Smriti-Irani-with-Dr.-Ramanआई एन वी सी न्यूज़
रायपुर,
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा है कि प्रबंधन तकनीक के जरिए देश के विकास में छत्तीसगढ़ की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सुद्ढ़ प्रबंधन के जरिये पीडीएस के 35 प्रतिशत लीकेज को लगभग शूल्य प्रतिशत में ला दिया है। देश में शायद पहली बार लघुवनोपज को समर्थन मूल्य पर खरीदा गया। बिजली की लाईन लॉस को न्यूनतम किया गया है। मुझे नहीं पता कि राज्य सरकार के इतने बड़े प्रबंधन का आईआईएम में अध्ययन किया गया है अथवा नहीं, लेकिन मैं समझती हूं कि इसकी केस स्टडी होनी चाहिए।
श्रीमती ईरानी आज छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान के 5वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रही थीं।  स्नातकोत्तर प्रबंधन के 140 विद्यार्थियों को इस दीक्षांत समारोह में उपाधि प्रदान की गई, वहीं चार छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। श्रीमती ईरानी ने अपने सम्बोधन में कहा कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ राज्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली, ऊर्जा, वनोपज और कृषि आधारित उद्योग क्षेत्र में प्रबंधन तकनीक का इस्तेमाल कर मॉडल राज्य के रूप में उभर रहा है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में डिजिटल इंडिया और मेक-इन-इंडिया के सपनों को छत्तीसगढ़ सबसे पहले पूरा करेगा। श्रीमती ईरानी ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं की उज्जवल भविष्य की कामना की और कहा कि प्रबंधन के साथ जो विभिन्न संकाय की शिक्षा प्राप्त करते हैं, तो वे योजना बनाकर काम करते हैं और वे जो प्लान बनाते हैं, उससे उनकी चरित्र की पहचान होती है।  विभिन्न अवसरों पर प्रबंधन के अनेक संस्थानों में मेरा जाना हुआ, वहां मैंने पाया कि विद्यार्थी वित्तीय प्रबंधन में ज्यादा अवसर देखते हैं। मुझे लगता है कि अब विद्यार्थियों को सामाजिक प्रबंधन के क्षेत्र में भी ज्यादा ध्यान केन्द्रित करना चाहिए, जैसा कि छत्तीसगढ़ में हो रहा है। हमें आर्थिक क्षेत्र के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में भी कार्य योजना बनाकर काम करने की जरूरत है, जिससे लोगों का जीवन खुशहाल हो।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को अपनी शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में प्रबंधन का सबसे बड़ा योगदान है। सोलह साल की इस विकास यात्रा में छत्तीसगढ़ ने अनेक उपलब्धियां हासिल की है। राज्य का बजट पहले केवल पांच हजार करोड़ था, आज 75 हजार करोेड़ रूपए से अधिक हो गया है। उन्होंने प्रबंधन को व्यापक क्षेत्र निरूपित करते हुए कहा कि योजना के क्रियान्वयन में प्रबंधन की बहुत बड़ी भूमिका होती है और इसी के जरिए छत्तीसगढ़ ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली की चुनौती को अवसर में बदला, जिससे इस राज्य के 60 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं। अब हम सार्वजनिक वितरण प्रणाली की अगली पीढ़ी में सूचना प्रौद्योगिकी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस तकनीक के सुदृढ़ प्रबंधन से इस राज्य का कोई भी उपभोक्ता अपनी मर्जी से किसी भी राशन दुकान में जाकर अपनी जरूरत का समान ले सकते हैं। इसी प्रकार हमने राज्य में विद्युत वितरण के दौरान होने वाली क्षति को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि एक प्रतिशत का लाईन लास रोकने से 100 करोड़ रूपए तक की बचत होती  है और इसके लिए हम प्रबंधन की बेहतर तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं हम इस वर्ष बजट में प्रावधान कर 43 हजार करोड़ रूपए की लागत से राज्य में सड़कों का जाल बिछाकर आवगमन सुविधाओं का विस्तार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इसी श्रृंखला में छत्तीसगढ़ में रेल लाईन विस्तार का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि रेल्वे भी हमारे राज्य के लिए एक चुनौती के रूप में थी। हमने छत्तीसगढ़ में एक हजार 80 किलोमीटर की रेल लाईन के लिए मॉडल तैयार किया, जिसमें हम सफल हुए और अब हम अपने बलबूते पर 1700 किलोमीटर की नई रेल लाईन के लिए काम शुरू करने जा रहे हैं। नये वित्तीय प्रबंधन का इस्तेमाल करके इस कार्य को पूरा करेंगे। आज हम कह सकते हैं कि 16 साल में छत्तीसगढ़ अपने पैरों पर खड़ा हो गया है। हम हिम्मत और हौसले के साथ 20 साल के लिए कार्ययोजना बनाकर काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने इस प्रबंधन संस्थान में देश-विदेश के छात्र-छात्राएं अध्ययन करने आते हैं और इसके जरिए 100 फीसदी प्लेसमेंट पाते हैं। यह इस राज्य के लिए गौरव की बात है। इन छात्र-छात्राओं के चेहरों से झलकने वाले आत्मविश्वास को देखकर यह कहा जा सकता है कि प्रबंधन में दीक्षित इन छात्र-छात्राओं से छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा को और भी गति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके सहयोग से रायपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की सौगात छत्तीसगढ़ राज्य को मिली।
इस अवसर पर भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर की स्मारिका का विमोचन किया गया। समारोह में भारतीय प्रबंधन संस्थान की प्रमुख श्रीमती श्यामला गोपीनाथ, निदेशक डॉ. बी.एस.सहाय और प्रबंधन संस्थान के विभिन्न संकायों के प्राध्यापक तथा आमंत्रित गणमान्य, प्रबंधन संस्थान के छात्र-छात्राएं व उनके अभिभावक उपस्थित थे।

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