
सीआईआई ने एमएसएमई की भलाई केलिए जीएसटी का पालन और चुनौतियां विषय पर किया कार्यशाला का आयोजन
सरकार जीएसटी को आसान और बाधा मुक्त कर प्रबंधन बनाने को प्रतिबद्घ: सीजीएसटी चीफ कमिश्नर चंडीगढ़ व पंचकूला
आई एन वी सी न्यूज़
चंडीगढ़।
भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा एमएसएमई की भलाई केलिए जीएसटी का पालन और चुनौतियां विषय पर चंडीगढ़ में कार्यशाला का आयोजन किया गया।कार्यशाला को संबोधित करते हुए चंडीगढ़ और पंचकूला के जीएसटी चीफ कमिश्नर अनिल कुमार जैन ने कहा कि 2017 में जीएसटी को आरंभ करने के बाद से ही सरकार ने जीएसटी के मामले में उद्योगों की मदद के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जिसका नतीजा है कि कर आधार बढ़ा है और राजस्व का विस्तार हुआ है। जीएसटी काउंसिल जीएसटी का पालन करवाने के लिए इसे आसान बना रही है और इसके तहत कर को कम किया गया, फिजिकल कॉनटेक्ट को कम किया गया जिससे लाभ यह हुआ कि कर आधार बढ़ा है। यह जानना रोचक है कि जनवरी 2020 में कुल कर 1 लाख करोड़ एकत्रित किया गया है जो किसी भी माह का सबसे अधिक कर है। जीएसटी का सही पालन करवा कर इसमें आगे और बढ़ोत्तरी हो सकती है।
पीआर कमिश्नर (ऑडिट) पंचकूला तथा पीआर एडीजी एनएसीआईएन चंडीगढ़ अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेशन रिटर्न फाईल करने की डेड लाईन को बढ़ा रहा है और उद्योगों की सुविधा केलिए रिटर्न दाखिल करने को आसान बना रहा है। जीएसटीएन नेटवर्क के सामने आने वाला मुश्किलों पर प्रकाश डालते हुए गुप्ता ने कहा कि जीएसटी प्रौद्योगिकी आधारित टैक्सेशन सिस्टम है और ऐसे में स्थिर नेटवर्क सबसे बड़ी चुनौती है।
चंडीगढ़ के सीजीएसटी एडिशनल कमिश्नर राजन दत्त ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उत्तरी क्षेत्र जिसमें चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश शामिल हैं देश मेंं जीएसटी का पालन करने में देश में सबसे उपर आने वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि सीबीआईसी उद्योगों के सामने आने वाली पालन संबंधि चुनौतियों को हल करने के लिए हमेशा साथ खड़ी है और व्यापार को बैलेंस रखने, कर एकत्रित करने और इसे आसान बनाने, फै्रंडली टैक्स एडमिनस्टे्रशन के लिए यह कार्य करता है।
सीआईआई चंडीगढ़ के चेयरमैन सर्वजीत सिंह ने कहा कि जीएसटी भारत के इनडायरेक्ट टैक्सेशन सुधारों में एक क्रांतिकारी कदम साबित हुआ है और इसका वृद्घि, मुद्र स्फिति, राजकोषीय व्यवहार्यता तथा प्रतिस्पर्धा पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने बताया कि बीते 3 साल में जीएसटी का सही पालन करवाने और इसके बारे में समझाने के लिए टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में भी विभिन्न सत्र, कार्यशाला, और टे्रनिंग कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने कार्यशाला का उद्देश्य बताते हुए कहा कि उद्योगों को इस कानून के प्रभाव और इसमेंं मौजूद संभावनाओं को समझने की आवश्यकता है।
कंपनी सेक्रेटरी और टैक्स एक्सपर्ट संजय मल्होत्रा कहा कि जीएसटी कर व्यवस्था के शुरुआती दो साल अनुपालन और कार्यान्वयन पर फोकस रहे क्योंकि सरकार का उद्देश्य जीएसटी व्यवस्था में सुचारु परिवर्तन के लिए उद्योग को साथ लेकर चलना था। कुछ छोटी-मोटी समस्याओं को छोड़कर अब सभी को जीएसटी रिटर्न के मामले में सजग और सावधान रहने की जरूरत है और उन्हें फर्जी आईटीसी की स्थिति में सीजीएसटी नियमों के अनुरूप दंड भी दिया जा सकता है। कर दताओं को व्यापार की विभिन्न श्रेणियों के लिए ई इनवॉयसिंग टूल को भी लागू करना चाहिए। इससे रिटर्न दाखिल करने में होने वाली गलतियों की संभावना कम होगी।
ग्रांट थॉर्नटोन इंडिया एलएलपी के पार्टनर किशन अरोड़ा ने कहा कि जीएसटी एक बहुत बड़ा सुधार था जिसने बिजनेस सिस्टम में पालन होने के लिए अपना समय लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा कर सुधार को आसान बनान, रिटर्न फाईल करने की डेड लाईन को बढ़ाना जैसे बेहद शानदार काम किए हैं।
कार्यशाला में चंडीगढ़, हिमाचल, पंजाब ओर हरियाणा से करीब 75 उद्योग प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।