
रायपुर,
स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप आज राजधानी रायपुर के टिकरापारा स्थित गांेडवाना भवन में विवाह योग्य गोंड़ युवक-युवती परिचय सम्मेलन में शामिल हुए। यह सम्मेलन क्षेत्रीय गोंड़ समाज कल्याण समिति द्वारा आयोजित किया गया। श्री कश्यप ने गोंड़वाना भवन के विस्तार कार्य के अन्तर्गत 15 लाख रूपए की लागत से निर्मित दो कमरों का लोकार्पण किया। उन्होंने गोंड़वाना समाज की मांग पर 500 लोगों की बैठक क्षमता वाले आडिटोरियम के निर्माण की भी घोषणा की।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कश्यप ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से एक दूसरे को जानने, समझने और चिन्तन करने का अच्छा अवसर मिलता है। सम्मेलन में विवाह योग्य गोंड़ युवक और युवतियां बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं। इससे समाज को योग्य वर-वधु ढूंढकर वैवाहिक संबंध स्थापित करने में आसानी होगी। उन्हांेने कहा कि राज्य में निवासरत आदिवासियों की संस्कृति की देश ही नहीं अपितु विदेशों तक विशिष्ट ख्याति है। आदिवासी समाज का प्रकृति से निकट का संबंध होता है। इसमें नदी-नाले और वृक्षों की पूजा सहित प्रकृति से जुड़ाव की प्रवृत्ति सहजता से झलकती है, जो हमारे आस-पास के सम्पूर्ण पर्यावरण के संरक्षण का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि समाज के विकास और आदिवासी संस्कृति के संरक्षण में हम सब लोगों की बराबर की भागीदारी होनी चाहिए। आदिम जाति विकास मंत्री श्री कश्यप ने आदिवासी समाज के उत्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने आदिवासी विद्यार्थियों के लिए संचालित आवासीय विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थाओं के बारे में भी बताया और उनका अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए कहा। इस अवसर पर समाज के पदाधिकारी सर्वश्री विकास मरकाम, देवनाथ मरकाम, फूलसिंह, भगतसिंह नेताम आदि ने भी सम्मेलन में अपने-अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विवाह योग्य गोंड़ युवक-युवतियां बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।
स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप आज राजधानी रायपुर के टिकरापारा स्थित गांेडवाना भवन में विवाह योग्य गोंड़ युवक-युवती परिचय सम्मेलन में शामिल हुए। यह सम्मेलन क्षेत्रीय गोंड़ समाज कल्याण समिति द्वारा आयोजित किया गया। श्री कश्यप ने गोंड़वाना भवन के विस्तार कार्य के अन्तर्गत 15 लाख रूपए की लागत से निर्मित दो कमरों का लोकार्पण किया। उन्होंने गोंड़वाना समाज की मांग पर 500 लोगों की बैठक क्षमता वाले आडिटोरियम के निर्माण की भी घोषणा की।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कश्यप ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से एक दूसरे को जानने, समझने और चिन्तन करने का अच्छा अवसर मिलता है। सम्मेलन में विवाह योग्य गोंड़ युवक और युवतियां बड़ी संख्या में शामिल हुए हैं। इससे समाज को योग्य वर-वधु ढूंढकर वैवाहिक संबंध स्थापित करने में आसानी होगी। उन्हांेने कहा कि राज्य में निवासरत आदिवासियों की संस्कृति की देश ही नहीं अपितु विदेशों तक विशिष्ट ख्याति है। आदिवासी समाज का प्रकृति से निकट का संबंध होता है। इसमें नदी-नाले और वृक्षों की पूजा सहित प्रकृति से जुड़ाव की प्रवृत्ति सहजता से झलकती है, जो हमारे आस-पास के सम्पूर्ण पर्यावरण के संरक्षण का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि समाज के विकास और आदिवासी संस्कृति के संरक्षण में हम सब लोगों की बराबर की भागीदारी होनी चाहिए। आदिम जाति विकास मंत्री श्री कश्यप ने आदिवासी समाज के उत्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने आदिवासी विद्यार्थियों के लिए संचालित आवासीय विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थाओं के बारे में भी बताया और उनका अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए कहा। इस अवसर पर समाज के पदाधिकारी सर्वश्री विकास मरकाम, देवनाथ मरकाम, फूलसिंह, भगतसिंह नेताम आदि ने भी सम्मेलन में अपने-अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विवाह योग्य गोंड़ युवक-युवतियां बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।