एक युग का अंत है दिलीप कुमार का निधन

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भारतीय फ़िल्मो के पहले सुपरस्टार दिलीप कुमार के निधन के साथ ही फ़िल्मी हस्तियों की एक सदी का अंत हो गया है। दिलीप पहले, अमिताभ बच्चन दूसरे और शाहरुख खान तीसरे  सुपरस्टार माने जाते है। सुपरस्टार दिलीप कुमार ने मुंबई के अस्पताल में आखिरी सांस ली।उन्होंने 98 वर्ष का लम्बा जीवन जिया।दिलीप कुमार को सांस लेने की तकलीफ के कारण 30 जून को मुम्बई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था।अंतिम समय मे उनकी पत्नी सायरा बानो उनके साथ रही। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिलीप कुमार के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा ,”दिलीप कुमार ने अपने आप में भारत के इतिहास को समेटा है।उनके जाने से एक युग का अंत हो गया है।”वही
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिलीप कुमार के निधन पर दुख व्यक्त किया है।उन्होंने सायरा बानो को फोन कर अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं।दिलीप कुमार की मृत्यु के समाचार से जहां भारतीय सिनेमा की दुनिया में एक युग का अंत हो गया है, वहीं अमिताभ बच्‍चन से लेकर अक्षय कुमार तक उनके निधन से सदमे में हैं। 98 साल के दिलीप कुमार का इस तरह चले जाने से अमिताभ बच्‍चन गम में डूब गए हैं। उन्‍होंने कहा है कि दिलीप कुमार एक ऐक्‍टर ही नहीं थे, बल्‍क‍ि स्वयं में एक संस्‍थान थे,जिसकाअंत हो गया है। अमिताभ कहते हैं कि हिंदी सिनेमा का यदि इतिहास लिखा गया तो इसे ‘दिलीप कुमार से पहले…’ और ‘दिलीप कुमार के बाद…’ का ही इतिहास कहा जाएगा।
दिलीप कुमार ने हिंदी सिनेमा  को एक से बढ़कर एक फिल्में दीं।60 वर्षों के लंबे फ़िल्मी करियर में उन्होंने 65 फिल्में की और अपने जानदार और शानदार अभिनय से सबको अपना मुरीद बना लिया था। फिल्म’ ज्वार भाटा’ से अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत करने वाले दिलीप कुमार की दूसरी फिल्म’ प्रतिमा’ थी,जो फ्लॉप रही ।
उनकी तीसरी फिल्म ‘मिलन’ बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट हुई।उसी साल उनकी चौथी फिल्म ‘जुगनू ‘ ने सुपर हिट होकर दिलीप कुमार को चर्चित कर दिया। दिलीप कुमार की कभी न भूलने वाली  फिल्मों में शहीद, मेला, नदिया के पार, बाबुल, फुटपाथ, देवदास, नया दौर, मुगल-ए-आजम, गंगा-जमुना, राम और श्याम और करमा रहीं। दिलीप कुमार की आखिरी फिल्म ‘किला’ है, जो सन 1998 में आई थी।
दिलीप कुमार को भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहेब पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया ।उन्होंने भारत सरकार द्वारा महामहिम राष्ट्रपति के हाथों पद्म विभूषण व  पद्म भूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिले। उन्हें पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान ए इम्तियाज’ से भी नवाजा गया था। वे बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड पाने वाले पहले अभिनेता थे।उनके खाते में एक दो नही बल्कि 9 फिल्मफेयर अवॉर्ड आए थे।दिलीप कुमार सन 2000 से 2006 से राज्यसभा के सांसद भी रहे ।मधुबाला के बाद दिलीप कुमार की जिंदगी में उनकी हमसफर सायरा बानो ने दस्तक दी। दिलीप कुमार और सायरा बानो का प्यार एक मिसाल के तौर पर देखा जाता है। लंबे समय से बीमार दिलीप कुमार की सेवा कर उनमे जान फूंकने वाली सायरा बानो ही आखिर तक डटी रही। यह सायरा बानो का दिलीप के प्रति समर्पण व प्यार का प्रमाण कहा जा सकता है। उन्ही के कारण दिलीप कुमार को कई बार मौत के मुंह से बाहर निकाला जा सका था। सायरा दिलीप कुमार से 22 साल छोटी हैं। उन्होंने पाकिस्तानी महिला असमा से भी शादी की थी। लेकिन बाद में दिलीप कुमार को अपनी गलती की एहसास हुआ तो 2 साल बाद असमा को तलाक देकर वे फिर से सायरा बानो के साथ आ गए थे। तब से उनके आखिरी समय तक सायरा ही उनका साया बनकर रही।ओर अंत मे
प्रियंका गांधी के शब्दों में,”ये देश है वीर जवानों का”, “अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं” जैसे गीतों को करोड़ों लोगों की जुबां तक पहुंचाने वाले और जीवन को अभिनय के जरिए पर्दे पर उकेरने वाले महान अभिनेता दिलीप कुमार जी का जाना सिनेमा के एक युग का अंत है।” P,LC.

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