

चौधरी ने कहा, “यदि शिवपाल अपनी पार्टी को भंग कर सपा के साथ उसका विलय कर दें तो सपा उनके खिलाफ दायर अर्जी वापस ले लेगी.”
सपा ने पहली बार शिवपाल को विलय का प्रस्ताव दिया है. चौधरी ने कहा कि पार्टी ने शिवपाल को प्रस्ताव देने में काफी धर्य दिखाया है. उन्होंने कहा, “वह 2017 में सपा के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुने गए थे, लेकिन उन्होंने एक नई पार्टी बना ली और 2019 का लोकसभा चुनाव सपा उम्मीदवार के खिलाफ लड़े.”
गौरतलब है कि एक हफ्ता पहले, अखिलेश यादव ने कहा था कि जो कोई पार्टी में आना चाहे, उसके लिए दरवाजा खुला है. चौधरी के बयान पर जब शिवपाल से टिप्पणी मांगी गई तो उन्होंने कहा, “परिवार में एकता की पूरी गुंजाइश है, लेकिन कुछ लोग साजिश रचते हैं और वे नहीं चाहते कि परिवार और पार्टी में एकता रहे.” PLC