आई.एन.वी.सी,,
दिल्ली,,

संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्‍बल ने कहा है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र के सहस्राब्‍दी विकास लक्ष्‍यों को हासिल करने के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) को चाहिए कि वह देश-विशेष ब्रॉडबैंड नेटवर्क योजना विकसित करने के लिए प्रत्‍येक राष्‍ट्र की मदद करे। श्री सिब्‍बल ने यह बात जिनेवा में ‘’ब्रॉडबैंड लीडरशिप समिट – आईटीयू टेलीकॉम वर्ल्‍ड 2011’’ के प्रारंभिक पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कही।

उन्‍होंने कहा कि इन योजनाओं को पब्लिक डोमेन में डाले जाने की आवश्‍यकता है, ताकि अंतर्राष्‍ट्रीय निवेशक इन परियोजनाओं को सार्वजनिक- निजी भागीदारी (पीपीपी) तरीके से लागू करने में भाग लेने के लिए उनका मूल्‍यांकन कर सकें। श्री सिब्‍बल ने यह भी कहा कि आर्इटीयू को विकासशील देशों की सहायता के लिए विश्‍व बैंक, अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष और एशियाई विकास बैंक जैसी विश्‍व की अग्रणी वित्‍तीय संस्‍थाओं से समन्‍वय करना चाहिए, क्‍योंकि राष्‍ट्र व्‍यापी ब्रॉडबैंड नेटवर्क के दीर्घकालिक विकास में महत्‍वपूर्ण वित्‍तीय निवेश की आवश्‍यकता है।

श्री सिब्‍बल ने जोर देकर कहा कि ब्रॉडबैंड नेटवर्क के इस्‍तेमाल में उपभोक्‍ताओं की पहुंच के उपकरणों की ज्‍यादा क़ीमतें एक प्रमुख बाधा हैं। उन्‍होंने कहा कि आईटीयू को अनुसंधान और विकास पर ज्‍यादा जोर देना चाहिए, ताकि सस्‍ते और कारगर उपकरण तैयार किये जा सकें। उन्‍होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा हाल ही में बाजार में उतारी गई टेबलेट आकाश का उदाहरण दिया। इस टेबलेट की कीमत 35 अमरीकी डॉलर है। उन्‍होंने कहा कि यह एंड्रोइड आधारित छोटा कंप्‍यूटर है, जिसका डिजाइन और विकास दृश्‍य-श्रव्‍य मीडिया के लिए एक मंच के रूप में किया गया है। यह शुरू से ही अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। श्री सिब्‍बल ने दूसरे देशों से अनुरोध किया कि इसकी कीमत को 35 से घटाकर दस डॉलर तक लाने में वे सहयोग करें।

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