सुखजीवन शर्मा,
आई एन वी सी,
हरियाणा,
हरियाणा सरकार ने इन्दिरा आवास योजना के अन्तर्गत लाभपात्रों को उनकी जरूरतों के अनुसार मकानों के निर्माण के लिए उन्हें प्रति मकान दिए जा रहे अनुदान में संशोधन किया है। अब यह अनुदान मैदानी क्षेत्रों में 45,000 रुपये से बढ़ाकर 70,000 रुपये तथा पहाड़ी व दुर्गम क्षेत्रों में 48,500 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये किया गया है। इन्दिरा आवास योजना का उद्देश्य ग्रामीण बी पी एल परिवारों को आश्रय प्रदान करना है। हरियाणा ग्रामीण विकास विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहाँ यह जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार ने वर्ष 2012-13 के दौरान 46.61 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है तथा 7349 मकानों का निर्माण किया है व 10103 मकानों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। कुल निर्मित किए गए मकानों में से 4328 मकान अनुसूचित जाति के लोगों के लिए निर्मित किए गए हैं और 957 मकानों का निर्माण अल्पसंख्यकों के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम को वर्ष 2008-09 से प्रदेश के सभी जिलों में क्रियान्वित किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य एक वित्त वर्ष में प्रत्येक घर में अकुशल हाथ से कार्य करने वाले प्रौढ़ सदस्य को 100 दिनों तक की गारण्टी का रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत 296.75 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और वर्ष 2012-13 के दौरान फरवरी 2013 तक ग्रामीण क्षेत्रों में 100.62 लाख कार्य दिवस सृजित किए गए हैं। कुल कार्य दिवसों में से 52.10 लाख कार्य दिवस अनुसूचित जाति के लोगों के लिए तथा 38.46 लाख कार्य दिवस महिलाआें के लिए सृजित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना का उद्देश्य लाभपात्र परिवारों को ऋण और सबसिडी प्रदान करके गरीबी रेखा से ऊपर उठाना है। वर्ष 2012-13 के दौरान फरवरी 2013 तक इस योजना के अन्तर्गत 20.55 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई और 13865 स्वरोजगार प्राप्त करने वालों की सहायता की गई। कुल स्वरोजगार प्राप्त करने वालों में से 7660 व्यक्ति अनुसूचित जाति के स्वरोजगार प्राप्त करने वाले व्यक्ति थे। 11853 महिलाआें और 1729 अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने स्वरोजगार प्राप्त किया।