
आई एन वी सी न्यूज़
जयपुर,
सहकारिता राज्य मंत्री अजय सिंह किलक ने राज्य विधानसभा में कहा कि राज्य में नई ग्राम सेवा व क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के गठन, कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिए नई सहकार किसान कल्याण योजना, जिला स्तर पर एटीएम सुविधा आरंभ करने, ऑर्गेनिक उत्पादों के बिक्री केन्द्र खोलने, प्रत्येक जिले में 3-3 सुपर मार्केट शुरु करने, सामाजिक सुरक्षा के तहत दुर्घटना बीमा योजना में 3 लाख रुपए तक का लाभ देने और सहकारी विपणन व उपभोक्ता सेवाओं के विस्तार सहित सहकारी क्षेत्र में अनेक किसानों, ग्रामीणों व सदस्योन्मुखी घोषणाएं की है।
श्री किलक शनिवार को सदन में मांग संख्या 36 सहकारिता पर हुई बहस का जबाव दे रहे थे।बहस के बाद सदन ने सहकारिता की 4 अरब 92 करोड़ 65 लाख 29 हजार रुपए की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी। इससे पहले सहकारिता मंत्री ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि मांगों के संबंध में 167 कटौती प्रस्ताव सदन में आऐ हैं उनका जबाब भिजवाया दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सहकारी सुविधाओं के विस्तार, व्यवस्था को पारदर्शी बनाने तथा सहकारी संस्थाओं के तकनीकी अपग्रेडेशन करते हुए पूरे प्रदेश में सहकारी सेवाओं का सुदृढ़ीकरण कर रही है।
सहकारिता राज्य मंत्री ने नई घोषणाएं करते हुए कहा कि कृषि और इससे जुड़ी सभी गतिविधियों के लिए सहकारी बैकों से ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सहकार किसान कल्याण योजना शुरु कर 400 करोड़ रुपए के सहकारी ऋण 11.5 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध कराए जाऐंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना में किसानों को डीएलसी दर का 70 प्रतिशत तक ऋण दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा ऋणी सदस्यों की दुर्घटना बीमा योजना का दायरा बढ़ाते हुए अब बीमित किसान की आकस्मिक मृत्यु होने पर 50 हजार के स्थान पर 3 लाख रुपए का बीमा लाभ दिया जाएगा।
सहकारी बैंकों को कोर बैंकिंग प्लेटफार्म पर लाने की चर्चा करते हुए सहकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि बैंकों की 455 शाखाओं को सीबीएस व्यवस्था से जोड़ते हुए मेन्युअल के स्थान पर अब कम्प्यूटरीकृत कार्य आरंभ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 में राज्य के सभी केन्द्रीय सहकारी बैंकों के मुख्यालय पर एटीएम सुविधा आरंभ कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकतर प्रदेशवासियों तक सहकारी बैंकिंग सुविधाओं की सहज सुलभता के लिए केन्द्रीय सहकारी बैंकों की 20 नई शाखाएं आरंभ की जाएगी। उन्होंने 13 से 14 प्रतिशत पर दीर्घकालीन ऋण वितरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अब इस पर पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान देने का निर्णय किया है जिससे काश्तकारों को कृषि निवेश के लिए सस्ती दर पर सहकारी ऋण मिल सकेंगे।
श्री अजय सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने भामाशाह व अन्य राजकीय योजनाओं में सीधे नकद लाभ हस्तांतरण में सहकारी संस्थाओं की भागीदारी तय करने के लिए ग्राम सेवा सहकारी समितियों को बीजनेस कोरेसपोंडेट बनाने की पहल की है और अब तक 2706 पेक्स व 3325 ई-मित्र केन्द्रों को सीसीबी का बीजनेस कोरेसपोंडेंट बनाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हमनें पेक्स-लेम्प्स के कम्प्यूटरीकरण के कार्य को गति दी है और 1211 पेक्स-लेम्प्स के कम्प्यूटरीकरण का लक्ष्य रखते हुए 755 समितियों में कम्प्यूटरीकरण का काम शुरु कर दिया है।इससे अब केन्द्रीय सहकारी बैंकों सहित चरणबद्घ तरीके से पेक्स -लेम्प्स तक कम्प्यूटरीकृत पारदर्शी व्यवस्था हो सकेगी।
सहकारिता राज्यमंत्री श्री सिंह ने जैविक उत्पादों के विपणन के लिए राजधानी जयपुर सहित उदयपुर, कोटा व जोधपुर में एक-एक ओरगनिक उत्पादों के बिक्री केन्द्र खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसी तरह से सभी जिलों में 3-3 पेक्स-लेम्पस में सुपर मार्केट खोलने, जिलों में एक-एक महिला सुपर मार्केट खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान सरकार ने महिलाओं द्वारा संचालित 13 महिला सुपर मार्केटों का संचालन आंरभ कर दिया है।
सहकारी विपणन सुविधाओं के विस्तार और सुधार पर जोर देते हुए श्री अजय सिंह ने कहा कि उर्वरकों की ऑनलाईन आपूर्ति मॉनिटरिंग व्यवस्था शुरु की जाएगी ताकि उर्वरकों के वितरण में पारदर्शिता, मांग व उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।उन्होंने भरतपुर व जयपुर संभाग में विकेन्द्रीकृत खरीद व्यवस्था आरंभ करने की मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सहकारी क्षेत्र में ग्राम स्तर पर भण्डारण सुविधा के विस्तार का निर्णय किया गया है। इस समय 500 पेक्स व 60 क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में गोदाम नहीं है। उन्होंने कहा कि इस साल 10 करोड़ रुपए की लागत से 100 पेक्स में गोदामों का निर्माण करवाया जाएगा।
सहकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सहकारी संस्थाओं की स्वायत्तता के साथ ही वित्तीय अनुशासन की हामी रही है। उन्होंने कहा कि ऑडिट नहीं कराने व रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराने वाली सहकारी समितियों के विरुद्घ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाओं में किसी भी तरह की अनियमितता को सहन नहीं किया जाएगा।
सहकारी संस्थाओं मेें मानव संसाधन की चर्चा करते हुए श्री अजय सिंह ने कहा कि सहकारी बैंकों में 613 पदों की भर्ती के लिए परीक्षा जारी है। उन्होंने कहा कि सहकारी भूमि विकास बैंकों के 150 से अधिक रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि व्यवस्थापकों व अन्य कार्मिकों की समस्याओं के निदान के लिए सकारात्मक सोच के साथ निराकरण पर विचार किया जा रहा है। चालू वित वर्ष में ऑडिट कराने वाली पेक्स कार्मिकों के वेतनभत्तों व प्रशासनिक खर्च वर्तमान में लाभ की 60 प्रतिशत सीमा को बढ़ाकर 70 प्रतिशत करने की घोषणा की।
सहकारी उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज राजस्थान देश में नाबार्ड से फसली ऋण राशि लेने वाला अग्रणी राज्य बन गया है। वर्ष 2015-16 में किसानों को 17 हजार 500 करोड़ रुपये के फसली सहकारी ऋण वितरित किए जाएंगे जो गत बजट से 1500 करोड़ अधिक होने के साथ ही राज्य में अब तक सर्वाधिक होगा। उन्होंने बताया कि 2 केन्द्रीय सहकारी बैंकों को छोडक़र शेष बैंकों का सीआरएआर का स्तर 7 प्रतिशत से अधिक हो गया है। कोटा व चूरु सीसीबी को भी खतरे से बाहर ले आएंगे। उन्होंने बताया कि सीसीबी का समग्र लाभ 20 करोड़ से अधिक हो जाएगा जबकि पिछली सरकार के कार्यकाल में इन बैंकों में से 6 बैंक हानि में तथा समग्र कारोबार 11 करोड़ की हानि में आ गया था। उन्होंने बताया कि इसी तरह से सहकारी भूमि विकास बैंकों की स्थिति में भी सुधार आया है और 36 में से 24 बैेक चालू वर्ष में लाभ की स्थिति में आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि 36 में से 25 से अधिक उपभोक्ता भण्डारोंं के लाभ में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।