Nitin Agrwal Minister INVC NEWSआई एन वी सी न्यूज़
लखनऊ,
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग तथा निर्यात प्रोत्साहन राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री नितिन अग्रवाल ने निर्देश दिए हैं कि उद्यमियों की समस्याओं का निदान समयबद्ध रूप से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को राज्य सरकार प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों का दायित्व है कि बेरोजगार युवाओं को रोजगार की ओर उन्मुख करने के लिए अधिकारी अपने दायित्व का बेहतर ढ़ंग से निर्वाह करें।
श्री अग्रवाल कल यहाँ तिलक हाल में राज्य स्तरीय लघु उद्योग विभाग के कार्यो की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला उद्योग केन्द्रों को अधिकाधिक प्रभावी बनाया जाना चाहिए, ताकि उद्योग लगाने के लिए लोगों को आवश्यक जानकारी सहजता से मिल सके।
लघु उद्योग राज्यमंत्री ने निर्देश दिए कि औद्योगिक भूखण्डों का उपयोग गैर औद्योगिक भूखण्डों के रूप में किसी भी दशा में नहीं किया जाना चाहिए। यदि इस प्रकार की शिकायतें मिलती हैं तो सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने जिला उद्योग बन्धु की बैठक प्रतिमाह आहूत करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि उद्यमियों की जो समस्याएं जिला उद्योग बंधु की बैठक में हल नही हो पाती हैं, उन्हें राज्यस्तर की उद्योग बन्धु की बैठक में प्रेषित की जाये। उन्होंने कहा कि जिला उद्योग केन्द्रों का नाम बदलकर जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी करने के निर्देश प्रमुख सचिव लघु उद्योग को दिए। उन्होंने अच्छे कार्य करने वाले 10 जनपदों के अधिकारियों को बधाई देते हुए कम प्रगति वाले जिले के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अगली बैठक में बेहतर उपलब्धि के साथ उपस्थित हो, अन्यथा उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
श्री अग्रवाल ने जिला उद्योग बन्धु एवं जिलास्तर पर सिंगल विण्डो सिस्टम का कार्यान्वयन, हस्तशिल्प प्रोत्साहन नीति, एम0एस0ई0 पोर्टल योजना, लघु उद्योग तकनीकी उन्नयन योजना, हस्तशिल्पियों के प्रशिक्षण तथा कौशल उन्नयन के लिए डिजाइन कार्यशाला, शिल्पकारों के लिए पेंशन योजना तथा महिला उद्यमी प्रोत्साहन ब्याज उपादान योेजना की भी विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन में शिथिलता और उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि लघु उद्योग की लम्बित योजनाओं तथा निर्धारित लक्ष्य को समयबद्ध पूर्ण करना सुनिश्चित किया जाय। समीक्षा के दौरान उन्होंने सभी जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धकों को निर्देशित किया कि जिला उद्योग बन्धु की बैठक नियमित रूप से जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सुनिश्चित करें और मौके पर ही उनका समाधान कराये। उन्होंने अधिकारियों के निर्देशित किया कि जिला उद्योग केन्द्रों पर दो रजिस्टर रखे जायें एक शिकायत रजिस्टर तथा दूसरा सुझाव रजिस्टर जिसमें उद्यमी अपने शिकायत एवं सुझाव दे सकें।
प्रमुख सचिव, लघु उद्योग डाॅ0 रजनीश दुबे ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हस्तशिल्प के साथ-साथ नाॅन हस्तशिल्प सेक्टर पर भी विशेष ध्यान केन्द्रित करें।
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास श्री महेश गुप्ता, प्रमुख सचिव लघु उद्योग डाॅ0 रजनीश दुबे, आयुक्त एवं निदेशक उद्योग श्रीमती नीना शर्मा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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