आई एन वी सी ,
दिल्ली,
वि़द्युत राज्य मंत्री श्री ज्योतिरादित्या सिंधिया ने आज कहा कि सरकार ने भारत निर्माण कार्यक्रम के अंतर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाई) के तय लक्ष्यों से अधिक उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा कि एक लाख गांवों और 1.75 करोड गरीबी रेखा के नीचे के परिवारों के लक्ष्य की तुलना में सरकार ने 1.04 लाख गांवों को बिजली और 1.95 करोड गरीबी रेखा के नीचे के परिवारों को निशुल्क कनेक्शन प्रदान कर दिए हैं। आज नई दिल्ली में राज्य विद्युत मंत्रियों के छठे वार्षिक सम्मेलन को संबोंधित करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि विद्युत क्षेत्र आज एक विरोधाभास का सामना कर रहा है हालांकि इस क्षेत्र में अप्रत्याशित उपलब्धियां हासिल की गई हैं लेकिन आम आदमी के लाभ और देश के आर्थिक विकास में योगदान के लिए अभी इसी क्षेत्र में बहुत सी बाधाओं को दूर किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान करीब 55 हजार मेघावाट अतिरिक्त रिकार्ड उत्पादन किया गया जो पीछली तीन योजनाओं की कुल क्षमता से अधिक है। उन्होंने कहा कि 2011-12 में 20,500 मेघावाट का अतिरिक्त उत्पादन किसी भी वर्ष में अब तक की वार्षिक क्षमता उत्पादन में सर्वाधिक था। श्री सिंधिया ने कहा कि सरकार ने मध्य प्रदेश के बीना में 1200 केवी के दुनिया के सबसे अधिक वॉल्टेज परीक्षण स्टेशन के सफलतापूर्वक परीक्षण के मामले में भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। सभी को बिजली प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि विद्युत मंत्रालय ने इस लक्ष्य के तहत जनसंख्या के सभी तबकों और शेष गांवों को निशुल्क बिजली कनेक्शन प्रदान करने और गरीबी रेखा से नीचे के सभी शेष परिवारों को 12वीं योजना में शामिल करने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना को जारी रखने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन में बहुत सी चुनौतियां भी रहीं हैं लेकिन इसके बावजूद भी आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, सिक्क्मि, तमिलनाडु और उत्तराखंड ने शानदार प्रदर्शन किया है। अन्य राज्यों को भी इस मामले में बेहतर करने की जरूरत है। श्री सिंधिया ने सात प्रमुख राज्यों आंध्र प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से इस अवसर का लाभ उठाने के लिए शीघ्र कदम उठाने की जरूरत की अपील की। उन्होंने कहा कि इस मामले में केन्द्र सरकार राज्यों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराऐगी मंत्री महोदय ने कहा किउन्हें पूरा विश्वास है किराज्य सरकारों की मदद से ऊर्जा क्षेत्र सभी लोगों को बिजली उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी पूरी कर लेगा। किसी ने कहा है कि महंगी ऊर्जा से कीमती कोई ऊर्जा नहीं है, इसका मतलब यह नहीं है किऊर्जा की कीमत काफी अधिक बढ़ा दी जाए लेकिन यह निश्चित ही जरूरी है किइसकी कीमत तर्क संगत आधार पर तय की जाए ताकिइसके अस्तित्व पर कोई खतरा नहीं आए क्योंकियह राष्ट्रीय विकास की पूंजी है। उन्होंने कहा कि दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ऊर्जा वितरण व्यवस्था ग्रिड का प्रबंधन दुरूह कार्य है। इसलिए ग्रिड की सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण है और हर समय इसकी सुरक्षा और विश्वसनीय संचालन सुनिश्चित करना जरूरी है। कुछ ही महीने पहले जुलाई, 2012 में हमें ग्रिड के विफल हो जाने से कठिन बिजली संकट का सामना करना पड़ा था। मंत्री महोदय ने कहा किहम इस दोहराव को सहन करने की स्थितिमें नहीं हैं। सभी राज्यों को चाहिए किसीईए, सीटीयू और आरपीसी से मिलकर आइलेंडिंग योजना को सही तरीके से लागू करे और सुरक्षा एवं संचालन की व्यवस्था को दुरूस्त रखें।उन्होंने कहा किइसके लिए सभी संबंधित संस्थानों को मिलकर सुरक्षित और विश्वसनीय ग्रिड संचालन के साझा उद्देश्य के लिए काम करना चाहिए। श्री सिन्धिया ने कहा किऊर्जा क्षेत्र का विकास राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विकास की पहली शर्त है। संयुक्त पहल और आपसी सहयोग से केंद्र सरकार और राज्य सरकार इस क्षेत्र के विकास को गतिप्रदान कर सकते हैं। विद्युत क्षेत्र में वितरण व्यवस्था और इसके अन्य पहलुओं की वित्तीय संरचना का जायजा लेने के लिए विद्युत मंत्री ज्योतिरादित्य सिन्धिया का राज्यों के विद्युत मंत्रियों के साथ यह पहला मौका था जब यह सारी बातें साझा हुईं