
लखनऊ,
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि शिक्षक-अभिभावक के कुशलयोजक बनने पर ही छात्र-छात्राएं राष्ट्रीय एवं अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। भारत को पुनः विश्वगुरू बनाने के लिए शिक्षण संस्थाओं को महत्वपूर्ण योगदान देना होगा।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं की एक सप्ताह तक चली प्रतियोगिताओं में विजयी संस्थाओं एवं छात्र-छात्राओं केे पुरस्कार वितरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर ब्रह्मलीन पूज्य योगी गुरू गोरखनाथ स्वर्ण पदक महराजगंज जिले के चैक स्थित दिग्विजयनाथ इण्टर काॅलेज को दिया गया।
योगी जी ने कहा कि वर्ष 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना हुई थी, जो आज 44 शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थाएं संचालित कर रही है। यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कला, विज्ञान, वाणिज्य, मेडिकल, तकनीकी के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति की भी शिक्षा प्रदान की जाती है। पूर्वान्चल ही नहीं वरन् पूरे प्रदेश में इस संस्था का विशिष्ट स्थान है।
योगी जी ने सभी छात्र-छात्राओं को आह्वान किया कि वे कृतसंकल्प होेकर अपना शिक्षण कार्य पूरा करें तथा समाज एवं देश की सेवा करें। जीवन में कुछ भी प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और अनुशासन की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश देश की सर्वाधिक आबादी वाला प्रदेश है इसलिए इसकी चुनौतियां भी बड़ी हैं। राष्ट्रीय एवं अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन के लिए प्रदेश के विद्यार्थी खुद को तैयार करें।
समारोह के मुख्य अतिथि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डाॅ0 सत्यपाल सिंह ने कहा कि छात्र-छात्राओं को समग्र विकास के लिए स्वच्छता एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। विद्यार्थियों की वाणी शालीन होनी चाहिए। शिक्षा के किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करनी चाहिए, कभी अभिमान नहीं करना चाहिए तथा, हमेशा विनयशील रहना चाहिए।
डाॅ0 सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया। स्वाभिमानी का जीवन जिया तथा आने वाली पीढ़ी को बलिदान का पाठ पढ़ाया। छात्र-छात्राओं को इस प्रकार के संस्कार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मां बाप से बढ़कर कोई देवी देवता नही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ0 सत्यपाल सिंह एवं परिषद के 101 वर्ष के सदस्य श्री प्यारे मोहन सरकार को अंग वस्त्र व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्हांेने केन्द्रीय मंत्री की पत्नी श्रीमती अलका सिंह को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर उने दो पुस्तकों ‘भारतीय राष्ट्रीय एवं संत परम्परा’ तथा ‘श्री गोरक्ष पीठ योग और शिक्षा’ का विमोचन भी किया।
पुरस्कार समारोह में ब्रहमलीन पूज्य गंभीरनाथ स्वर्ण पदक दिग्विजयनाथ महाविद्यालय के डाॅ0 राजशरण शाही, ब्रहमलीन पूज्य दिग्विजयनाथ स्वर्ण पदक एम0एड0 की छात्रा सुश्री ज्योति सिंह, ब्रहमलीन पूज्य योगी अवैद्यनाथ स्वर्ण पदक श्री राहुल गिरि को प्रदान करने सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं के लगभग 650 प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विधायकगण डाॅ0 राधामोहन दास अग्रवाल, श्री महेन्द्र पाल सिंह, श्री शीतल पाण्डेय, श्री फतेहबहादुर सिंह सहित जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षाविद एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।