
आई एन वी सी न्यूज़
स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और उन्हें सही लोगों के साथ जुड़ने में मदद करने के लिए, बीएनआई गुड़गांव ने एक दिन की प्रदर्शनी का आयोजन किया, जिससे पहले स्टार्टअप्स और एंजल-फंडेड कंपनियों की एक पैनल चर्चा हुई। इस कार्यक्रम में 1000 से अधिक उद्यमियों ने भाग लिया, जिसमें कारोबारी माहौल में उनके सामने आने वाले मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए महिला उद्यमियों का एक विशेष सत्र शामिल था। प्रदर्शनी का स्थान गुरुग्राम का ओराना होटल था।
पहले सत्र में “आपका बिजनेस सोसाइटी की कौन सी समस्या हल करता है?” विषय पर आयोजित एक पैनल चर्चा आगंतुकों के लिए बेहद ध्यानाकर्षक और विचारोत्तेजक रही। राहुल सिंह, संस्थापक और सीईओ, द बीयर कैफे; रोहन महाजन, संस्थापक, LawRato.com; भारती सिंगला, संचालन और रणनीति के प्रमुख, चक्र इनोवेश; और दीप बजाज, पीबड्डी और सिरोंना के संस्थापक ने उक्त विषय पर अपनी बहुमूल्य विचार साझा किए।
दीप बजाज, संस्थापक, PeeBuddy, पैनल चर्चा में मौजूद इन्नोवेटिव एंटरप्रिनर्स में से एक थे। उन्होंने अपरंपरागत उत्पादों के महत्व पर प्रकाश डाला, जो आम लोगों की बुनियादी जरूरतों या समस्याओं को हल करने में मदद कर सकते हैं। उनका उत्पाद PeeBuddy एक ऐसा ही उदाहरण है क्योंकि यह एक पोर्टेबल फीमेल यूरिनेशन डिवाइस है जो सार्वजनिक स्थानों पर लड़कियों के लिए इस कार्य को आसान बनाता है।
एक और इन्नोवेटिव स्टार्ट-अप चक्र इनोवेशन था जिसे पर्यावरण के बारे में चिंतित आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्रों द्वारा शुरू किया गया है। उन्होंने एक उपकरण विकसित किया है जो जनरेटर से निकलने वाली कालिख को स्याही और पेंट में बदल देता है। दिल्ली में अकेले 14,000 मोबाइल टावर डीजल इंजनों पर चलते हैं जो कालिख पैदा करते हैं, जिसे आप साँस में लेते हैं और जो फेफड़े से फ़िल्टर नहीं होता और सीधे रक्त प्रवाह में चला जाता है, जिससे कैंसर, स्ट्रोक, अस्थमा, आदि हो सकते हैं। टीम का अनुमान है कि उनकी पेटेंट तकनीक डीजल जनरेटर से होने वाले उत्सर्जन को कम कर सकती है।
इस समारोह में अन्य प्रमुख और प्रख्यात वक्ता, निर्मल मिंडा, यूनो मिंडा ग्रुप के एमडी और प्रेसीडेंट, पद्म श्री सौरभ श्रीवास्तव, इंडियन एंजल नेटवर्क के प्रेसीडेंट और नैसकॉम, अशोका यूनिवर्सिटी, इंडियन वेंचर कैपिटल के को-फाउंडर, रमन रॉय, प्रेसीडेंट नैसकॉम, प्रेसीडेंट और एमडी, क्वाट्रो और विक्रम चंद्रा, संस्थापक एडिटरजी और पूर्व सीईओ एनडीटीवी शामिल थे, जिन्होंने व्यवसायों को बढ़ाने और उद्यमशीलता का पोषण करने के लिए अपने विशेषज्ञता पूर्ण सुझाव साझा किए।
वर्ष 2018 में 864 सौदों को कुल $ 12.7 बिलियन की धनराशि प्राप्त हुई और यह वर्ष अब तक उत्साहवर्धक रहा है क्योंकि स्टार्टअप्स ने 2019 के पहले छह महीनों में वेंचर केपिटलिस्ट्स से रिकॉर्ड $ 3.9 बिलियन प्राप्त किए हैं और, गुरुग्राम 2016 में 134 स्टार्टअप सौदों के दौरान 1.02 बिलियन अमरीकी डालर के वित्तपोषण के बाद, यह उत्तर भारत में स्टार्टअप के लिए सबसे पसंदीदा शहर बन गया है। इसके अलावा, कुल राशि का लगभग 30 प्रतिशत, जो भारतीय टेक स्टार्टअप हर साल जुटाते हैं, गुरुग्राम स्थित स्टार्टअप द्वारा प्राप्त किया जाता है।
“जैसा कि वर्तमान अर्थव्यवस्था कठिन समय से गुजर रही है, बहुराष्ट्रीय कंपनियां छंटनी कर रही हैं और सरकार से सहायता करने का कह रही हैं। लेकिन, इनोवेटिव विचारों के साथ अद्वितीय स्टार्टअप आत्म-निर्भर हैं और अब भी बढ़ रहे हैं। यह साल स्टार्टअप्स के लिए अच्छा रहा है, और यह दर्शाता है कि कठिन समय में भी, इनोवेटिव स्टार्टअप्स में निवेशकों का विश्वास अधिक है। स्टार्टअप के लिए आने वाली पूंजी उन्हें लाभप्रद रूप से बढ़ने में मदद करेगी, और इस प्रक्रिया में देश के अच्छे आर्थिक विकास के लिए रोजगार पैदा करेगी, ” यह कहना है सुश्री आरती कोचर, कार्यकारी निदेशक, बीएनआई गुड़गांव का।
इस साल टीयर II और III शहरों और बी 2 बी मॉडल से भी शुरूआत हुई है। आरती कोचर ने कहा, “इन दोनों को कम करके आंका गया था, और वर्तमान परिदृश्य से पता चलता है कि निवेशक उन विचारों की तलाश में हैं जो व्यापार परिदृश्य को बदल सकते हैं। स्टार्ट-अप्स में बढ़ता निवेश भी एक संकेत है कि छोटे शहरों के लोग उद्यमी बनने के प्रति आश्वस्त हैं और उनके विचार व्यवहार्य हैं, यह इन विचारों में निवेश करने में निवेशकों की मदद कर रहा है।”
प्रदर्शनी में संभावित ग्राहकों और भविष्य के विक्रेताओं के लिए 70 से अधिक स्टॉल, व्यापार उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी बीसीआई गुड़गांव के सदस्य थे जो एनसीआरए से आए थे। कार्यक्रम के दौरान पुस्तक “1000 स्टोरीज ऑफ चेंज” वॉल्यूम 1 को भी लॉन्च किया गया, जिसमें उद्यमियों के एक विविध समूह द्वारा बदलाव की 100 प्रेरणादायक कहानियां और चर्चा थीं कि लोग कैसे मिलते हैं और कैसे एक दूसरे के जीवन पर प्रभाव डालते हैं।
बीएनआई गुड़गांव ने ‘द अमेजिंग 4 एम ऐप’ भी लॉन्च किया, जो प्रतिभागियों को प्रदर्शनी के बारे में सारी जानकारी जैसे इवेंट शेड्यूल, स्पीकर्स की जानकारी, इत्यादि उनके स्मार्टफोन पर प्राप्त करने में मदद करेगा।