भारतियों में गलत खाने-पीने की आदतें एक बड़ी चिंता का विषय

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आई एन वी सी न्यूज़ 

नई  दिल्ली ,

बढ़ते शहरीकरण और बदलती जीवनशैली के साथ गतिहीन जीवनशैली के कारण मोटापा महामारी का रूप लेता जा रहा है। आजकल मध्यम आयु वर्ग के लोगों में मोटापे की समस्या आम हो गई है जो  मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक, नींद की बीमारी, जोड़ों में दर्द, बांझपन और कैंसर के जोखिम को बढ़ाती है।

 आनुवांशिकी, पोषण, जीवनशैली, नींद के पैटर्न और साइकोलॉजी आदि सब वजन बढ़ाने में प्रमुख योगदान देते हैं। लोग अक्सर कहते हैं, ‘अपने मुंह को मंद रखें, खुद पर कंट्रोल रखें, मोटीवेटेड रहें’, लेकिन क्या उन्हें जरा सा भी अंदाजा है कि यह सभी के लिए काम नहीं कर सकता है। खुद के जीवन को संतुलित करना एक कठिन काम है जो लगभग सभी के लिए किसी संघर्ष से कम नहीं है। वजन को मैनेज करना कैलोरी संतुलन से परे है क्योंकि कई अन्य कारक हैं जिन्हें समझने और इससे निपटने की आवश्यकता है।

 नई दिल्ली स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के रोबॉटिक सर्जन, डॉक्टर आशीष वशिष्ठ ने बताया कि “वजन को कम करने में मौलिक जीवनशैली में बदलाव, आहार और बढ़ी हुई शारीरिक गतिविधि एक अहम भूमिका निभाती है। गलत समय पर सोने की आदत के कारण गलत समय पर खाने की लालसा बढ़ती है जिससे चयापचय में गड़बड़ी होती है। हर दिन 7 से 9 घंटों की नींद सही समय पर पूरी करना जरूरी है। मोटापे का इलाज संभव है लेकिन इसमें सिर्फ दवाई खाने या डाइटिंग करने से कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। यह इन सब चीजों से बिल्कुल अलग है। इसके लिए एक बहु-विषयक मूल्यांकन की आवश्यकता है, जैसे आहार विशेषज्ञ, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, मनोवैज्ञानिक, इंटर्निस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट, परिवार चिकित्सक, बेरिएट्रिक शल्य चिकित्सक। आखिरी उपाय सर्जिकल मैनेजमेंट यानी बैरियाट्रिक सर्जरी है जो निरंतर वजन घटाने और मोटापे से संबंधित सभी बीमारियों के सुधार के लिए सबसे प्रभावी उपचार विकल्प साबित हुआ है।“

 शहरीकरण और बेहतर आर्थिक स्थिति के कारण आजकल हर जगह परिवहन के कई साधन उपलब्ध हैं जिससे ट्रैवल करना बहुत आसान हो गया है। यही कारण है कि लोगों में फिजिकल एक्टीविटी लगभल शून्य हो गई है। इसके अलावा, बाजार में कैलोरी से भरे हुए जंक फूड जिनमें पोषण की मात्रा शून्य के बराबर होती है, हर जगह दिखाई देते हैं। व्यस्त जीवनशैली में अधिकतर लोग इन्ही जंक फूड पर डिपेंड करते हैं जो मोटापे जैसी बड़ी बीमारी को जन्म देता है।

 डॉक्टर आशीष वशिष्ठ ने आगे बताया कि, “बैरियाट्रिक सर्जरी या वजन कम करने की सर्जरी में विभिन्न प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। इस प्रक्रिया में मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति के पेट का कुछ हिस्सा काट कर बाहर कर दिया जाता है। रोबॉटिक बैरियाट्रिक सर्जरी की सलाह उन मरीजों को दी जाती है जिनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) बहुत ज्यादा होता है। इसकी सलाह उन्हें भी दी जाती है जिनको मोटापे के कारण अन्य गंभीर बीमारियां होने लगती हैं। इस सर्जरी के अच्छे परिणामों के कारण यह अधिक लोकप्रिय हो रही है। गैस्ट्रिक बाईपास के साथ इस सर्जरी के फायदे अधिक देखने को मिलते हैं।”

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