

चंडीगढ़,
- बीएमएस ने सरकार का धन्यवाद भी किया और चेतावनी भी दी
- सरकार ने बीएमएस की कुछ मांगे मानी, काफी मांगें अभी भी लम्बित
भारतीय मजदूर संघ हरियाणा के पदाधिकारियों की विभिन्न मांगों को लेकर गत दिवस मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ चंडीगढ़ स्थित सिविल सचिवालय में बैठक हुई। बैठक में भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष अध्यक्ष अशोक कुमार, महामंत्री हवा सिंह मेहला, संगठन मंत्री हनुमान गोदारा, उपाध्यक्ष अशोक शर्मा, वेद प्रकाश सैनी के अलावा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, मुख्य सचिव विजयवर्धन, अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.सी. गुप्ता सहित अनेक विभागों के उच्चाधिकारी मौजूद रहे। सरकार की संघ के पदाधिकारियों के साथ लंबी वार्ता हुई। बैठक के दौरान भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने मजबूती से मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांगें रखी और उनका शीघ्र समाधान करने की बात कही।
यह जानकारी देते हुए हरियाणा राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष कृष्ण लाल गुर्जर व भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश संगठन मंत्री हनुमान गोदारा ने संयुक्त रूप से बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों की बात ध्यान से सुनीं और उनकी मांगों को जायज ठहराते हुए कुछ मांगों का मौके पर समाधान किया व अनेक मांगों का शीघ्र समाधान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा विभाग के उच्चाधिकारियों को मृतक पैक्स कर्मचारियों के वारिसों को नौकरी देने, कम्प्यूटर आप्रेटरों पर आंदोलन के दौरान करनाल में दर्ज मुकदमे वापिस लेने, ग्रामीण ट्यूब्वैल आप्रेटरों का एक वर्ष से रूका वहुआ वेतन जारी करने, पैक्स कर्मियों को मैडीकल कैशलेस सुविधा लागू करने व पदोन्नति देने बारे आदेश दिए गए। इसके अलावा एचएचएम कर्मियों व अर्बन हैल्थ कर्मियों को सितम्बर 2019 से प्रोत्साहन राशि का लाभ दिए जाने के सीएम ने आदेश किए। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान आउटसोर्सिंग कर्मियों को अलग-अलग विभागों में न्यूनतम वेतन एक समाान देने आदि मांगों पर सहमति बनी है।
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री हवा सिंह मेहला ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष अनेक मांगें रखी गई थी। मुख्यमंत्री ने जो मांगे उनकी मानी हैं उनके लिए वे उनका धन्यवाद आभार जताया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के श्रमिकों व कर्मचारियों की ज्वलंत मांगें ज्यों की त्यों पड़ी है जिनमें चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को गेहूं ऋण 20,000 रूपए देने, समान काम समान वेतन का लाभ देने, वर्षों से कार्यरत आउटसोर्सिंग, टर्मअपाइंटमेंट, जॉब वर्क पर लगे कर्मियों को विभाग के रोल पर करना व उन्हें नियमित करना, फायरमैनों को पक्का करना, ग्रामीण सफाई कर्मियों, आंगनवाड़ी, आशा वर्कर, मिड-डे मिल पार्ट टाईम, परिवहन, बिजली, पीडब्ल्यूडी सहित सभी विभागों के लिपिक वर्गों में ठेकेदारी प्रथा, निजीकरण व छंटनी पर रोक लगाना, ग्रामीण चौकीदारों का वेतन बढ़ाना जैसे मांगें पिछले काफी समय से ज्यों की त्यों लम्बित पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अगले दौर की बैठक में इन मांगों को लागू नहीं किया गया तो 17 मई से 22 मई तक प्रदेश के तमाम ब्लॉकों में जनजागरण अभियान चलाकर सरकार को चेताया जायेगा व 5 जुलाई से 9 जुलाई तक प्रदेश के तमाम जिलों में जिला स्तरीय प्रदर्शन किए जायेंगे। अगर सरकार ने फिर भी मांगों को लागू नहीं किया तो 5 अक्तूबर को प्रांत स्तर की सरकार के खिलाफ रैली करके आर-पार की आंदोलन की घोषणा की जायेगी।