बाँस के क्षेत्र में होगा भारत का नेतृत्व

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images (1)आई एन वी सी न्यूज़
भोपाल,
केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं पोत परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश में बाँस आधारित नवाचारों के लिये बधाई दी है। उन्होंने पत्र में आशा व्यक्त की है कि बाँस के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश का नेतृत्व करेगा। श्री गडकरी ने पिछले दिनों नई दिल्ली के इण्डिया इंटरनेशनल सेंटर में ‘बेम्बू ऐज़ चेंज एजेन्‍ट फॉर ए बेटर कंट्री’ (बाँस से देश बेहतर बनेगा)’ पर हुई परामर्श बैठक का हवाला देते हुए कहा है कि देश में बाँस आधारित विकास की नवीन अवधारणा का रोडमेप तैयार करने में यह बैठक ऐतिहासिक थी। श्री गडकरी ने बैठक की सफलता के लिये मध्यप्रदेश राज्य बाँस मिशन की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान का आभार व्यक्त किया है।

श्री गडकरी ने पत्र में परामर्श बैठक के कुछ प्रमुख बिन्दुओं का जिक्र किया है, जिनमें ‘नीति आयोग में बाँस विकास टॉस्क फोर्स’ शामिल करने का प्रयास, सभी संबंधित मंत्रालयों द्वारा इस क्षेत्र में किये गये प्रयासों के आधार पर श्वेत-पत्र तैयार करना, बाँस से संबंधित सभी विभागों और संगठनों के मध्य ताल-मेल बैठाना, राष्ट्रीय बाँस विकास नीति की आवश्यकता और अंतर्राष्ट्रीय बाँस व्यापार को मजबूत करने के लिये वैश्विक बाँस समिट करना शामिल है।

श्री गडकरी ने बताया कि उन्होंने मिशन संचालक, मध्यप्रदेश राज्य बाँस मिशन डॉ. ए.के. भट्टाचार्य से कहा है कि वे परामर्श बैठक में लिये गये निर्णयों के अनुपालन के लिये समुचित कार्यवाही करें।

केन्द्र शासन द्वारा मध्यप्रदेश राज्य बाँस मिशन के समन्वय से देश के विकास में बाँस के उपयोग की नीति-निर्धारित करने के लिये केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में हुई परामर्श बैठक में केन्द्रीय जनजातीय मामले के मंत्री श्री जुएल उरांव, केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह, केन्द्रीय विज्ञान एवं तकनीकी, भूविज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावड़ेकर, केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती निर्मला सीतारमन, केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग राज्य मंत्री श्री गिरिराज सिंह, केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री सुदर्शन भगत सहित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय-स्तर के बाँस विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस प्रोजेक्ट में मध्यप्रदेश को समन्वयक बनाया गया है। सभी संबंधित मंत्रालय और राज्य मध्यप्रदेश से सम्पर्क कर रहे हैं।

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