पाकिस्तान अकाफ बोर्ड की एक बैठक चेयरमैन डॉ. आमिर एहमद के नेतृत्व में हुई। इसमें उन्होंने बताया कि भारत-पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर के संचालन और अन्य मुद्दों पर हुई तीन बैठकों में कई बातों पर सहमति बन गई है।
13 सितंबर को देर शाम तक चली इस बैठक में अकाफ बोर्ड के अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच के उन मुद्दों पर चर्चा की, जिन पर सहमति बन गई है। इस बैठक में श्रद्धालुओं के लिए श्री ननकाना साहिब में बनाए जाने वाले टेंट विलेज के आकार पर भी चर्चा की गई। बैठक में अकाफ बोर्ड के अधिकारियों को बताया गया कि भारत-पाकिस्तान के बीच इस बात की सहमति बन गई है कि करतारपुर कॉरिडोर से पांच हजार श्रद्धालु गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब पहुंचेंगे।

पाकिस्तान सरकार इन श्रद्धालुओं को मुफ्त सेहत सुविधाएं और लंगर उपलब्ध करवाएगी। पाकिस्तान सरकार करतारपुर साहिब आने वाले सभी श्रद्धालुओं को यात्रा शुरू करने से पहले एक कॉरिडोर यात्रा कार्ड जारी करेगी। करतारपुर कॉरिडोर में पाकिस्तान की चेक पोस्ट में श्रद्धालु को अपना पासपोर्ट जमा करवाना होगा। जब श्रद्धालु दर्शन करने के बाद लौटेगा तो चेक पोस्ट में ही उसका पासपोर्ट मिल जाएगा।

पाकिस्तान सरकार यात्रियों को गुरुद्वारा श्री करतापुर साहिब तक ले जाने के लिए पिक-ड्राप की सुविधा भी देगी। डॉ. आमिर एहमद ने बताया कि भारत सहित दूसरे देशों से आने वाले पांच हजार श्रद्धालुओं के लंगर के लिए पाकिस्तान सरकार प्रति दिन 200 रुपये प्रति श्रद्धालु की हिसाब से खर्च करेगी। हर रोज लंगर के लिए दस लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।

याद रहे कि भारत-पाकिस्तान की बीच तीसरे दौर की बैठक अटारी सड़क सीमा पर हुई थी। इस बैठक में पाकिस्तान सरकार ने प्रति श्रद्धालु 20 अमेरिकन डॉलर (1400 रुपये) वसूलने की मांग रखी थी। भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार की इस मांग का विरोध किया था।

इसके साथ ही पाकिस्तान सरकार ने भारत सरकार की उस मांग का भी विरोध किया हुआ है, जिसमें कहा गया था कि श्रद्धालुओं के साथ एक प्रोटोकॉल अधिकारी को भेजने की भी अनुमति दी जाए। उम्मीद है कि इन दोनों मुद्दों को सुलझाने के लिए दोनों देशों की बीच निकट भविष्य में एक बैठक का आयोजन हो सकता है। PLC.

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