
आई एन वी सी न्यूज़
रायपुर,
जिला प्रशासन धमतरी ने यह स्पष्ट किया है कि नगरी विकासखण्ड के ग्राम आमगांव के कृषक स्वर्गीय श्री फगनूराम नेताम पर किसी प्रकार का कोई शासकीय ऋण या साहूकारी कर्ज नहीं था। उनकी आत्म हत्या के मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर श्री भीम सिंह ने तत्काल अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को जांच के निर्देश दिए दिए। जांच में यह पाया गया कि मृतक किसान श्री फगनूराम नेताम या उनके परिजनों का किसी तरह का शासकीय बैंक या साहूकार अथवा किसी दुकान में कोई ऋण नहीं है। मृतक कृषि कार्य के अलावा बढ़ई और राजमिस्त्री का कार्य भी करते थे। इसके अलावा उन्हें फसल क्षतिपूर्ति के रूप में 3,196 रूपए की मुआवजा राशि शासन द्वारा स्वीकृत हो चुकी है।
कलेक्टर श्री भीम सिंह ने बताया कि अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नगरी से प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर यह स्पष्ट है कि मृतक कृषक श्री नेताम की मौत के पीछे किसी प्रकार का कर्ज अथवा ऋण नहीं था। जांच के दौरान मृतक के पुत्र श्री भुनेश्वर द्वारा यह बताया गया कि उनका और उनके पिता के संयुक्त खाते में 0.47 हेक्टेयर कृषि भूमि है, जिस पर धान की फसल ली गई थी। अल्पवर्षा के कारण उनकी फसल क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसका शासन द्वारा सर्वेक्षण किया जाकर तीन हजार 196 रूपए की मुआवजा राशि की स्वीकृति भी दी जा चुकी है। जांच प्रतिवेदन में उल्लेख किया गया है कि उक्त फसल के लिए मृतक द्वारा न तो सोसायटी (सहकारी समिति) से ऋण लिया गया है, न ही किसी दुकान अथवा साहूकार से कर्ज लिया गया है। वहीं मृतक को मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के तहत अंत्योदय राशन कार्ड से खाद्यान्न के रूप में प्रतिमाह चावल प्रदाय किया जा रहा था।
जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि मृतक का एक पुत्र श्री कमलेश्वर नेताम कांकेर जिला के नरहरपुर तहसील के ग्राम मुसुरपुट्टा में सहायक शिक्षक पंचायत के पद पर कार्यरत थे, जिनकी मृत्यु दो वर्ष पूर्व हो चुकी है। पुत्र कमलेश्वर की पुत्री (मृतक की पोती) कु. वंदना की मृत्यु भी जुलाई 2015 में हो चुकी है, जिसकी वजह से मृतक श्री नेताम चिंतित और दुःखी रहते थे। ग्राम के सरपंच, उपसरपंच तथा अन्य ग्रामवासियों के द्वारा दिए गए बयान के अनुसार श्री फगनूराम की पत्नी श्रीमती राजबती की मृत्यु दस वर्ष पूर्व हो चुकी है। परिवार के सदस्यों की एक के बाद एक लगातार मृत्यु होने की वजह से श्री नेताम मानसिक रूप से परेशान रहते थे।
जांच में यह पाया गया कि तीन दिसम्बर को आमगांव में किसान सभा आयोजित की गई थी, जिसमें कृषकों को फसल बीमा व फसल की क्षतिपूर्ति के बारे में सविस्तार जानकारी दी गई और उन्हें विश्वास दिलाया गया कि सरकार उनको हरसंभव सहयोग देने को तत्पर है। सभा में मृतक का पुत्र श्री भुनेश्वर भी मौजूद थे। उन्हें किसान परामर्श केन्द्र तथा कृषि योजनाओं के बारे में बताया गया था। इस संबंध में आदिम जाति सहकारी समिति बेलरगांव के पत्र से यह स्पष्ट है कि मृतक फगनूराम ने न पूर्व में और न ही वर्तमान में कोई कर्ज लिया था।