अब MLA की खरीद-फरोख्त मामले की जांच करेगी CBI

0
19

तेलंगाना में बीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले की जांच हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी है। भाजपा नेता और वकील एडवोकेट राम चंद्र राव ने इसके बारे में जानकारी देते हुए हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।बीजेपी नेता और एडवोकेट राम चंद्र राव ने बताया कि हाई कोर्ट ने बीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया है। इतना ही नहीं तेलंगाना हाईकोर्ट ने मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी को भी रद्द कर दिया है।

क्या है पूरा मामला

बीआरएस के विधायकों में से एक पी रोहित रेड्डी की शिकायत के आधार पर 26 अक्टूबर की रात में रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंद कुमार और सिम्हाजी स्वामी के खिलाफ संबंधित धाराओं- आपराधिक साजिश, रिश्वत की पेशकश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किए गए थे। प्राथमिकी के मुताबिक, रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश की। इसके बदले में उसने शर्त रखी थी कि उन्हें टीआरएस छोड़कर भाजपा में शामिल होना पड़ेगा।

बीआरएस के चार विधायक पायलट रोहित रेड्डी, बी हर्षवर्धन रेड्डी, रेगा कांथा राव और गुव्वाला बलराजू ने अज्ञात लोगों से धमकी भरे फोन आने की शिकायत की है। फोन पर उन्हें बीआरएस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के लिए कहा गया है। कथित तौर पर धन का प्रलोभन भी दिया गया था। विधायकों की शिकायत के बाद रायदुर्गम, बंजारा हिल्स, घाटकेसर और गचीबावली पुलिस थानों में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

बता दें कि बीआरएस विधायकों में से एक पायलट रोहित रेड्डी की शिकायत के आधार पर, 26 अक्तूबर की रात को तीन आरोपियों- रामचंद्र भारती, कोरे नंद कुमार और सिम्हायाजी स्वामी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए थे। केसीआर की पार्टी के विधायकों ने आरोप लगाया था कि हमें दल बदलने के लिए रिश्वत देने का प्रयास किया गया। PLC

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here