किसानों का मुद्दा और संघर्ष बिल्कुल जायज
भारतीय किसान संघ का कहना है कि किसान संगठनों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात सरकार के सामने रखनी चाहिए। फरीदकोट के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने कहा कल बंद में सभी हमारा समर्थन कर रहे हैं। सभी अपने आप बाजार बंद करने के लिए कह रहे हैं, सभी लोग इस बंद के लिए तैयार हैं, वे जानते हैं कि किसान सही है, इसलिए वह हमारा समर्थन कर रहे हैं। बंद के दौरान जरूरी सेवाओं पर छूट होगी। इससे पहले उन्होंने कहा था 9 तारीख को हमारे पक्ष में फैसला आए चाहें नहीं, अगर आता है तो बहुत अच्छा है और अगर नहीं आता है तो हम ये सोच के नहीं आए थे कि हम घर वापस चले जाएंगे।
हम यहीं संघर्ष करते रहेंगे। जब तक हम जीत नहीं जाते तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे। किसानों द्वारा बुलाए गए 8 दिसंबर के भारत बंद को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी समर्थन दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों ने सिंघु बॉर्डर के पास गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में किसानों से मुलाकात की और उनके लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, हम किसानों की सभी मांगों का समर्थन करते हैं। किसानों का मुद्दा और संघर्ष बिल्कुल जायज है।
पिछले 11 दिनों से कृषि विधेयक के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन का सोमवार को 12वां दिन है। यह आंदोलन व्यापक रूप लेता जा रहा है। इस क्रम में मंगलवार, 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया है, जिसे विपक्षी पार्टियों का पूरा समर्थन प्राप्त है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश व जम्मू-कश्मीर की 10 पार्टियों ने संयुक्त बयान जारी कर भारत बंद को अपना समर्थन दिया है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने कहा है कि पार्टी आंदोलनकारी किसानों के साथ है, लेकिन पश्चिम बंगाल में भारत बंद को अपना समर्थन नहीं देंगे। यह हमारे सिद्धांतों के खिलाफ है। भारत बंद के मद्देनजर 8 दिसंबर बुधवार को पंजाब के होटलों व रिसॉर्ट को बंद रखा जाएगा। इसके तहत पहले से किए गए शादी व अन्य पार्टियों की बुकिंग को भी रद्द कर दिया गया है।
इसमें उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती का नाम भी शामिल है। इसके अलावा आंदोलन करने वाले किसानों से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज मुलाकात की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ ने आंदोलनकारी किसानों द्वारा बुलाए गए 8 दिसंबर को भारत बंद से दूरी बना ली है। इसके पीछे भारतीय किसान संघ की ओर से इसमें शामिल राजनीतिक पार्टियों को कारण बताया गया है।
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