दोहे रमेश के
Updated on 13 Mar, 2016 12:22 PM IST BY INVC Team
Total Read - 616
दोहे
पेंडिंग हों जहँ रेप के, . केस करोड़ों यार !
तहँ रमेश महिला दिवस, लगता है बेकार !!
कहने को महिला दिवस, सभी मनाएं आज।
नारी की लुटती रहे, …...मगर निरंतर लाज !!
बेटी माँ सासू पिया,....सबका रखे खयाल !
नारी के बलिदान की,क्या दूँ और मिसाल !!
नारी के सम्मान की, बात करें पुरजोर !
घर में बीवी का करें,तिरस्कार घनघोर!!
नारी की तकदीर में, ...कहाँ लिखा आराम !
पहले ऑफिस बाद में, घर के काम तमाम !!
नारी का होता नहीं, वहां कभी सम्मान !
जहां बसे इंसान की ,.. सूरत में हैवान !!
उलट पुलट धरती हुई,बदल गया इतिहास !
पृथ्वी पर जब जब हुआ, नारी का उपहास !!
नारी को ना मिल सका, उचित अगर सम्मान !
शायद ही हो पाय फिर,.... भारत का उत्थान !!
_______________
परिचय -:
रमेश शर्मा
लेखक व् कवि
बचपन राजस्थान के जिला अलवर के एक छोटे से गाँव में गुजरा , प्रारंभिक पढाई आठवीं तक वहीं हुई, बाद की पढाई मुंबई में हुई, १९८४ से मुंबई में एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी की शुरुआत की , बाद में नौकरी के साथ साथ टैक्स कन्सल्टन्ट का भी काम शुरू किया जो कि आज तक बरकरार है , बचपन से ही कविता सुनने का शौक था काका हाथरसी जी को बहुत चाव से सुनता था , आज भी उनकी कई कविता मुझे मुह ज़ुबानी याद है बाद में मुंबई आने के बाद यह शौक शायरी गजल की तरफ मुड गया , इनकम टैक्स का काम करता था तो मेरी मुलाकात जगजीत सिंह जी के शागिर्द घनशाम वासवानी जी से हुई उनका काम मैं आज भी देखता हूँ उनके साथ साथ कई बार जगजीत सिंह जी से मुलाकात हुई ,जगजीत जी के कई साजिंदों का काम आज भी देखता हूँ , वहीं से लिखने का शौक जगा जो धीरे धीरे दोहों की तरफ मुड़ गया दोहे में आप दो पंक्तियों में अपने जज्बात जाहिर कर सकते हैं और इसकी शुरुआत फेसबुक से हुई फेसबुक पर साहित्य जगत की कई बड़ी हस्तियों से मुलाकात हुई उनसे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला
संपर्क -:
18/984,आश्रय को- ऑप. हाउसिंग सोसाइटी लिमिटेड खेर नगर , बांद्रा (ईस्ट ) मुंबई ४०००५१ … फोन ९७०२९४४७४४ – ई-मेल. rameshsharma_123@yahoo.com