
आई एन वी सी न्यूज़
चंद्रपुर,
उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में चंद्रपुर जिले के गोंडवाना विश्वविद्यालय के लगभग 50 कॉलेजों ने भाग लिया। इससे पहले भी गोंडवाना विश्वविद्यालय का एनएसएस विभाग कैंसर की रोकथाम गतिविधियों में शामिल रहा है। विश्वविद्यालय ने इस सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे का समाधान ढूढ़ने के लिए एनएसएस स्वयंसेवकों के लिए एक कार्य योजना विकसित की है।
इस अवसर पर नागपुर के हैड नेक कैंसर सर्जन और वॉयस ऑफ टोबैको विक्टिम्स (वीओटीवी) के संरक्षक डॉ. प्रणव इंगोले ने कहा, “ कैंसर के लिए रोकथाम इलाज से बेहतर है। तम्बाकू मृत्यु का सबसे अधिक रोके जाने वाले कारणों में से एक है। इस महामारी से निपटने करने के लिए एनएसएस के स्ंवयसेवक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। सामाजिक सुधार केवल उन विद्यार्थियों के द्वारा लाया जा सकता है जो हमारे देश की भावी पीढ़ी हैं। मेरे पास आने वाले कैंसर के मरीज बड़े आधात से गुजर रहे होते हैं, साथ ही उनका पूरा उनके दुःख से परिवार पीड़ित होता है। कम उम्र के लेागों में में कैंसर होने का पता चल रहा है और इसका एक कारण तंबाकू उत्पादों का व्यापक सेवन है। यदि तंबाकू का सेवन कम उम्र में शुरू किया जाता है, तो व्यक्ति अपने पूरे जीवन में इस लत को रहने की अधिक आशंका हेाती है। चूँकि तम्बाकू सेवन की लत छोड़ने की दर बहुत कम है, इसलिए अधिक से अधिक प्रयास युवाओं में तंबाकू की सेवन शुरू करने को कम करने की दिशा में होना चाहिए। ”
इसलिए छात्रों को इसमें शामिल होना बहुत अच्छा साबित होगा।”
गौरतलब है कि युवाओं को जानलेवा नशे की लत या तंबाकू से बचाने के लिए केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय और महाराष्ट्र क्षेत्रीय निदेशालय के समर्थन से प्लेज फॉर लाइफ – टोबैको फ्री यूथ अभियान शुरू किया गया है। चंद्रपुर कैंसर केयर फाउंडेशन के सहयोग से संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) ने पलेज फॉर लाइफ – तंबाकू मुक्त युवा अभियान शुरू करने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की।
एनएसएस युवाअेां ने लिया संकल्प
राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वंयसेवकों व कार्यक्रम अधिकारियों को तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादेां को न लेने की शपथ दिलाई। इस शपथ के बाद सभी अधिकारि यों व युवाओं ने हमेशा इस संकल्प को याद रखने व युवाअेंा को इससे बचाने का भी भरोसा दिलाया। सभी प्रतिज्ञा की कि वे अपने जीवन में कभी भी तंबाकू को नहीं छूएंगे और अपने दोस्तों और परिवारों को ऐसा ही करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसके साथ ही एनएएसएस के स्वंयसेवक अपने स्तर पर तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभावों से युवाओं को जागरुक करेंगे।
इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में कई गतिविधियां जैसे पोस्टर प्रतियोगिताओं, तंबाकू विरोधी प्रतिज्ञा कार्यक्रम, ड्राइंग प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक आदि की योजना बनाई गई है।
गोंडवाना यूनिवसिर्टी, गढ़चिरोली के एएनएसएस डायरेक्टर प्रो.डा.नरेश माधावी ने कहा, “इस विश्वविद्यालय के तहत 50,000 एनएसस 118 एनएसएस इकाइया हैं जिनमें स्वयंसेवक हैं। स्वयंसेवकों की पहल निश्चित रूप से इस बुराई को दूर करने में मदद करेगी जिससे हमारे समाज पर फर्क पड़ेगा।
530 बच्चे प्रतिदिन कर रहे तंबाकू उत्पादों की शुरुआत
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2017 के अनुसार तीन पुरुषों में से एक और महाराष्ट्र में छह महिलाओं में से एक धूम्रपान या चबाने या दोनों प्रकार के रूप में तंबाकू का उपयोग करता है। महाराष्ट्र में 2.4 करोड़ तंबाकू उत्पादों के उपयोगकर्ता हैं और इनमें 72,000 उपयोगकर्ताओं की तंबाकू जनित बीमारियों के कारण हर साल मौत हो जाती है। महाराष्ट्र में 26.6 प्रतिशत लोग (15+ आयु वर्ग के) किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। इनमें से 17 लाख (1.9 प्रतिशत) सिगरेट और 17 लाख (1.9 प्रतिशत) धूम्रपान बीड़ी है। चैंकाने वाली बात यह है कि प्रतिदिन 530 बच्चों की लत का शिकार हो रहे हैं। इन बच्चों की तंबाकू उत्पादों के सेवन की लत की औसत आयु 17.4 वर्ष है।