पर डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद ब्रैड शेरमैन ने सवाल उठाते हुए कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसी बात कभी नहीं कर सकते हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि दक्षिण एशिया की विदेश नीति के जानकार इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि कश्मीर मसले में भारत लगातार तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध करता रहा है। 

उन्‍होंने ट्रंप के बयान को भ्रामक और शर्मिंदा करने वाला बताया। इतना ही नहीं उन्‍होंने इस बयान को लेकर अमेरिकी राष्‍ट्र‍पति की तरफ़ से माफ़ी तक मांगी है।परन्तु स्वयं राष्ट्रपति ट्रंप या व्हाइट हाऊस की ओर से ट्रंप के इस बयान का अभी तक न तो कोई खंडन किया गया है न ही किसी प्रकार का संशोधन या स्पष्टीकरण दिया गया है। बजाए इसके "महाबली" के आर्थिक सलाहकार राष्ट्रपति ट्रंप के "झूठ की लाज" रखने के लिए यह कह चुके हैं की राष्ट्रपति ट्रंप ने जो कहा है वह सही है। देखना होगा कि संसद के वर्तमान सत्र के समापन से पूर्व स्वयं भारतीय प्रधानमंत्री ट्रंप द्वारा कश्मीर संबंधी दिए गए उनके गुमराह करने वाले झूठ पर स्वयं अपनी चुप्पी तोड़ते हैं या नहीं। 

                                     ट्रंप द्वारा बोले गए कई ऐसे प्रमुख झूठ हैं जो अमेरिका के लोगों द्वारा प्रमुखता से याद किये जाते हैं।पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के बारे में ट्रंप ने कहा था कि वे अमेरिका में पैदा ही नहीं हुए। परन्तु 2016 में उन्‍होंने माना कि पूर्व राष्‍ट्रपति अमेरिकी नागरिक हैं और उनका जन्‍म अमेरिका में ही हुआ है।इतना ही नहीं बल्कि ओबामा का जन्म प्रमाण पात्र भी ट्रंप ने ही जारी किया।टेड क्रुज जो कि राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के प्रतिद्वंदी थे उनके विषय में उन्होंने कहा था कि  टेड क्रुज के पिता पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति जॉन एफ़ केनेडी की हत्‍या में शामिल थे।  बाद में वे अपने इस बयान से भी पीछे हट गए थे। इसी प्रकार ट्रंप अमेरिका में बेरोज़गारी की दर कभी 5 प्रतिशत ,कभी 24 तो कभी 42 प्रतिशत तक बताते रहते हैं। अपना महिमामंडन करते हुए तीन राज्यों में चुनाव हारने के बावजूद वे राष्‍ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद अपनी जीत को भारी जीत बताते रहे हैं। उन्‍होंने एफबीआई के एक कर्मचारी पीटर पर कुछ लोगों के साथ मिलकर उनकी सरकार गिराने हेतु षड़यंत्र रचने जैसा भी गंभीर आरोप लगाया था।परन्तु जाँच के बाद इस बारे में कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए। इसी प्रकार उन्होंने एफ़ बीआई डायरेक्‍टर जेम्‍स कॉमे को हटाए जाने के संबंध में भी झूठ बोला था। इस झूठ का भी पर्दाफ़ाश हो गया। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिकी अटॉर्नी जनरल और उनके डिप्‍टी की सलाह पर डायरेक्‍टर जेम्‍स कॉमे को हटाए जाने का फ़ैसला लिया गया था। ट्रंप ने अपने निजी वकील माइकल कोहेन को 2018 की शुरुआत में एक निहायत  ईमानदार और अच्छा इंसान बताया था लेकिन कुछ समय बाद ही उनके प्रति ट्रंप की राय बदल गई । बाद में अपने एक बयान में उन्‍होंने माइकल कोहेन को एक कमज़ोर इंसान और  नॉट स्‍मार्ट पर्सन जैसे विशेषणों से नवाज़ा । इसी तरह ट्रंप ने एक बार यह झूठ प्रचारित किया कि राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति ओबामा ने उनके पीछे जासूस लगाए जिससे हिलेरी क्लिंटन को जीत में मदद मिल सके।
                                     

अमेरिका, ट्रंप की नस्लवादी एवं पूर्वाग्रही सोच तथा जल्दबाज़ी में कुछ भी बोल देने की वजह से ही अपनी ईरान संबंधी नीति में भी स्वयं उलझता जा रहा है।ईरान पर परमाणु हथियार तैय्यार करने का निरर्थक आरोप लगाकर पिछले दिनों ट्रंप ने ईरान पर कई कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी। यहाँ तक की उन्होंने ईरान के रेवोल्यूशनरी गॉर्डस को आतंकी संगठन व राक्षसी सेना का नाम दे दिया है। हालाँकि दुनिया के सामने तो अमेरिका यही कहता आ रहा है कि उसे ईरान के सत्ता परिवर्तन में कोई दिलचस्पी नहीं है परन्तु दशकों से अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबन्ध का सामना करते आ रहे ईरान में फिर से कई ताज़ा प्रतिबंध लगाने का अमेरिका का मक़सद यही था की ईरान की जनता बेरोज़गारी व मंहगाई से तथा प्रतिबंधों के चलते होने वाली परेशानियों से दुखी होकर वर्तमान सत्ता के विरुद्ध सड़कों पर आ जाएगी। परन्तु ठीक इसके विपरीत ईरानी अवाम अमेरिका व ट्रंप की दादागीरी व उसकी कुटिल चाल को समझकर और भी एकजुट हो गई है। अब तक ट्रंप की किसी भी घुड़की के आगे ईरान नतमस्तक भी नहीं हुआ। अमेरिका जैसे "सर्वशक्तिमान" देश के लिए ख़ास तौर पर महाबली ट्रंप के लिए यह भी एक बड़ा झटका है। ईरान से लेकर अफ़ग़ानिस्तान तक वर्तमान अमेरिकी नीतियां अमेरिका के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाली हैं। इसका मुख्य कारण राष्ट्रपति ट्रंप के नस्लवादी व विभाजनकारी विचार तथा उनके द्वारा लगभग प्रतिदिन बोले जाने वाले झूठ हैं। यह स्थिति अमेरिका ख़ास तौर पर "महाबली ट्रंप" की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा सकती है।
 

_____________

 

About the Author

Tanveer Jafri

Columnist and Author

 

Tanveer Jafri, Former Member of Haryana Sahitya Academy (Shasi Parishad),is a writer & columnist based in Haryana, India.He is related with hundreds of most popular daily news papers, magazines & portals in India and abroad. Jafri, Almost writes in the field of communal harmony, world peace, anti communalism, anti terrorism, national integration, national & international politics etc.

 

He is a devoted social activist for world peace, unity, integrity & global brotherhood. Thousands articles of the author have been published in different newspapers, websites & news-portals throughout the world. He is also recipient of so many awards in the field of Communal Harmony & other social activities. 

 

Contact – : Email – tjafri1@gmail.com –  Mob.- 098962-19228 & 094668-09228 , Address – Jaf Cottage – 1885/2, Ranjit Nagar,  Ambala City(Haryana)  Pin. 134003

 

Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely his own and do not necessarily reflect the views of INVC NEWS.

     

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here